छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिसेंसी द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

दुर्ग/ ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिसेंसी भारत सरकार द्वारा ऊर्जा, जल संरक्षण और कृषक को जागरूकता पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित किये जाने निर्देश प्राप्त हुये थे। जिसके परिपालन में क्रेडा प्रधान कार्यालय रायपुर से प्राप्त स्वीकृति अनुसार दिनांक 21 नवंबर दिन को कृषि विज्ञान केन्द्र अंजोरा दुर्ग में आयोजन किया गया। आयोजित कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में  देवेन्द्र देशमुख (अध्यक्ष, जनपद पंचायत दुर्ग) ने सौर ऊर्जा के महत्वों एवं उपयोग के बारे सारगर्भीत जानकारी दिया गया।

ऊर्जा एवं जल संरक्षण के बारे मंे अवगत कर नयी तकनीकों के साथ कृषि किये जाने हेतु जागरूक किया गया। विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ संजय शाक्य (निदेशक विस्तार शिक्षा कामधेनु वि.वि. अंजोरा) ने अपने अनुभव साझा करते हुये ऊर्जा एवं जल संरक्षण के महत्व को बताते हुये बचत हेतु किसानों को फसल चक्र परिवर्तन, गर्मी में धान के बदले अन्य फसल लेने हेतु कृषकों से आह्वान किया।

वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी  कुबेर सिंह ने सौर ऊर्जा के महत्व को बतलाते हुये सोलर पंप विद्युत विहिन क्षेत्र के किसानों के लिए वरदान है, जिसके माध्यम से कृषि कार्य में पानी की आपुर्ति की जा सकती है तथा भू-जल स्त्रोत को रिचार्ज होने के लिए पर्याप्त समय मिलता है, जिससे जल का संरक्षण होता है। डॉ विकास खुणे (कार्यक्रम समन्वयक कृषि विज्ञान केन्द्र अंजोरा) ने वर्तमान परिस्थिति में हमारी ऊर्जा की बढ़ती आवश्यकताओं एवं अनियंत्रित दोहन के कारण भविष्य में होने वाले ऊर्जा संकट से बचने के लिए तथा ग्रीन हाऊस प्रभाव के दुष्परिणाम से निजात पाने के लिए ऊर्जा की वैकलपिक स्त्रोत (सौर ऊर्जा) का अधिक से अधिक उपयोग करने हेतु प्रेरित किया गया है।

मुकेश वासनिक (वरिष्ठ ऊद्यान विकास अधिकारी कृषि विज्ञान केन्द्र अंजोरा) नें कृषि में जल मितव्ययता तथा विपरीत परिस्थिति में फसल नष्ट होने पर फसल बीमा कराने, टपक एवं स्प्रींकलर द्वारा सिंचाई के साथ साथ विभिन्न योजनाओं की जानकारी उपस्थित कृषकों को विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की। क्रेडा विभाग के अधीक्षण अभियंता  भानु प्रताप द्वारा सौर ऊर्जा चलित उपकरणों विस्तृत जानकारी के साथ ही विभागीय योजनाओं की जानकारी प्रदान की गई।

ऊर्जा दक्ष उपकरणों के माध्यम से किये जा सकने वाले उपायों के बारे में जानकारी दी गई। इसके अलावा सोलर पंप के महत्व तथा जैविक खाद के रूप में बायोगैस संयंत्र निर्माण किये जाने के संबंध में जानकारी दी गई। उपस्थित कृषकों से चर्चा कर फसल के सुरक्षा हेतु सोलर फेंसिग संयंत्र के बारे में बताया गया।  टी.आर. ध्रुव, (जिला प्रभारी क्रेडा) द्वारा कार्यक्रम के उद्देश्य तथा ऊर्जा एवं जल संरक्षण का महत्व के साथ साथ आगामी समय इनके आवश्यकता के बारे कृषकों को जानकारी दिया गया।

कार्यक्रम में विभिन्न ग्रामों के लगभग 65 कृषक उपस्थित हुये। इन्हें फसल परिवर्तन, जल संरक्षण एवं ऊर्जा दक्ष पंप के बारे में जानकारी दिया गया। तथा क्रेडा से नितेश बंछोर (सहायक अभियंता)  हरीश वास्तव (उप-अभियंता), कार्यक्रम प्रभारी सु यामनी देवांगन (उप-अभियंता), सु अंकिता गवली, विक्की चौधरी (उप-अभियंता),  सोनल सोनी (उप-अभियंता), एवं क्रेडा के अन्य स्टॉफ उपस्थित रहे।

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