MP Assembly Winter Session 2024 : सदन में मच गया बवाल.. विपक्ष ने इन मुद्दों को लेकर सरकार को घेरा, हंगामा बढ़ता देख विधानसभा की कार्रवाई अनिश्चितकाल के लिए की गई स्थगित

भोपाल। MP Assembly Winter Session 2024 : मध्य प्रदेश विधानसभा में आज पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र अंतिम दिन था। 11 बजे से शुरु हुए सत्र की शुरुआत से पहले ही कांग्रेस का हल्लाबोल देखने को मिला। संसद में अमित शाह द्वारा बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर पर टिप्पणी को अमर्यादित बताते हुए कांग्रेस केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर हमलावर हुई। एमपी-पीएससी के मुद्दे को लेकर भी विपक्ष का हंगामा देखने को मिला। वहीं सदन में नेतागण अपनी बात रखी। वहीं दूसरी ओर बीजेपी नेताओं ने भी राहुल गांधी पर संसद के अपमान का आरोप लगाया। सदन में जमकर हंगामे के बीच एमपी विधानसभा की कार्रवाई अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई है।
कुंवर सिंह टेकाम ने उठाया फर्जी प्रमाण पत्र का मुद्दा
सदन में कुंवर सिंह टेकाम ने प्रश्नकाल के दौरान जनजाति वर्ग का फर्जी जाति प्रमाण पत्र का मामला उठाया। मनीष कुदेर और रजनीश कुडेर ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाकर एमपी में जमीन खरीदी है। मनीष उत्तर प्रदेश का रहने वाला है और सीधी से जाति प्रमाण पत्र जारी किया गया है। क्या सरकार इस मामले में जांच कराएगी? इस पर जवाब देते हुए मंत्री विजय शाह ने कहा कि हमने 5 बार मनीष को छानबीन समिति ने बुलाया था, लेकिन वो नही आया। ऐसे में अब एक तरफा कार्रवाई करने के लिए सरकार कदम उठा रही है और जल्द ही अपराधिक मामला दर्ज कर कार्रवाई करेंगे।
मोहन भागवत के बयान पर बोले रामेश्वर शर्मा
विधानसभा में मोहन भागवन के बयान का मुद्दा भी छेड़ा गया। जिस पर बयान देते हुए रामेश्वर शर्मा ने कहा कि संघ की बात से मैं 100 प्रतिशत सहमत हूं। धर्म संसद के जो विषय है उन विषयवस्तु के आधार पर संत समाज हमारा मार्गदर्शन करता है। आजकल तथाकथित कोई भी झंडा लेकर खड़ा हो जाता है और कहीं भी कुछ करने लगता है ना प्लान है ना जानकारी है ना कुछ है। हिंदुत्व का नेतृत्व प्रमुखता से प्रमुखता से दिखने वाला नेतृत्व है।
बीजेपी विधायक ने आगे कहा कि जो 1925 से लेकर आज तक इस देश की धरती इस देश की वसुंधरा देश के साथ दिखता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का अध्ययन जो होता है वह माइक्रो लेवल पर होता है। अकेले हिंदुस्तान ही नहीं विदेश की धरती पर भी दिखता है। मोहन भागवत जी का जो संदेश है वह क्लियर है साफ है। केवल हिंदुओं की बात कब और कैसे कहना चाहिए और किसको कहना चाहिए यह समझना चाहिए।
संघ प्रमुख डॉ मोहन भागवत के बयान पर सियासत साफतौर से देखने मिल रही है। मोहन भागवत के बयान पर उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा कि मोहन भागवत जी ठीक कह रहे हैं। मोहन भागवत जी को सबसे पहले बीजेपी नेताओं को ट्रेनिंग देनी चाहिए। बीजेपी के वह नेता जो राजनीतिक रोटी इन्हीं मुद्दों पर सेंकते हैं उनको ट्रेनिंग दें। बीजेपी धर्म की राजनीति करती है और कांग्रेस विकास की राजनीति करती है।
जल जीवन मिशन का सदन में उठा मामला
पिपरिया से बीजेपी विधायक ठाकुरदास नागवंशी ने प्रश्नकाल में जल जीवन मिशन के काम की क्वालिटी ठीक नहीं होने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन की हकीकत सबको पता है। सरकार की मंशा हर गरीब को पानी देने की है। ठेकेदारों की लापरवाही के कारण काम हुआ भी तो उसकी क्वालिटी ठीक नहीं है। जो पाइप लाइन डाली गई है, उसे चालू करते हैं तो कहीं न कहीं से सीपेज हो जाती है। ऐसे ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई करें।
वहीं नेता प्रतिपक्ष ने उमंग सिंघार ने कहा कि ये मामला पिछले सत्र में भी उठाया गया था। संसदीय कार्य मंत्री ने एक महीने में जांच करने का आश्वासन दिया था, 3 महीने हो गए, न जांच हुई, न सदन के पटल पर रिपोर्ट आई, जांच हुई है तो रिपोर्ट कब तक आएगी, वो बताएं।
इसके बाद बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि समिति बनाकर जल जीवन मिशन की जांच कराएं। इस मामले का निष्पक्ष रूप से ऑडिट कराया जाए कि वर्तमान में स्थिति क्या हैघ्जब मैं पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री था, उस समय जल निगम का गठन हुआ था। उसके बाद जल जीवन मिशन आया। उसी के अंतर्गत यह काम हो रहा है। पाइप लाइन डालने के लिए सड़कें खोद दी गईं। अलग-अलग योजनाओं से महंगी और अच्छी सड़कें बनाई गई थीं सबको तोड़ दिया गया। मेरा सुझाव है कि सदन के सदस्यों की समिति बनाकर देखें कि वास्तव में सरकार के पैसे का सदुपयोग हुआ है या नहीं। कई योजनाएं जो 2 साल में पूरी होनी थीं। 5 साल होने के बाद भी कंपलीट नहीं हुईं।