छत्तीसगढ़

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर युवा सेवा संघ के सदस्यों ने वितरण किए पौधे*

 

*विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर युवा सेवा संघ के सदस्यों ने वितरण किए पौधे*

विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत 1972 में 5 जून से 16 जून तक संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन से हुई। 5 जून 1973 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। पर्यावरण के जैविक संघटकों में सूक्ष्म जीवाणु से लेकर कीड़े-मकोड़े, सभी जीव-जंतु और पेड़-पौधों के अलावा उनसे जुड़ी सारी जैव क्रियाएं और प्रक्रियाएं भी शामिल हैं।

बढ़ती हुई जनसंख्या वृद्धि और आधुनिक चकाचौंध की वजह से पर्यावरण असंतुलन और प्रदूषण हो रहा है।

संत श्री आशारामजी बापू द्वारा प्रेरित युवा सेवा संघ के सदस्यों ने कवर्धा नगर के हृदय स्थल कहे जाने वाले सिग्नल चौक में विश्व पर्यावरण दिवस के 1 दिन पहले 4 जून को हजारों की संख्या में विभिन्न प्रकार के पौधे आम, बड़, पीपल, तुलसी, नीम, बेल, करन, जामुन, गुलमोहर, नींबू, आंवला सहित विभिन्न पौधों का वितरण किया गया। साथ ही लोगों को पर्यावरण की सुरक्षा के लिए अपने अपने घरों, बाड़ी, एवं खेत खलिहान में भी वृक्षारोपण करने के लिए प्रेरित किया। इस मौके पर राहगीरों के लिए ठंडे शरबत का भी व्यवस्था की गई थी।

*आयुर्वेद विशेषांक ऋषि प्रसाद सतसाहित्य का वितरण*

हमारे शास्त्रों में आयुर्वेद की विशेष महिमा है। 5 जून को पर्यावरण दिवस है। ऐसे मौके पर पर्यावरण की सुरक्षा करने वाले पेड़ पौधे का ज्ञान होना अत्यंत आवश्यक है ऐसे में आयुर्वेद एवं पेड़ पौधों की उपयोगिता बताने वाली ऋषि प्रसाद साहित्य का भी हजारों की संख्या में वितरण किया गया।

इस मौके पर पूज्य संत श्री आसारामजी बापू के द्वारा प्रेरित युवा सेवा संघ के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष उदय राजपूत, तोकेश्वर साहू, गुलशन यादव, कोषाध्यक्ष गणेश राम साहू, कौशल, महेंद्र, सनत पटेल सहित कई सेवाधारी उपस्थित रहे।

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