बीएसपी की बिजली व्यवस्था को छग राज्य बिजली वितरण कंपनी को सौंपे जाने पर पूर्व मंत्री ने की आपत्ति प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने कहा टाउनशिपवासियों को भी बिजली बिल में मिले छूट
भिलाई। छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष प्रेम प्रकाश पांडेय ने बीएसपी टाउनशिप में बिजली उपभोक्ताओं को भी बिल में छूट देने की मांग की है। इसे लेकर उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं बीएसपी के निदेशक प्रभारी को पत्र भेजा है। इसके अलावा उन्होंने बीएसपी की बिजली व्यवस्था को छत्तीसगढ़ राज्य बिजली वितरण कंपनी को सौंपे जाने पर आपत्ति जताई है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भेजे पत्र में छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष प्रेम प्रकाश पांडेय ने कहा है कि वर्तमान की छत्तीसगढ़ राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा की जा रही 400 यूनिट तक की बिजली बिल में आधी छूट का लाभ राज्य के घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं पर लागू होता है। बीएसपी-टीईईडी भी सीएसपीडीसीएल की तरह बिजली की खुदरा बिक्री के लिए एक लाइसेंसी है तथा ये दोनों लाइसेंसी अपने लाइसेंस की फीस छग राज्य विद्युत नियामक आयोग में जमा करवाते हैं एवं दोनों पर विद्युत अधिनियम, 2003 एवं आयोग द्वारा बनाये गए सारे विनियम एवं नियम समान रूप से लागू होते हैं।
दोनों लाइसेंसी के पास घरेलू श्रेणी के उपभोक्ता है जो छत्तीसगढ़ की सीमा के अंदर निवास करते हैं एवं ये घरेलु उपभोक्ता छ.ग. राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा अधिकृत किये गए लाइसेंसी से घरेलू उपयोग के लिए बिजली क्रय करते हैं। प्रेम प्रकाश पांडेय ने कहा कि भिलाईनगर के वर्तमान विधायक आदेश के प्रावधान से अनभिज्ञ हैं तथा बिजली बिल में छूट का लाभ बीएसपी टाउनशिप के नागरिकों को दिलवाने यह तर्क दे रहे हैं कि यदि बीएसपी टाउनशिप में विद्युत् आपूर्ति का काम सीएसपीडीसीएल को दे दिया जाता है
तो ही बिजली बिल में छूट का लाभ मिल पायेगा। भिलाई के विधायक तक तो यह बात समझ में आती है किन्तु यही बात अगर यही बात राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी अपने भाषण में कहें कि जैसे ही विद्युत् आपूर्ति का काम सीएसपीडीसीएल को दे दिया जाएगा भिलाई टाउनशिप की जनता को बिजली बिल में छूट का लाभ मिलने लगेगा। मुख्यमंत्री जी का यह कथन भिलाई टाउनशिप की जनता को गुमराह करने वाला है। जबकि ऊपर यह उल्लेख किया जा चुका है
कि कैबिनेट मीटिंग में पास प्रस्ताव से जारी आदेश में बीएसपी टाउनशिप के घरेलू उपभोक्ताओं एवं राज्य के अन्य घरेलू उपभोक्ता कोई भेद नहीं किया गया है इसलिए छूट दिए जाने में कोई बाधा है ही नहीं।