Old Pension Scheme : पुरानी पेंशन योजना को लेकर बड़ा अपडेट..! क्या अब इस राज्य के लाभार्थियों को भी नहीं मिलेगा OPS का लाभ? पढ़े पूरी खबर..

Old Pension Scheme Latest News : जयपुर। पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को आज भी राजनीतिक माहौल गर्म है। इस बीच, पुरानी पेंशन योजना को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, भारत में शासन और सरकारी योजनाओं के मामले में राजनीतिक विवाद नई कड़ी में घेरे हुए हैं। राज्य सरकार के पुराने पेंशन योजना (OPS) को बंद करने की चर्चा लेने पर विवाद उठ खड़ा हुआ है, जिसने कर्मचारी संगठनों को विरोध-प्रदर्शन की ओर मोड़ दिया है।
Old Pension Scheme Latest News : OPS योजना की शुरुआत कर्मचारियों के भले के लिए हुआ था, जिसमें सरकारी सेवा में नियुक्त हुए अधिकारियों और कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन की सुविधा प्रदान की जाती थी। इस योजना के जरिए, सरकारी कर्मियों को सेवानिवृत्ति के बाद भी आर्थिक सुरक्षा देने का मकसद था।
OPS को बंद करने का संकेत- Old Pension Scheme
हालांकि, भजनलाल सरकार का नया फैसला OPS को बंद करने का संकेत दे रहा है, जिसे कर्मचारी संगठनों ने तेजी से खारिज किया है। उनके अनुसार, इस योजना को स्थायी रूप से संचालित रखने की मांग करते हुए विभाग के अधिकारियों को ज्ञापन भेजा गया है। यहां तक कि विद्युत क्षेत्र के कर्मचारियों को नौ महीनों से OPS का लाभ नहीं मिला है, जिसके कारण उनकी आंदोलन भी गहरा हो गया है।
कर्मचारियों के लिए OPS
कांग्रेस सरकार ने 2004 के बाद सरकारी सेवा में नियुक्त हुए कर्मचारियों के लिए OPS को शुरू किया था। इसके माध्यम से, पेंशन योजना में सुधार कर सरकारी कर्मियों को सेवानिवृत्ति के बाद भी नियमित आय प्रदान करने का प्रयास किया गया था। विभिन्न राज्यों में इस योजना के लागू होने या नहीं होने की प्रक्रिया ने भी देशभर में राजनीतिक विवादों को उत्पन्न किया है।
केंद्रीय सरकार भी OPS को बंद करने का पक्ष ले रही है, जिसे वित्त मंत्रालय, नीति आयोग और वित्त आयोग की रिपोर्ट भी समर्थन नहीं दे रही है। इस योजना के बंद होने के मामले में केंद्रीय सरकार और राज्य सरकारों के बीच तनाव बढ़ सकता है।
अब राजस्थान सरकार की इस नई कदम की दिशा में, क्या अंतिम निर्णय होगा, यह निश्चित नहीं है। कर्मचारी संगठनों के तेज विरोध के बावजूद, सरकार के मंत्रिमंडल में इस योजना पर बातचीत और विचार की चर्चा जारी है। इस प्रकार, यह विवाद देश के राजनीतिक दृष्टिकोण में भी एक महत्वपूर्ण मोड़ ले सकता है।