भ्रष्टचार पर मुख्यमंत्री का पलटवार, बोले- किसी को फंसाने के लिए टार्चर करना ठीक नहीं, मारपीट कर रही ईडी
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रायपुर। छत्त्तीगसढ़ में भ्रष्टाचार की जांच के बाद अब सियासी पारा एक बार फिर चढ़ गया है। प्रदेश में प्रवर्तन निदेशालय कोयला परिवहन घोटाले की जांच कर रही है, तो अब भाजपा सरकार में स्काई वाक के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की जांच राज्य सरकार की आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो करने जा रही है। ईओडब्ल्यू की जांच शुरू होने से पहले ही भाजपा नेताओें ने सरकार को घेरने की कोशिश की, लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सधे अंदाज में जवाब देकर भाजपा की घेरेबंदी को नाकाम कर दिया। मुख्यमंत्री ने भाजपा के भ्रष्टाचार के जवाब मेें अपनी सरकार के विकास का जिक्र किया। भेंट मुलाकात कार्यक्रम में साजा विधानसभा क्षेत्र रवाना होने से पहले मीडिया से चर्चा में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें सरकार में आए चार साल हुआ। इस दौरान प्रदेश की जनता के खाते में डेढ़ लाख करोड़ गया। सरकार बटन दबाती है और पैसा जनता के खाते में पहुंच जाता है। कहीं भी एक पैसा इधर-उधर नहीं हुआ। मजदूर, किसान, स्वसहायता समूह के खाते में पैसा गया, तो इसमें क्या भ्रष्टाचार हो सकता है।मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि चार साल में इतना पैसा हमने जनता को दिया, तो फिर भाजपा सरकार में क्या नहीं मिला। उन्होंने आरोप लगाया कि जब यह पैसा जनता को नहीं मिला, मतलब सब भ्रष्टाचार में गया। जैसे स्काई वाक, एक्सप्रेसवे और एक ही पुल को दो बार बनाकर भ्रष्टाचार किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि तुम्हारे भ्रष्टाचार कहने से भ्रष्टाचार तो नहीं हो जाएगा। भाजपा सीधे नहीं लड़ पा रही तो कैसे बदनाम किया जाए इसलिए ये भ्रष्ट हैं, भ्रष्ट हैं, कह रहे हैं। ये उसी सिद्धांत को मानते हैं कि एक झूठ को 100 बार बोले तो सच महसूस होने लगता है। हमारी नीतियों से प्रदेश का विकास हुआ है। अब जब किसान, मजदूर, गौ पालक, वनोपज संग्राहक अन्नदाता हमसे प्रसन्न हैं, तो भाजपा के पेट में तकलीफ हो रही है।
भाजपा खुद कुछ नहीं कर पा रही, तो ईडी को ले आए
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि भाजपा खुद कुछ कर नहीं पाई तो ईडी को ले आई। वो अब लोगों को गिरफ्तार कर रहे हैं, हम तो कहते हैं जो भ्रष्ट है, उस पर कार्रवाई करो, लेकिन मगर मारपीट क्यों कर रहे हो। मार- मार के हां बोलने को कह रहे हैं। एक उद्योगपति को इतना मारा कि वो अभी भी अस्पताल में हैं। ये थर्ड डिग्री टाचर्र कर रहे हैं। इसका मतलब यही है कि आप जबरदस्ती भ्रष्टाचार सिद्ध करना चाह रहे हैं। जो गलत है हम तो शुरू से बोल रहे हैं कि ऐसे लोगों पर कार्रवाई करो। दहशत में लाओगे ये तो उचित नहीं है