Dongargarh Mandir Prasad: अब छत्तीसगढ़ के इन मंदिरों में भी प्रसाद की गुणवत्ता की होगी जांच, खाद्य एवं औषधि विभाग ने जारी किया आदेश
Dongargarh Mandir Prasad: डोंगरगढ़। तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसादम में जावनरों की चर्बी और मछली का तेल मिलाए जाने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले के बाद अब कई मंदिर में बाहर के प्रसाद पर बैन लगा दिया गया है। इसी कड़ी में अब डोंगरगढ़ जिले के मंदिरों में प्रसाद की गुणवत्ता की भी जांच होगी। खाद्य एवं औषधि विभाग ने इसके लिए आदेश जारी किया है।
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नवरात्र में मंदिरों में देवभोग घी का उपयोग
मिली जानकारी के मुताबिक, प्रसाद का सैंपल लिया जाएगा। वहीं, नवरात्र में मंदिरों में देवभोग घी का प्रसाद में उपयोग किया जाएगा। बता दें कि तिरुपति मंदिर में प्रसाद विवाद के बाद ये फैसला लिया गया है। इधर, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के प्रसिद्ध मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर में बाहरी प्रसाद पर बैन लगा दिया है। अब घर का प्रसाद और ड्राई फ्रूट का ही भोग लगा सकेंगे। समाजवादी पार्टी सांसद डिंपल यादव ने मथुरा वृंदावन में प्रसाद की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
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वृंदावन में भी प्रसाद की गुणवत्ता पर उठे सवाल
सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि, ‘वृंदावन में भी ऐसी ही बातें सुनने को मिल रही हैं कि सही क्वालिटी का खोया इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। मुझे लगता है कि अब विभाग को कुछ करना चाहिए। सरकार भाजपा की है, उन्हें इस पर काम करना चाहिए।’ बता दें कि मथुरा से पिछले 48 घंटों में अलग-अलग जगहों पर से प्रसाद के रूप में बिक रहे पदार्थों के कुल 13 नमूने एकत्र कर प्रयोगशाला भेजे गये हैं। अधिकारियों ने बताया कि, श्रीकृष्ण जन्मभूमि, वृन्दावन के ठा. बांकेबिहारी मंदिर एवं गोवर्धन के दानघाटी मंदिर के बाहर स्थित दुकानों पर से ये नमूने लिये गये हैं।