गैस के उपयोग की मनमर्जी:होटल, ढाबों, ठेलों और दुकानों पर खुले आम हो रहा घरेलू गैस सिलेंडर का उपयोग
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सरकार द्वारा उपभोक्ताओं के हित में बनाए गए नियमों को दरकनार कर शहर में घरेलू गैस सिलेंडर का व्यवासायिक उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है। इसके बाद भी इस पर रोक लगाने के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है।
कवर्धा शहर के कुछ दुकानों से एलपीजी गैस सिलेंडर का कालाबाजारी भी संचालित हो रहा है। शहर के मध्य में स्थित कुछ चुनिंदा दुकान ऐसे है जो विभाग के सह में गैस एजेंसी का सब डीलर बन गया है जो धड़ल्ले से खुलेआम अधिक कीमत पर गैस का बिक्री कर रहा है। शहर के किसी भी होटल, ढांबो, ठेलों, रेस्टोरेंट और दुकनों में व्यवासायिक के बजाए घरेलू रसोई गैस सिलेंडर लगे हुए नजर आ रहे हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है निर्धारित नियमों को किस हद तक अनदेखी की जा रही है।
यहां बता दें सरकारी व्यवस्था के तहत 5 किलो ग्राम व 14.2 किलो ग्राम वाला गैस सिलेंडर घरेलू उपयोग के लिए है। आमतौर पर 14.2 किलो ग्राम वाला सिलेंडर घरों में उपयोग होता है। जबकि 19 किलो वाला गैस सिलेंडर व्यावसाय करने वालों के लिए है। वर्तमान में घरेलू गैस सिलेंडर 1 हजार 50 रुपए और व्यवासयिक सिलेंडर 1729 रुपए का है। इनकी कीमत में अंतर होने की बजह से कारो बारी घरेलू गैस सिलेंडर का उपयोग कर रहे हैं।
होटलों की जांच से परहेज करते हैं अधिकारी
होटल ढाबो रेस्टोरेंट में सिलेंडर के उपयोग, साफ- सफाई की बात हो या फिर खाद्य सामग्री की जांच यह कभी कभार ही देखने को मिलती है। इसकी वजह से कारोबारियों द्वारा धड़ल्ले से घरेलू गैस सिलेंडरों का उपयोग किया जा रहा है।
विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण ही कारोबारी व्यवसायिक सिलेंडरों का उपयोग करना नहीं चाहते हैं। घरेलू गैस का उपयोग होने के कारण गैस की कालाबाजारी करने वाले भी सक्रिय हैं। होटलों में गैस का उपयोग ज्यादा होने के कारण आम उपभोक्ताओं को गैस का सिलेंडर समय पर भी नहीं मिल पा रहे है।
रिफलिंग के कारोबार पर भी नहीं अंकुश
रसोई गैस न केवल व्यवसायिक उपयोग हो रहा है बल्कि इसकी रीफिलिंग की प्रक्रिया भी कई जगह चल रही है। इस कारण दुर्घटना घटित होने की आशंका रहने लगी है। काला बाजारी व रिफिलिंग का अवैध कारोबार मिलीभगत से हो रहा है। खुले बाजार में बिकने वाले छोटे साइज के एलपीजी सिलेंडर पूरी तरह अवैध हैं।
ऐसे सिलेंडरों का इस्तेमाल एलपीजी की रिफिलिंग के लिए नहीं किया जा सकता है। ऐसा करने वाले पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान भी है। लेकिन कार्रवाई किसी पर भी नहीं हो रही है। जिससे गैर का अवैध कारोबार लगातार चल रहा है।