Scotch Whisky Price Drop In India: देश में कम होंगे स्कॉच व्हिस्की के दाम, 5 हजार वाली बोतल अब मिलेगी मात्र इतने में…

नई दिल्ली: Scotch Whisky Price Drop In India: भारत में बहुत से लोग ऐसे हैं जो मदिरापान करते हैं। भारत में रहने वाले लोग सस्ती से लेकर महंगी तक हर तरह की शराब पीना पसंद करते हैं। कई लोग ऐसे हैं जो स्कॉच व्हिस्की पीते हैं। ऐसे में आज हम स्कॉच व्हिस्की प्रेमियों के लिए एक खुशखबरी लेकर आए हैं। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि, भारत में स्कॉच व्हिस्की की कीमत में कटौती होने जा रही है।
दरअसल, हाल ही में भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौता (FTA) सम्पन्न हुआ था। इस समझौते के तहत भारतीय सरकार ने स्कॉच व्हिस्की पर वर्तमान 150% आयात शुल्क को घटाने का निर्णय लिया है। स्कॉच व्हिस्की एसोसिएशन ने सरकार के इस कदम की सराहना की है। यह शुल्क समझौते के लागू होते ही तुरंत 75% पर आ जाएगा और अगले दशक में यह धीरे-धीरे 40% तक कम हो जाएगा।
स्कॉच व्हिस्की के दामों में आएगी कमी
Scotch Whisky Price Drop In India: इसका परिणाम ये होगा कि, प्रीमियम और मिड-रेंज स्कॉच व्हिस्की के दामों में बड़ी गिरावट आएगी। ऐसा माना जा रहा है कि, वर्तमान में 5 हजार में बिकने वाली बोतल अब पहले चरण में 3,500 से 4 हजार में मिल सकेगी। इतना ही नहीं आने वाले वर्षों में स्थानीय करों और वितरकों के मार्जिन के आधार पर कीमत और भी कम हो सकती है।
स्कॉच व्हिस्की एसोसिएशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क केंट ने इस एफटीए को “एक पीढ़ी में एक बार होने वाला समझौता” करार दिया, और कहा कि यह “गंभीर समय में दो बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन होगा।” उन्होंने यह भी कहा, “स्कॉच व्हिस्की पर 150% के वर्तमान शुल्क में कटौती उद्योग के लिए क्रांतिकारी साबित होगी और अगले 5 वर्षों में भारत को स्कॉच व्हिस्की निर्यात में £1 बिलियन का इजाफा करने की क्षमता रखती है, जिससे यूके में 1,200 नौकरियां भी उत्पन्न होंगी।”
भारतीय व्हिस्की के साथ प्रतिस्पर्धा करेंगे यूके के ब्रांड्स
Scotch Whisky Price Drop In India: इतना ही नहीं सरकार का यह फैसला स्कॉच के छोटे और बुटीक डिस्टिलरी ब्रांड्स को भारतीय बाजार में प्रवेश करने का भी देगा। उम्मीद जताई जा रही है कि, यूके के ब्रांड्स भी भारतीय व्हिस्की के साथ प्रतिस्पर्धा करेंगे, जिससे स्कॉच की विविधता, गुणवत्ता और प्रचारात्मक ऑफ़र बढ़ेंगे।
यह एफटीए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूके के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर द्वारा संयुक्त रूप से घोषित किया गया था, और यह एक बड़े व्यापारिक दृष्टिकोण का हिस्सा है, जिसके तहत द्विपक्षीय व्यापार 2030 तक $100 बिलियन तक दोगुना होने का अनुमान है। यूके के अनुमानों के अनुसार, ब्रिटिश माल पर भारतीय शुल्क कटौती-जिसमें व्हिस्की, कार, कॉस्मेटिक्स और चिकित्सा उपकरण शामिल हैं। पहले साल में £400 मिलियन से अधिक होगी, और अगले दशक में यह £900 मिलियन तक पहुँच सकती है।