#SarkarOnIBC24: इस बार ओडिशा में किसकी सरकार? बीजेडी के इस गढ़ में पीएम मोदी ने झोकी ताकत, किया ये बड़ा दावा
नई दिल्ली: Lok Sabha Chunav 2024 अब बात ओडिशा की, जहां लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव भी चल रहे हैं और आख़िरी चरण के लिए प्रचार चरम पर है। मज़ेदार बात ये है कि अभी से ना सिर्फ़ जीत बल्कि सीएम के शपथ की तारीखों का भी दावा किया जा रहा है। बीजेडी का दावा है कि 9 जून को एक बार फिर नवीन सरकार शपथ लेने जा रही है, जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दावा है कि 10 जून को बीजेपी के सीएम शपथ लेंगे।
Lok Sabha Chunav 2024 ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक शायद यही सोच रहे होंगे। चौबीस के रण से ऐन पहले कहां तो इस दोस्ती को गठबंधन में बदलने की दुहाई थी, लेकिन, वक्त बदला तो अब प्रधानमंत्री मोदी ने ही कह दिया कि 10 जून को नवीन बाबू की विदाई है।
ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक की ये तस्वीरें इसी चुनाव के दौरान प्रचार की हैं। उनके कांपते हाथों को संभालने वाले वी के पांडियन को उनका उत्तराधिकारी माना जाता है। बीजेपी का आरोप है कि ओडिशा के भाग्य को इस तरह किसी बाहरी के हाथों में वो नहीं सौंपने देगी। लेकिन, बीजेपी की राह इतनी भी आसान नहीं। क्योंकि साल 2000 से लगातार अजेय रहे नवीन पटनायक की विरासत की सियासत भी फौलादी बुनियाद पर खड़ी है। ओडिशा के 77 साल के चुनावी इतिहास में 45 साल तक सिर्फ़ 3 पटनायक मुख्यमंत्रियों का शासन रहा है। जानकी वल्लभ पटनायक, बीजू पटनायक और नवीन पटनायक, जबकि बाकी 32 साल में 11 सीएम बने।
वी के पांडियन, बीजेडी- बीजेपी सेल्फ गोल कर रही है। भगवान जगन्नाथ, श्रीमंदिर को भी राजनीति में घसीट लाए। ये रवैया ओडिशा की जनता पसंद नहीं करती। बीजेपी के नेता जिस तरह से देश के सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, उसे ओडिशा की जनता नहीं पसंद करती।
ओडिशा में जब बीजेपी-बीजेडी गठबंधन की कोशिशें चल रही थीं, उस वक्त सियासी हल्कों में ये चर्चा थी कि राज्य में विधानसभा में बीजेडी को ज्यादा सीटें मिलें और लोकसभा में बीजेपी को लेकिन, बीजेडी ने इसे नकार दिया। 2019 में लोकसभा की 21 में से 12 सीटें बीजेडी ने जीती थीं और उसे 43 फीसदी वोट शेयर मिले थे। बीजेपी के खाते में 8 सीटें आई थीं, वोट शेयर था 39 फीसदी। कांग्रेस को सिर्फ 1 सीट से संतोष करना पड़ा था और वोट शेयर 13.4 फीसदी थे। दूसरी ओर 147 सदस्यीय विधानसभा में बीजेडी को 112 सीटें, बीजेपी को 23 सीटें और कांग्रेस को 9 सीटें मिली थीं। ये तो साफ है कि बीजेपी ओडिशा में लगातार मज़बूत होती जा रही है, लेकिन इस बार के नतीजों से ये पता चल जाएगा कि क्या नवीन पटनायक शारीरिक के साथ-साथ सियासी ताकत में भी कमज़ोर होते जा रहे हैं।