Face To Face Madhya Pradesh: कद.. किरदार.. प्रभार.. कौन हुआ मजबूत? क्या कहता है जिलों के प्रभार देने के फैसले के पीछे का गणित?
Face To Face Madhya Pradesh: भोपाल। मोहन सरकार बनने के तकरीबन 7 माह बाद मंत्रियों को जिलों का प्रभार मिल चुका है। मंत्रियों को मिले प्रभार को देखकर साफ हो गया कि ग्वालियर-चंबल में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का दबदबा देखने को मिला है। तो इधर मध्य क्षेत्र में शिवराज सिंह चौहान का रूदबा बरकरार है। हालांकि, कई पुराने नेताओं को बड़े जिलों से दूर रखकर पार्टी ने एक लकीर जरूर खींची है। लेकिन, इस सूची को देखकर इतना तो साफ हो ही गया है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पूरी पावर अपने पास रखी है।
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7 महीने के लंबे इन्तजार के बाद आखिर में मोहन कैबिनेट को प्रभार के जिले मिल ही गए। प्रभारी मंत्रियों की सूची देखकर लगता है कि बीजेपी ने सभी समीकरण साधने की कोशिश की है। लेकिन, सिंधिया का दबदबा भी देखने को मिला। लेकिन, सीनियर मंत्रियों के दबाव बिलकुल काम नहीं आया और जिलों के प्रभार में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पावर अपने हाथ में ही रखे है। प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर जिले का प्रभार सीएम डॉ मोहन यादव ने अपने पास रखा है। वहीं, राजधानी भोपाल जिले की कमान चैतन्य कश्यप को दी है। माइनिंग वाले सिंगरौली जिले का प्रभार पहली बार मंत्री बनी संपतिया उइके को दिया गया है।
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सीनियर मंत्रियों को प्रभार में एक जिला गृह नगर से नजदीक और एक दूर का दिया गया है। 31 मंत्रियों में से 7 मंत्रियों को एक-एक जिले का प्रभार दिया गया है। शिवराज सिंह चौहान का भी दबदबा दिखा शिवराज के वर्चस्व वाले इन तीनों जिलों विदिशा, सीहोर, रायसेन में प्रभारी मंत्री उन्हीं के समर्थक हैं। तो वहीं, बड़े जिलों का प्रभार नहीं देकर कैलाश विजयवर्गीय और प्रहलाद पटेल का कद कम किया है। इधर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने संसदीय क्षेत्र के गुना शिवपुरी जिलों में अपने समर्थक करीबी मंत्रियों को प्रभार दिलाने में कामयाब रहे। सिंधिया के बढ़ते कद पर कांग्रेस ने बीजेपी पर कटाक्ष किया।
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भले ही इंदौर जिले का प्रभार खुद अपने पास रखा हो, लेकिन उनकी कैबिनेट के दिग्गज मंत्रियों कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल, राकेश सिंह को भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर जैसे बड़े जिलों से दूर रख कर बड़ा सन्देश दिया है। इधर ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक मंत्रियों को प्रभार जिला दिलाने में कामयाब हुए यानी प्रभारी मंत्रियों में हुए जिले के बंटवारे में सिंधिया ने साफ कर दिया है कि, उनके प्रभार के जिलों में ब्यूरोक्रेसी की कमान सिंधिया ही संभालेंगे।