185 लोगों का है ये परिवार, सुबह 4 बजे जलता है चूल्हा, हर दिन बनती है पांच बोरी सब्जी, खाते हैं इतनी रोटियां
आज के समय में आपको ज्यादातर न्यूक्लियर परिवार मिल जाते हैं. पहले के समय में कई भाई एक साथ एक ही घर में रहते थे. उनके परिवार भी उसी घर में रहते थे. ज्यादा लोगों के होने से घर के काम आसान हो जाते थे. बच्चे आसानी से पल जाते थे. ये बात भी सही है कि जहां चार बर्तन रहते हैं, वहां आवाज तो आती है. ऐसा ही कुछ जॉइंट फैमिली में होता था. इस वजह से धीरे-धीरे लोग अलग रहने लगे.आज के समय में ज्यादातर लोग शादी के बाद अलग घर में शिफ्ट हो जाते हैं. कोई अपनी नौकरी का हवाला देता है, तो किसी की कुछ और मज़बूरी होती है. आपने भारत के मिजोरम के उस परिवार के बारे में तो जरूर सुना होगा, जहां 199 लोग कभी एक साथ रहा करते थे. लेकिन क्या आपने कभी राजस्थान की सबसे बड़ी जॉइंट फैमिली के बारे में सुना है? हम बात कर रहे हैं अजमेर में रहने वाले एक ऐसे परिवार के बारे में, जहां कुल 185 लोग एक साथ रहते हैं.छह पीढ़ियां रहती हैं साथ
185 लोगों का ये परिवार अजमेर के रामसर गांव में रहता है. यहां छह पीढ़ियों के लोग एक साथ रहते हैं. परिवार के सबसे बुजुर्ग सदस्य बिरदीचंद के पिता ने उन्हें परिवार को जोड़कर रखने को कहा था. इसी नसीहत को मानते हुए उन्होंने अपनी पूरी फैमिली को इस तरह से जोड़कर रखा है. परिवार को साथ रखने में कई तरह की समस्याएं आती है लेकिन ये लोग आपस में सबका निपटारा कर लेते हैं. कमाई के लिए परिवार के पास पांच सौ बीघा जमीन है. इसपर सदस्य खेती कर अनाज और सब्जियां उगाते हैं.महिलाओं के लिए खाना बनाना मुश्किल
185 लोगों के लिए तीन टाइम का खाना बनाना सबसे मुश्किल काम होता है. सुबह से ही घर की महिलाएं इसकी तैयारी में जुट जाती हैं. यहां सुबह चार बजे से ही चूल्हा जला दिया जाता है. एक चूल्हे की जगह तेरह चूल्हों पर खाना बनाया जाता है. यहां चालीस किलो सब्जी, पचास किलो आटा हर दिन बनाया जाता है. घर के सदस्य ने बताया कि उनके घर की सालाना इनकम दो करोड़ रुपए है. घर के बाहर करीब अस्सी बाइक लगी होती है, जो सदस्यों की है.