*गाजे बाजे के साथ निकली भगवान शिव की बारात, भक्तों के महाकाल के उदघोष से गूंज उठा शहर*

*(नगर भ्रमण के दौरान भगवान शिव की बारात का सर्व समाज के लोगों ने जगह-जगह किया स्वागत)*
बेमेतरा:- महाशिवरात्रि में उज्जैन की तर्ज पर बेमेतरा में दूसरी बार महाकाल की भव्य बरात निकाली गई। इस तरह का आयोजन बीते वर्ष भी किया गया था। महाकाल की बारात में देवी-देवताओं, भूत-प्रेतों के साथ जनता बराती बने हुए थे। तय कार्यक्रम के अनुसार मां भद्रकाली मंदिर प्रांगण में सुबह 9 बजे भगवान शिव रुद्राभिषेक एवं महा आरती संपन्न हुई। इसके बाद दोपहर 12 बजे हजारों भक्तों को महा प्रसादी वितरण किया गया। शाम 5 बजे मां भद्रकाली मंदिर प्रांगण से बारात का प्रस्थान हुआ, जो शहर के मुख्य चौक चौराहों से भ्रमण करते हुए शिव मंदिर बिजली ऑफिस में समाप्त हुई। यहां भक्तों ने भगवान शिव की बारात भव्य स्वागत किया। बारात में किसान नेता योगेश तिवारी समेत अन्य जनप्रतिनिधि शामिल हुए।
*भगवान शिव की झांकी लोगों के आकर्षण का केंद्र रही*
गाजे-बाजे के साथ निकाली गई भव्य बरात में भगवान शिव की आकर्षक झांकी भी शामिल थी, जो शहर वासियों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई थी। आयोजन को भव्य बनाने छत्तीसगढ़ी पारंपरिक नृत्य दलों को भी शामिल किया गया था, जिसके कलाकार पारंपरिक वेशभूषा से सुसज्जित होकर अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे थे। शिवजी की बारात का जगह जगह स्वागत किया गया और बारातियों को स्वल्पाहार फल आदि बांटा गया। बारात में आयोजन समिति से अजय राज सेन, हरीश वर्मा, सिद्धांत तिवारी, प्रणीश रजक, महितोश सलूजा, निखिल साहू, विनय सिन्हा, तुषार चौहान, शुभम परमार, सुमित पुरी गोस्वामी, शुभम तिवारी, कौशल दीप सिंह, प्रांजल गौतम, संकर्षण मिश्रा, आदित्य पांडे, समीर वर्मा, टीपू वर्मा समेत सैकड़ों भोले बाबा के भक्त शामिल हुए।
*अपने धर्म और संस्कृति की पहचान के लिए इस तरह के आयोजन जरूरी*
कार्यक्रम में बतौर अतिथि शामिल हुए किसान नेता योगेश तिवारी ने सफल आयोजन के लिए समिति को बधाई देते हुए कहा कि इस तरह के धार्मिक आयोजन जरूरी है, ताकि आज की युवा पीढ़ी अपने धर्म और संस्कृति के बारे में अच्छी तरह से परिचित हो सकें। क्योंकि युवा पीढ़ी पाश्चात्य संस्कृति की ओर आकर्षित हो रही है, जो भारतीय संस्कारों के विपरीत है। इसलिए धार्मिक आयोजन से आम जनों में अपने धर्म के प्रति आस्था बढ़ने के साथ सामाजिक चेतना भी जागृत होती है।