जामुल की मां शीतला तालाब में लोगों की होती है मानोकामनाएं

भिलाई। सदियों से आस्था की प्रतीक जामुल उत्ती तालाब की शीतला मंदिर में पूरे विधि विधान के साथ नवरात्रि का पर्व मनाया गया। प्रथम दिवस से कुल 287 मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित किया गया तथा नवरात्रि के अंतिम दिवस में मंदिर के बैगा और पंडा द्वारा जवारा विसर्जन किया गया।प्रतिवर्ष इस गांव दुलौरिन मां के मंदिर में हजारों भक्त आकर अपनी मनोकामना पूर्ण करते है।
इस महापर्व का आयोजन सेवादारों के सहयोग से सार्वजनिक शीतला मंदिर समिति जामुल द्वारा किया जाता है। समिति के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पदाधिकारियों द्वारा नवाचार करते हुए इस पर्व में प्रथम बार अतिथियों का प्रतीक चिन्ह और श्रीफल देकर सम्मान भी किया गया। आयोजन को सफल बनाने में पूरे गांववासियों के साथ दाऊ केशवलाल फाउंडेशन जामुल, कुशल ज्वेलर्स जामुल, वर्षा इंफ्रास्ट्रक्चर दुर्ग, हरि ओम साउंड जामुल, तुलसी वस्त्र भंडार जामुल, पंकज इलेक्ट्रॉनिक्स जामुल, योगेश किराना, संदीपनी कोचिंग, श्री कृष्णा बेकरी जामुल, पालिका प्रशासन, बिजली विभाग का भी योगदान रहा। जामुल गांव में ऐसी मान्यता है कि इस स्थल पर सदियों से देवी मां की पूजा की जाती है एपहले यहां कच्चा नुमा मंदिर हुआ करता था अब यह समिति द्वारा भव्य मंदिर बनवाकर रानो. जानो गांव से दुलौरीन दाई की प्रतिमा लाकर मंदिर में सन् 2000 के आसपास विधि विधान से स्थापित किया गया। तीन चार साल पहले मंदिर परिसर के बरगद पेड़ वाले हनुमान मंदिर में नाग देवता का दुलर्भ दर्शन कर आसपास क्षेत्र के हजारों भक्तो द्वारा पूजा अर्चना की गई थी, जिससे देवता की कृपा सदैव बनी रहे। गांव के लोगों की मानता है कि सच्चेे मन से मांगी गई मुराद को मां शीतला पूरा करती हैं।