छत्तीसगढ़

गाय बचाना है तो केंद्र व राज्य सरकार गोबर 5 व गोमूत्र 10 रुपए किलो की दर से खरीदे: भुनेश्वर

 सबका संदेश न्यूज छत्तीसगढ़-  उजड़ते गांव, शहर की ओर भागते युवक, जहरीली होते अनाज, फल-फूल व बंजर होती जमीन, सड़कों पर लावारिस घूमते पशुधन आदि समस्या का एक ही समाधान है, गाय के गोबर पर आधारित खाद् का खेतों में उपयोग हो। इस संकल्प के साथ गाय और कृषि को बचाने की आवश्यकता है। गाय भारत की आत्मा है। कृषि प्रधान भारत देश और छत्तीसगढ़ प्रदेश में गाय के गोबर आधारित खेती स्वास्थ्य और स्वावलंबी ग्राम स्वराज्य का मुख्य आधार पहले से ही रहा है। उक्त बातें यादव ठेठवार भवन राजिम में प्रेस वार्ता में भुनेश्वर साहू प्रांत संयोजक गौ ग्राम स्वावलंबन अभियान छत्तीसगढ़ ने कही। उन्होंने कहा कि ग्राम स्वावलंबन अभियान के निमित्त प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री से मांग कर रहे हैं गाय के गोबर व गोमूत्र को क्रमशः ₹5 और ₹10 किलो पर खरीदे।

उन्होंने वर्तमान छत्तीसगढ़ सरकार के नरवा गरवा घुरवा बारी की पहल का स्वागत किया लेकिन कहा कि किसी भी योजना की सफलता जनता की सक्रिय भागीदारी पर ही निर्भर है। इस हेतु सकारात्मक वातावरण बनाने की ज़रूरत है । उन्होंने कहा कि ठोस कार्ययोजना एवं जन जागरण की जरूरत है। गौठान तो गांव गांव में पहले भी था, इसका एक ही समाधान है कि सरकार गाय का गोबर गो मूत्र खरीदें जिससे गाय गोपालक के लिए आर्थिक साधन बन जाए। जिस दिन गाय घर की लक्ष्मी बन जाएगी, एक भी गोधन सड़क पर नहीं होगा। सड़क दुर्घटना से भी अकाल मौत से बचत होगी।

रासायनिक खाद से अधिक पैदावार के प्रश्न का उत्तर देते हुए साहू ने कहा कि हरित क्रांति के नाम पर अधिक पैदावार के लिए खेतों में अंधाधुंध रासायनिक खाद के प्रयोग से आज हमारी खेती बंजर होने के कगार पर है। सड़क पर घूमती गायों के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि गाय सभी के लिए आस्था व श्रद्धा का केंद्र है परंतु आज गाय सड़क पर आ गई है व गौ पालक किसान भी आज गाय को बाहर छोड़ रहे हैं।

इस अवसर पर जिला संयोजक डॉक्टर चंद्रशेखर हरित ने कहा कि गांव में गाय स्वरोजगार व स्वावलंबन का आधार बने, जहर मुक्त खेती व उत्तम मानव स्वास्थ्य की पुनर्स्थापना के लिए ठोस काम हो। वार्ता के दौरान ईश्वरी साहू, गोपाल यादव, उमेश यादव भी मौजूद थे।

राजिम. राजिम के ठेठवार भवन में पत्रकार वार्ता में मौजूद भुनेश्वर व अन्य।

4 को राजधानी में ज्ञापन सभा का आयोजन

उन्होंने कहा कि शासन द्वारा रासायनिक खाद पर जो भारी भरकम सब्सिडी दी जाती है उसे आधा करके 50% सब्सिडी को गोबर खरीदने व गोबर खाद बनाने में दे तथा सरकार सहकारी समिति के माध्यम से गोबर खरीदकर उसे जैविक खाद बनाने के लिए उद्योगों की स्थापना करे । उन्होंने कहा कि जैविक खाद बनाकर समितियों के माध्यम से रासायनिक खाद व जैविक खाद का को चार अनुपात आठ के अनुपात में किसानों को उपलब्ध कराए, जिससे खेतों में अमृततुल्य गोबर खाद पहुंचाई जा सके। उक्त मांगो की पूर्ति के लिए 4 नवंबर को छत्तीसगढ़ के सभी जिला केंद्रों में एक दिवसीय ज्ञापन सभा का आयोजन किया गया है। गाय को बचाने के इस अभियान में लोगों का समर्थन मिल रहा है, यह अभियान किसी सरकार के विरोध में नहीं है।

 

 

 

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