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भारत रूस से जितना तेल महीने में खरीदता है, यूरोप उससे ज्यादा हर दोपहर इंपोर्ट करता है- जयशंकर Europe imports more oil every afternoon than India buys from Russia in a month: Jaishankar

वॉशिंगटन. भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar)11 और 12 अप्रैल को 2+2 मंत्री स्तर की बातचीत के लिए वॉशिंगटन में हैं. रूस-यूक्रेन जंग (Russia-Ukraine War) के बीच पश्चिमी देश रूस से तेल खरीद को लेकर भारत को घेर रहे थे. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इन देशों को तीखा जवाब दिया है. एस जयशंकर ने कहा कि रूस से भारत अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए रूस से तेल का आयात करता है. अगर गौर से देखा जाए तो भारत जितना एक महीने में आयात करता है, उतना यूरोप हर रोज रूस से आयात करता है.
एस जयशंकर ने कहा- ‘अगर आप भारत द्वारा रूस से तेल की खरीद की बात करते हैं, तो मैं कहना चाहूंगा आपको यूरोप पर अपना ध्यान देना चाहिए. हम ईंधन की सुरक्षा के लिए कुछ हिस्सा तेल का आयात करते हैं. लेकिन अगर एक महीने के आंकड़े पर नजर डालें, तो हम जितना तेल एक महीने में खरीदते हैं उतना तो यूरोप हर दोपहर को खरीद लेता है.’
रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध पर एस जयशंकर ने कहा- ‘संक्षिप्त रूप से हम इस टकराव के खिलाफ हैं. हम बातचीत और कूटनीति का समर्थन करते हैं. हम चाहते हैं कि तत्काल हिंसा रुके. इस दिशा में लक्ष्य को हासिल करने के लिए हम अपना योगदान देने के लिए हर तरह से तैयार हैं.’
अमेरिका ने किया साफ- रूस से तेल खरीद प्रतिबंधित नहीं
अमेरिका की ओर से पहले भी साफ किया जा चुका है कि रूस से तेल का आयात प्रतिबंधित नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत हुई, जिसके बाद व्हाइट हाउस के सेक्रेटरी जेन साकी ने कहा कि रूस से ईंधन के आयात पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. भारत रूस से तेल की खरीद करके किसी प्रतिबंध का उल्लंघन नहीं कर रहा है. हम इस बात को समझते हैं कि सभी देशों को अपने हितों की रक्षा करनी होती है.
रूस से कितना तेल खरीदता है भारत?
रूस ने अब तक अकेले मार्च में भारत को एक दिन में 360,000 बैरल तेल का निर्यात किया है, जो 2021 के औसत से लगभग चार गुना अधिक है. रिपोर्ट में कमोडिटी डेटा और एनालिटिक्स फर्म केप्लर का हवाला देते हुए कहा गया है कि रूस मौजूदा शिपमेंट शेड्यूल के आधार पर पूरे महीने के लिए एक दिन में 203,000 बैरल भारत को बेचने की तरफ काम कर रहा है.
वहीं, यूक्रेन-रूस के मसले पर अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि भारत को अपना फैसला खुद करना है कि वह कैसे इस चुनौती को लेता है. हमारा मानना है कि सभी देशों को खासकर वो देश जो रूस से लाभ ले रहे हैं उन्हें उन्हें पुतिन पर दबाव बनाना चाहिए कि वह युद्ध को खत्म करें. यह जरूरी है कि हम सभी एक साथ आएं और एक आाज में बोले.

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