खास खबरछत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

दुर्ग में अब भाजपा भी निर्दलियों व कांग्रेस के क्रास वोट की आस पर अपना मेयर व सभापति बनाने कर रही है कोशिश

एक नाम पर सहमति नहीं बन पाने से कांग्रेस के लिए विकट स्थिति 

कल महापौर चुनाव के लिए भाजपा निर्दलियों व कांग्रेसी पार्षदों पर डालने लगी है डोरा

दुर्ग। दुर्ग नगर निगम महापौर पद के लिए किसी एक नाम पर सहमति नही बन पाने के कारण कांग्रेस में विकट स्थिति का सामना करना पड़ रहा है, इसके अलावा पिछड़ा वर्ग का कार्ड खेलकर कुछ पार्षद और ओबीसी समाज के लोग ने कांग्रेस को अलग टेंशन में डाल दिया है। कांग्रेस के महापौर पद के उम्मीदवार स्वयं महापौर बनने अपनी अपनी लॉबी चला रहे है, ये लोग दिल्ली तक दौड़ लगा चुके है। कई दावेदारों के हवाले से यहां तक सूचना आ रही है कि यदि उनको मेयर पद का प्रत्याशी नही बनाया गया तो क्रास वोटिंग हो सकती है।  इन सभी स्थितियों पर नजर गड़ाये भाजपा भी अब अपनी रोटी सेकने का प्रयास कर रही है, और कांगे्रस को मेयर और सभापति पद पर वाक ओवर देने के बजाय अब महापौर और सभापति दोनो पद पर अपना प्रत्याशी महज इस भरोसे जा रही है कि उनके पास भाजपा के 16 प्रत्याशी है, और वर्तमान स्थिति को देख इस चुनाव में जीत कर आये 13 निर्दलीय प्रत्याशी भी भाजपा को साथ दे सकते हैं और दो कांग्रेसी पार्षदों से वे अपने पक्ष में क्रास वोटिंग कराने की जुगाड़ लगा रहे है। भाजपा द्वारा अपना प्रत्याशी उतारने का फैसला पार्टी की राष्ट्रीय महामंत्री सरोज पाण्डेय के दुर्ग आने और भाजपा पार्षदो से चर्चा करने के बाद किया गया। क्योंकि कांग्रेस के रवैया और कांग्रेस के महापौर पद के उम्मीदवार द्वारा स्वयं के महापौर नही बनाये जाने पर क्रास वोटिंग तक होने की जानकारी मिलने के कारण भाजपा ने अपनी ये रणनीति बनाते हुए अपना दोनो प्रत्याशी उतारने के लिए निर्णय लिये। 

हालांकि महापौर के लिए 31 पार्षदों की आवश्यकता है, जिसमे 30 तो कांग्रेस के ही पार्षद  है और मात्र एक निर्दलीय की आवश्यकता है, इसके लिए कांग्रेस भी अपना महापौर बनाने के लिए आश्वस्त होने का दिखावा तो कररही है पर अपने ही महापौर पद के उम्मीदवारों से अंदर ही अंदर भयभीत है कि कही उनके उम्मीदों पर पानी न फिर जाये। 

 कांग्रेसी दावेदारों में मचे घमासान के बीच भाजपा ने भी अपना प्रत्याशी उतारने का ऐलान कर दिया है। भाजपा के 60 में से 16 ही अपने पार्षद होने से निर्दलीय को साधने के साथ ही कांग्रेस के क्रॉस वोटिंग की कोशिशें तेज हो चुकी है। वहीं कांग्रेस में अब भी किसी एक नाम पर सहमति का प्रयास जारी है।

दुर्ग निगम के महापौर व सभापति का चुनाव कल 6 जनवरी को होना है। इन दोनों ही पद के करीब 60 में से 30 वार्डों में जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस पार्टी नजर आ रही है। लेकिन कई दौर की चर्चा के बाद भी किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पाने से कांग्रेस को विकट स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी परिस्थितियों के बीच भाजपा से भी अब अपने पत्ते खोल दिए हैं और महापौर व सभापति पद पर कांग्रेस के वाकओवर देने के बजाए अपना प्रत्याशी उतारने का निर्णय लिया है। खास बात है कि भाजपा के पास केवल 16 ही पार्षद है। महापौर अथवा सभापति पद पर आर-पार की जंग में भाजपा को 31 पार्षदों का समर्थन जुटाना पड़ेगा। इसके लिए 13 निर्दलीय व जोगी कांग्रेस के एक पार्षद को साधने की कोशिश भाजपा को करनी पड़ेगी। इसके बाद भी जादुई आंकड़ा को प्राप्त करने के लिए कांग्रेस से क्रॉस वोटिंग कराना जरुरी होगा। जिसके लिए भाजपाई अब निर्दलीय पार्षदों और कांग्रेस के पार्षदों पर अपना डोरा डालना शुरू कर दिया है।

Related Articles

Back to top button