भोरमदेव अभ्यारण्य में नहीं बनेगा टाईगर रिजर्व
भोरमदेव अभ्यारण्य में नहीं बनेगा टाईगर रिजर्व
राज्य वन्य जीव बोर्ड के निर्णय को चुनौती देने वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट में खारिज
नितिन सिंघवी विरुद्ध छत्तीसगढ़ शासन
प्रकरण क्रमांक WPPIL 17/2019
भाजपा सरकार के दौरान टाईगर रिजर्व को सैद्धांतिक स्वीकृति मिली थी
रायपुर। भोरमदेव वन्य जीव अभ्यारण्य को टाईगर रिजर्व घोषित नहीं करने के राज्य वन्य जीव बोर्ड के निर्णय को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। प्रदेश के वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा है कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में भी अपना पक्ष मजबूती से रखेगी।
छत्तीसगढ़ की तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा राज्य वन्य जीव बोर्ड की नौवी बैंठक दिनांक 23.05.2017 में कवर्धा स्थित भोरमदेव वन्य जीव अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व घोषित करने के लिए सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई थी। तत्पश्चात दिनांक 14.11.2017 को हुई राज्य वन्य जीव बोर्ड की 10 वीं बैठक में यह अनुशंसा की गई कि कवर्धा स्थित भोरमदेव अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व घोषित किया जाए।
उक्त टाइगर रिजर्व की घोषणा करने से 39 गांवों को विस्थापित करना पड़ता एवं वहां उस समय पीढ़ियों से निवासरत 17566 व्यक्तियों को उनके मूल स्थान से दूसरी जगह विस्थापित करना पड़ता। इन निवासियों में बैगा जनजाति के लोग बड़ी संख्या में हैं। उनके विस्थापन से उनके प्राचीन संस्कृति, वनों के साथ उनके संबंधों आदि से विस्थापित होना पड़ेगा। कांग्रेस पार्टी ने उस समय भोरमदेव अभ्यारण को टाईगर रिजर्व घोषित करने के तत्कालीन भाजपा सरकार के निर्णय के विरोध में मोहम्मद अकबर के नेतृत्व में आंदोलन चलाया। बाद में परिस्थितिया बदल गयी तथा राज्य में कांग्रेस की सरकार बन गई। इतना ही नहीं बल्कि मोहम्मद अकबर राज्य के वन मंत्री बन गए। उनके प्रयास से राज्य वन्य जीव बोर्ड की बैठक दिनांक 24.11.2019 में कवर्धा स्थित भोरमदेव अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व घोषित नहीं करने का निर्णय लिया गया।
इधर उक्त निर्णय को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर में एक जनहित याचिका क्रमांक WPPIL 17/2019 के माध्यम से नितिन सिंघवी द्वारा चुनौती दी गई थी। इस प्रकरण में सुनवाई के दौरान सरकार द्वारा मजबूती से अपना पक्ष रखते हुए, न्यायालय को यह बताया गया कि उक्त टाइगर रिजर्व घोषित करने से भोरमदेव अभ्यारण्य में निवासरत आदिवासियों के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। सरकार द्वारा दी गई दलीलों से संतुष्ट होकर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा जनहित याचिका दिनांक 14.08.2013 को खारिज कर दी गई।
वन मंत्री अकबर ने आदिवासियों – बैगा जनजाति को दिलाया भरोसा
प्रदेश के वन मंत्री छत्तीसगढ़ शासन मोहम्मद अकबर ने कहा है कि राज्य शासन आदिवासियों के साथ मजबूती से रहेगी। उन्होंने प्रस्तावित भोरमदेव अभ्यारण क्षेत्र के आदिवासियों एवं बैगा जनजाति के लोगों को भरोसा दिलाया है कि वे कतई चिंता न करें। इस क्षेत्र के विधायक होने के नाते वे (अकबर) हर स्थिति में उनके हितों की रक्षा करेंगे।