छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

श्री शंकराचार्य महाविद्यालय भिलाई में बौद्धिक संपदा अधिकार पर राष्ट्रीय वेबिनार

भिलाई। बौद्धिक संपदा अधिकार पर जागरूकता कार्यक्रम पर एक ऑनलाइन शैक्षणिक संस्थान स्तरीय वेबिनार  बौद्धिक संपदा कार्यालय आईपीओ द्वारा राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा जागरूकता मिशन एनआईपीएएम के तहत श्री शंकराचार्य महाविद्यालय जुनवानी,भिलाई छग के सहयोग से आयोजित किया गया था।

 

जिसे आईपीआर और व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा, पेटेंट, ट्रेडमार्क और कॉपीराइट सहित बौद्धिक संपदा अधिकारों के विभिन्न पहलुओं का समावेश करने वाले विषयों के साथ डिजाइन किया गया थाए ताकि सभी प्रतिभागियों को एक व्यापक अप.टू.डेट ज्ञान प्रदान किया जा सके।

डॉ राहुल मेने आईक्यूएसी समन्वयक ने वेबिनार के मुख्य वक्ता तमल साहा, पेटेंट और डिजाइन के परीक्षक और एनआईपीएएम अधिकारी ग्रेड राजपत्रित पेटेंट कार्यालय कोलकाता, डीपीआईआईटी, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय भारत सरकार का परिचय दिया।

इस अवसर पर संबोधित करते हुए अर्नब भट्टाचार्य पेटेंट और डिजाइन के परीक्षक और एनआईपीएएम अधिकारी ग्रेड एराजपत्रित पेटेंट कार्यालय कोलकाता, डीपीआईआईटी, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार ने पेटेंट डिजाइन का अवलोकन किया और आईपीआर समग्र रूप से और प्रतिनिधियों से आईपी कार्यालय के साथ पेटेंट और औद्योगिक डिजाइन के लिए आवेदन दाखिल करने और इसका व्यावसायिक उपयोग करने के लाभों से खुद को अवगत कराने का आह्वान किया।

 

उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान इनोवेशन के लिए पेटेंट दाखिल करने में पिछड़ रहे हैं क्योंकि इनोवेशन को पेटेंट कराने की तुलना में शोध पत्र प्रकाशित करने पर अधिक ध्यान दिया जाता है। हालांकि देश के बौद्धिक संपदा अधिकार व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के कारण पेटेंट दाखिल करने की संख्या 2014.15 में 42,763 से बढ़कर 2021-22 में 66,440 हो गई।

इसने यह भी कहा कि भारत ने 2014-15 में 5,978 की तुलना में 2021-22 में 30,074 पेटेंट दिए। पेटेंट परीक्षा के समय को भी 2016 में 72 महीने से घटाकर वर्तमान में 5-23 महीने कर दिया गया है। पिछले 11 वर्षों में पहली बार घरेलू पेटेंट दाखिल करने की संख्या ने जनवरी-मार्च 2022 तिमाही में भारतीय पेटेंट आईपी कार्यालय में अंतरराष्ट्रीय पेटेंट दाखिल करने की संख्या को पार कर लिया है।

वेबिनार के मुख्य वक्ता तमल साहा पेटेंट और डिजाइन के परीक्षक और एनआईपीएएम अधिकारी ;ग्रेड श्एश् राजपत्रितद्धए पेटेंट कार्यालय कोलकाताए डीपीआईआईटीए वाणिज्य और उद्योग मंत्रालयए भारत सरकार ने पेटेंट का अवलोकन किया। उन्होंने भारत में पेटेंट प्राप्त करने की प्रक्रिया के बारे में भी बताया और इस बात पर जोर दिया कि शोध को पेटेंट में कैसे बदला जाए।

उन्होंने आईपी प्रबंधनए आईपी के महत्व और संगठन के विकास में आईपी योगदान, एक आईपी पोर्टफोलियो का निर्माण और विश्वविद्यालयों के लिए आईपी के प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और व्यावसायिक मूल्य के बारे में बात की। उन्होंने प्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए कई प्रश्नों का उत्तर भी दिये।

इस अवसर पर अपने संबोधन में प्राचार्य डॉ जे दुर्गा प्रसाद राव ने कहा बौद्धिक संपदा अधिकारों के बारे में सभी को जानना जरूरी है। शोध के क्षेत्र में सभी छात्रों, संकायों को व्यक्तिगत रूप से प्रोत्साहित करने के लिए कॉलेज द्वारा इस तरह के सत्र आयोजित किए जाते हैं। यह सभी को अनुसंधान के लिए सुविधाएं भी प्रदान करता है और अनुसंधान के क्षेत्र में हमेशा सहायता प्रदान करता है। सभी प्रतिभागियों को इस सत्र का अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिए।

उप प्राचार्य डॉ अर्चना झा ने कहा कि हमारा कॉलेज गुणवत्ता आश्वासन को ध्यान में रखते हुए एनएएसी मानदंडों के तहत अनुसंधान के क्षेत्र में सुविधाएं प्रदान करना जारी रखता है। कॉलेज हमेशा अपने शिक्षण स्टाफ और छात्रों को प्रोत्साहित कर रहा है ताकि सभी इन सुविधाओं का लाभ उठाकर आगे बढ़ सकें। हम हमेशा शोध के काम को बढ़ावा देने का प्रयास करेंगे।

 

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