*माता पिता और गुरुजनों को भारतीय संस्कृति में श्रेष्ठ स्थान प्राप्त :- योगेश तिवारी*
*(किसान नेता योगेश तिवारी ने 14 फरवरी को अपने निवास पर मुक बधिर बच्चों के साथ मनाया मातृ पितृ पूजन दिवस)*
बेमेतरा:- किसान नेता योगेश तिवारी ने पाश्चात्य संस्कृति के त्योहार वैलेंटाइन डे के स्थान पर 14 फरवरी को मुख बधिर बच्चों के साथ मातृ पितृ पूजन दिवस मनाया। यहां बच्चों के लिए विभिन्न खेलों का आयोजन किया गया। किसान नेता अपने पूरे परिवार के साथ दिन भर इन बच्चों के बीच गुजारा। इस दौरान सभी बच्चे काफी खुश दिखे और दिन भर खूब मस्ती की। अंत मे सभी बच्चों को किसान नेता ने अपनी ओर से उपहार दिया। उपहार पाकर बच्चों के चेहरे खिल उठे। क्योंकि आम लोगों की तरह इनका जीवन सहज और सरल नहीं होता इन्हें हर स्तर पर कठिनाई और संघर्षों का सामना करना पड़ता है। इसलिए किसान नेता ने कहा कि इन बच्चों को थोड़ी भी खुशी दे सके तो यह उनके लिए सौभाग्य की बात है।
*पाश्चात्य कल्चर के दुष्प्रभाव का शिकार होकर बच्चे अपने माता-पिता का कर रहे अनादर*
किसान नेता ने कहा कि माता पिता और गुरुजनों को भारतीय संस्कृति में श्रेष्ठ स्थान प्राप्त है। हमारी संस्कृति की सीख है। मातृ देवो भव, पितृ देवो भव, आचार्य देवो भव, माता पिता एवं गुरु की सेवा करने वाला स्वयं चीर आदरणीय बन जाता है, लेकिन आज पाश्चात्य कल्चर के दुष्प्रभाव का शिकार होकर बच्चों का अपने माता पिता के प्रति आदर भाव व गौरव कम होता जा रहा है। उनके कोमल चित्त पर सुसंस्कारों की खेती ना होकर कुसंस्कारों के कंटक वन खड़े हो रहे हैं। बच्चों को निराशा, भय, चिंता, तनाव, असंतोष, जैसे दुखद परिणामों का शिकार होना पड़ रहा है।
*दिव्यांगों का संघर्ष आम जनों के लिए प्रेरणादायी*
किसान नेता ने कहा कि में ईश्वर को खोजते हैं। दिव्याँग आम इंसान से किसी भी मामले में कम नहीं है। हर दिव्यांग की अपनी एक खूबी होती है, जो लोगों को अपनी और आकर्षित करती है। मुख बधिर काफी संघर्ष और कठिनाइयों के बाद मुकाम को हासिल करते हैं। जो आम जनों के लिए प्रेरणादायक है। इस दौरान कोपलवानी ब्लाइंड स्कुल के बच्चों के साथ संस्थापक कुंदन ठाकुर, मनाली बहन, विमला तिवारी, कल्पना तिवारी, नमाज़ सिन्हा, अंतुल निषाद, अभिषेक शर्मा, दिवंयाश, सुमीत निषाद, मनोज बंजारे, परदेशी यादव, वेद सिंग, हरीश वर्मा, विक्की साहू आदि उपस्थित थे।