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काशी विश्वनाथ की तरह होगा महाकाल मंदिर का विकास

सबका संदेश न्यूज़ उज्जैन- महाकालेश्वर मंदिर के विकास के लिए मप्र सरकार ने उप्र के काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए लागू किए प्लान को आदर्श माना है। उसी की तर्ज पर महाकाल मंदिर क्षेत्र का भी विकास होगा। इसके लिए मंदिर के आसपास की जमीन और मकानों का अधिग्रहण भी किया जाएगा। अधिग्रहीत जमीन और मकानों के मुआवजे के मामले में भी सरकार निर्णय लेगी। विकास कार्यों के लिए प्राधिकरण बनाने की बजाए महाकाल मंदिर समिति को अधिनियम में संशोधन कर मजबूत किया जाएगा। नए अधिनियम का मसौदा 15 दिन में आ जाएगा।

जिसे विधानसभा की अगली बैठक में पारित कर लागू करेंगे। बृहस्पति भवन में शुक्रवार को महाकाल मंदिर के विकास के लिए मुख्यमंत्री द्वारा गठित तीन मंत्रियों सज्जनसिंह वर्मा, जयवर्द्धनसिंह और पीसी शर्मा की कमेटी की बैठक हुई। बैठक में प्रशासन द्वारा तैयार किए गए प्लान पर जनप्रतिनिधियों और मंदिर समिति सदस्यों के अलावा प्रमुख नेताओं के सुझाव लिए। मंत्री सज्जनसिंह वर्मा ने बैठक के बाद बताया कि स्मार्ट सिटी, मंदिर समिति और राज्य सरकार के सहयोग से 300 करोड़ का प्लान लागू किया जा रहा है। जरूरत होने पर एक हजार करोड़ रुपए की भी जरूरत हुई तो सरकार बंदोबस्त करेगी। इसमें निजी क्षेत्र के दानदाताओं का सहयोग भी लिया जाएगा। ऐसे दानदाताओं से संपर्क भी किया जा रहा है। वर्मा ने कहा कि महाकाल के विकास में काशी का ही पैटर्न लागू किया जाएगा। इसके लिए एक टीम काशी जाकर प्लान और लागू किए गए नियम-कानून की जानकारी लेगी। इसी तरह शिर्डी, सोमनाथ और तिरुपति बालाजी मंदिर की व्यवस्थाओं का अध्ययन भी किया जाएगा।

गर्भगृह में वीआईपी दर्शन केवल दो घंटे :महाकाल मंदिर के गर्भगृह में वीआईपी और अभिषेक रसीद से पूजन करने वालों के लिए अब समय तय हो गया है। सुबह भस्मआरती के बाद 6 से 7 और दोपहर 3 से शाम 4 बजे तक ही गर्भगृह में वीआईपी व अभिषेक रसीद से पूजन करने वालों को प्रवेश दिया जाएगा। इस आदेश को शुक्रवार दोपहर 3 बजे से ही लागू भी कर दिया है। प्रमुख त्योहारों जैसे शिवरात्रि, नागपंचमी, शाही सवारी पर वीआईपी दर्शन व्यवस्था पूरी तरह बंद रहेगी।

जाने काशी में कैसे विकास किया जा रहा –

  •  काशी विश्वनाथ स्पेशल एरिया डेवलपमेंट बोर्ड बनाया, जिसमें सभी विभाग शामिल। 
  •  एरिया बेस्ड डेवलपमेंट के लिए 1650 करोड़ रुपए का प्रावधान। 
  •  1380 एकड़ जमीन पर विकास के लिए प्लान बनाया।
  •  दो वार्डों दशाश्वमेध घाट और टोला के 296 मकान अधिग्रहीत, मंदिर भी शिफ्ट किए।

महाकाल के लिए अब तक यह प्लान

  •  प्राधिकरण बनाने की जगह मंदिर प्रबंध समिति अधिनियम में संशोधन होगा।
  •  विकास के लिए स्मार्ट सिटी कंपनी व महाकाल मंदिर समिति की योजनाएं।
  •  स्मार्ट सीटी, केंद्र सरकार से स्पेशल सहयोग व मंदिर समिति से 300 करोड़ रुपए का प्रावधान।
  •  केवल मल्टी लेवल पार्किंग के लिए जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई। 

महाकाल के विकास के लिए ये जमीन अधिग्रहीत होगी

  •  त्रिवेणी संग्रहालय के सामने जयसिंहपुरा में 4 हेक्टेयर जमीन पर मल्टी लेवल पार्किंग, अधिग्रहण की कार्रवाई जारी। 
  •  महाकाल मंदिर के सामने 11 मकान। 
  •  माधव सेवा न्यास पार्किंग एवं महाकालेश्वर भक्त निवास। 

यह जमीन विकास कार्यों के लिए उपलब्ध

  •  महाराजवाड़ा भवन व परिसर। 
  •  रुद्रसागर के पास स्वामी विश्वात्मानंद अन्नक्षेत्र। 
  •  रुद्रसागर किनारे नगर निगम का परिसर। 

यहां से हटाए जाएंगे अतिक्रमण

  •  रुद्रसागर की ओर मठ से लगा माधव सेवा न्यास का पार्किंग। 
  •  महाकाल मंदिर परिसर व महाराजवाड़ा में बने निजी मकान। 

(जमीन व मकानों का सर्वे किया जा चुका है।)

शिर्डी में दर्शन के लिए टिकट, सोमनाथ में बाहर से दर्शन
शिर्डी : महाराष्ट्र के शिर्डी स्थित सांई मंदिर में दर्शन के लिए काउंटर से आईडी देखकर टिकट जारी किया जाता है। टिकट पर दर्शन का समय और गेट नंबर अंकित होता है। टिकट काउंटर के पास ही क्लॉक रूम, जूता स्टैंड भी हैं। यात्री दिए गए समय पर तय गेट नंबर से प्रवेश करते हैं।

सोमनाथ : गुजरात के सोमनाथ मंदिर में गर्भगृह में प्रवेश नहीं दिया जाता। मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार के सामने ही कतार के लिए बेरिकेडिंग हैं। इसी क्षेत्र में क्लॉक रूम, प्रसाद काउंटर, मोबाइल कियोस्क, पेयजल आदि सुविधाएं हैं। रात को सशुल्क लेजर-शो से मंदिर का इतिहास दिखाते हैं।

 

 

 

 

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