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इसरो नौकरी धोखाधड़ी: पुलिस को शिकायतकर्ता पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया

बेंगलुरु, 27 मई (भाषा) कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मंगलवार को बेंगलुरु पुलिस को उस व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया जिसने दावा किया था कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में नौकरी दिलाने के नाम पर एक महिला और उसके कथित साथियों ने उससे एक करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की है।

न्यायालय ने इस लेनदेन की ‘असामान्य प्रकृति’ का हवाला देते हुए यह निर्देश दिया। न्यायमूर्ति सूरज गोविंदराज की अगुवाई वाली अवकाशकालीन पीठ ने आरोपी विनुथा एम. ई. द्वारा दायर जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया।

अदालत ने लेनदेन की ‘असामान्य प्रकृति’ को देखते हुए शिकायतकर्ता के खिलाफ ही शिकायत दर्ज करने का निर्देश दिया।

न्यायालय ने कहा, ‘‘शिकायतकर्ता का आरोप है कि उसने इसरो जैसे प्रतिष्ठित संगठन में नौकरी पाने के लिए याचिकाकर्ता (आरोपी महिला) और अन्य को 1.03 करोड़ रुपये का भुगतान किया। इसलिए, प्रथम प्रतिवादी (अन्नपूर्णेश्वरी नगर पुलिस) को शिकायतकर्ता के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का निर्देश दिया जाता है।’’

इसके अतिरिक्त अदालत ने इस आदेश की एक प्रति इसरो के अध्यक्ष को भेजने के लिए कहा है। अदालत ने रजिस्ट्रार न्यायिक को निर्देश दिया कि वे यह सुनिश्चित करें कि चार जून को होने वाली अगली सुनवाई तक इस तरह के संचार का सबूत प्रस्तुत किया जाए।

याचिकाकर्ता विनुथा एम. ई. को कोल्लेगल और चिकमगलुरु टाउन पुलिस थाने में उसके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों के बारे में विवरण प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया गया है।

शिकायतकर्ता संजय एन ने आरोप लगाया कि अगस्त 2024 में नगरभावी में उनके आवास पर विनुथा पहुंची और उसने उनको बताया कि वह उन्हें इसरो में ग्राफिक डिजाइनर का पद दिला सकती है।

संजय ने बताया कि विनुथा ने कथित तौर पर शुरुआत में 37 लाख रुपये लिए, उसके बाद विक्टोरिया अस्पताल से जारी स्वास्थ्य प्रमाणपत्र लिया, लेकिन कोई नौकरी की पेशकश नहीं की।

संजय ने बताया कि विनुथा ने बाद में अतिरिक्त 23 लाख रुपये की मांग की जिसका भुगतान उसने नकद में किया।

संजय ने दावा किया कि महिला आरोपी ने उसे कुछ और लोगों से मिलवाया और उनकी पहचान इसरो में कार्यरत सुप्रथो पाथो, रेड्डप्पा, राजेंद्र ए के और अनिल कुमार के रूप में कराई। लेकिन इन लोगों ने भी संजय से पैसे मांगे।

नौकरी की लालच में संजय ने कुल 1.03 करोड़ रुपये दिये, लेकिन जब ​​नौकरी नहीं मिली और पैसे वापस नहीं किए गए तो उसने शिकायत दर्ज कराई।

इस मामले की अगली सुनवाई चार जून को की जाएगी।

भाषा संतोष माधव

माधव

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