मजदूरी की मांग आने पर मनरेगा से तत्काल शुरू करें काम*

*कलेक्टर ने टीएल की बैठक में की फ्लेगशिप योजनाओं की प्रगति की समीक्षा*
*मजदूरी की मांग आने पर मनरेगा से तत्काल शुरू करें काम*
*धान एवं गोबर खरीदी की गति बढ़ाएं*
*यात्रियों की सुविधा के लिए शहर में जल्द दौड़ेंगी सिटी बसें*
*एव्हीएफओ की नियुक्ति एक सप्ताह में करने दिए निर्देश*
भूपेंद्र साहू
ब्यूरो चीफ बिलासपुर,
कलेक्टर सौरभकुमार ने कहा कि मांग आने पर ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरी के काम मनरेगा योजना से तत्काल शुरू किये जायें। स्थानीय स्तर पर पर्याप्त काम नहीं मिलने पर ही लोगों को रोजगार की तलाश में बाहर जाने विवश होना पड़ता है। कलेक्टर आज यहां मंथन सभाकक्ष में आयोजित साप्ताहिक टीएल की बैठक में योजनाओं की समीक्षा करते हुए इस आशय के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने राज्य सरकार की फ्लेगशीप योजनाओं सहित विभागवार योजनाओं एवं टीएल प्रकरणों की गहन समीक्षा की। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्रीमती जयश्री जैन, डीएफओ कुमार निशांत, नगर निगम आयुक्त कुणाल दुदावत, एडीएम आरए कुरूवंशी सहित जिला स्तरीय वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
कलेक्टर ने बैठक में कहा कि धान एवं गोबर खरीदी की गति बढ़ाया जाये। अधिकारियों ने बताया कि 15 नवम्बर के बाद समितियों में आवक बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुविधा के लिए शहर में सिटी बसें जल्दी चलाई जायें। सभी बसे एक साथ नहीं दौड़ पायें तो चरणबद्ध तरीके से सिटी बसें उतारी जायें। निगम आयुक्त ने बताया कि कम्पनी से निगोशिएशन अंतिम चरण पर है। बहुत जल्द कम से कम 7-8 बसें प्रथम चरण में चलाई जायेंगी। कलेक्टर ने धनवंतरी सस्ती दवाई योजना से लोगों को मिल रही लाभ को देखते हुए हर निगम जोन में एक दवाई दुकान खोलने के निर्देश दिए। फिलहाल निगम की तीन जोन में दुकान संचालित की जा रही हैं। निगम आयुक्त ने बताया कि शेष 5 जोनों के लिए भी स्थल का चिन्हांकन कर लिया गया है। कलेक्टर ने रिकार्ड के अभाव में विशेष पिछड़ी जनजातियों के जाति प्रमाण पत्र बनाने में विलंब को देखते हुए जल्द ग्राम सभा की बैठक आयोजित कर जाति निर्धारण की प्रक्रिया पूर्ण करने को कहा है। कलेक्टर ने डीएमएफ की मदद से पशु चिकित्सा विभाग में एव्हीएफओ की नियुक्ति एक सप्ताह मेें पूर्ण करने को कहा है ताकि लोगों की सेवाएं गोठानों में ली जा सके। बैठक में बताया गया कि पैरादान की मुख्यमंत्री जी की अपील का अच्छा परिणाम आया है। अभी तक 162 ट्राली से ज्यादा पैरा गोठानों में एकत्रित किये जा चुके हैं।