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#SarkaronIBC24: खराब ट्रैक रिकॉर्ड वाले फॉरेन फंडेड NGO के खिलाफ सख्ती का संदेश, कांग्रेस ने सरकार की मंशा पर उठाए सवाल

strictness against foreign funded NGOs, image source: ibc24

रायपुर: #SarkaronIBC24, छत्तीसगढ़ के CM विष्णुदेव साय ने खराब ट्रैक रिकॉर्ड वाले फॉरेन फंडेड NGO के खिलाफ सख्ती का संदेश दिया है…विपक्ष कहता है ये सब बेकार की बाते हैं, कांग्रेस ने उल्टे मुद्दे पर सरकार की मंशा पर सवाल उठा दिया…पहली बार नहीं है जब विदेशी फंडिग, उसके मिसयूज, धर्मांतरण के लिंक पर बहस छिड़ी हो, सवाल ये है कि क्या वाकई ऐसी संस्थाओं की सीरियस मॉनिटरिंग हो रही है, क्या वास्तव में मंशा ऐसी संस्थाओं पर नकेल कसने की है, या फिर ये केवल सियासी ऐजेंडा मात्र है ?

strictness against foreign funded NGOs, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने US-AID संस्था की फंडिंग पर लगाम लगाते हुए, खुलासा किया कि, US-AID संस्था ने भारत में वोटर टर्नआउट बढ़ाने के नाम पर 182 करोड रुपए का फंड दिया…इस खुलासे के बाद देशभर में विदेशी फंडिंग वाली संस्थाओं की गतिविधियों की जांच शुरू हो गई है…इसी बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि राज्य में कुछ संस्थाएं विदेशी फंडिंग का दुरुपयोग कर उसका धर्मांतरण में इस्तेमाल करती हैं… CM साय ने कहा कि सरकार तय करेगी कि प्रदेश में कोई भी NGO स्वास्थ्य या शिक्षा के नाम पर विदेशी फंडिंग का मिसयूज ना करे…वहीं, डिप्टी सीएम अरुण साव का दावा है कि जो भी धर्मांतरण या देश विरोधी काम करती हैं, उनपर कड़ा एक्शन होता है…।

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इधर, सत्तापक्ष के नेताओं के बयान पर कांग्रेसने डबल इंजन सरकार पर तंज कसते हुए पूछा कि अगर पता है कि विदेशी फंडिंग का उपयोग धर्मांतरण में हो रहा है तो फिर सरकार और सीएम चुप क्यों है ? वहीं, पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने उल्टे ऐसे NGO का बचाव करते हुए कहा कि ऐसी संस्थाएं धर्मांतरण नहीं करती बल्कि आपात स्थिति में मदद करती हैं…।

जाहिर है प्रदेश के मुख्यमंत्री का NGO’S को विदेशी फंडिंग और उसके धर्मांतरण कनेक्शन पर बयान ना तो विपक्ष को रास आया है और ना ही ऐसे NGO’s को…कोण्डागांव,कुम्हारपारा में संचालित साथी समाज सेवी संस्था प्रमुख ने मुख्यमंत्री के बयान पर नसीहत देते हुए कहा कि सरकार को ऐसे सार्वजनिक बयानों से बचना चाहिए…सरकार के पास तो सभी संस्थाओं का पूरा वित्तीय डेटा है, दुरुपयोग हो तो जांच कर फौरन एक्शन लें…इधर, सरकार का दावा है कि धर्मांतरण पर सख्त कानून बनाने के साथ-साथ वो ऐसे NGO’s पर भी शिकंजा कस रहे हैं, सवाल ये है कि क्या वाकई सरकार के पास विदेशी फंडिग का दुरूपयोग करने वाली संस्थाओं का डेटा है ? सवाल विपक्ष के लिए भी है बिना जांच-पड़ताल के विदेशी फंडिग वाले NGO’s का पक्ष क्या केवल सियासी विरोध के लिए है ?

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