छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

अब पकडने लगा है चुनाव प्रचार का जोर, दिखने लगा है वार्डोँ में झंडा,बेनर और फ्लैक्स मतदाताओं को रिझाने का कार्य भी शुरू हो गया है

भिलाई। जिले में चारो निकाय के लिए हो रहे चुनाव प्रचार और मतदाताओं को रिझाने का कार्य शुरू हो गया है। अब जगह जगह पार्टियों के झंडा बेनर दिखने लगे है। और दोनो ही पार्टियों और निर्दलीय प्रत्याशियों और उनके समर्थक दिन में बैंड बाजा के साथ और सुबह सुबह और रात में डोर डोर लोगों के यहां दस्तक देकर और पांव छूकर आशीर्वाद लेते हुए अपने पक्ष में मतदान के लिए अपील कर रहे हैं। इसके अलावा प्रत्याशी और उनके समर्थकों ने अपनी जीत की रणनीति को कारगर बनाने की कोशिश शुरू कर दिया है।

पिछले चार दिन में कांग्रेस और भाजपा सहित स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों ने घर-घर दस्तक देकर मतदाताओं से प्रत्यक्ष मुलाकात करते हुए वार्ड के प्रति अपनी भावी प्राथमिकता से अवगत करा दिया है। भिलाई, रिसाली व भिलाई -चरोदा नगर निगम सहित जामुल नगर पालिका में नई परिषद चुनने 20 दिसम्बर को मतदान होना है। इसके लिए 18 दिसम्बर की शाम को चुनाव प्रचार थम जाएगा। इस लिहाज से प्रत्याशियों के लिए चुनाव माहौल को अपने पक्ष में बनाए रखने के लिए महज एक सप्ताह का समय शेष रह गया है।  इस दौरान कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशियों के लिए उनकी पार्टी के रणनीतिकारों ने चरणबद्ध योजना तैयार कर लिया है। अब दोनों ही राष्ट्रीय पार्टी के प्रत्याशी रणनीति के तहत अपनी जीत की राह में प्रारंभिक चुनाव प्रचार के दौरान नजर आए रोड़े को दूर करने की कोशिश को अंजाम देने तैयार हो गए हैंण् निर्दलीय प्रत्याशी भी वार्ड में चुनाव चिन्ह वाले झंडे बैनर और पोस्टर लगाकर अपने जनसंपर्क को तेज करने कमर कस चुके हैं।

अपने अपने पार्टी के प्रत्याशियों को जिताने मैदान में उतरेंगे दोनो पार्टियों के दिग्गज
भिलाई नगर निगम चुनाव में पिछले दो बार से कांग्रेस का महापौर बनता रहा है। तब महापौर का निर्वाचन प्रत्यक्ष मतदान से हुआ था। लेकिन इस बार पार्षदों के बहुमत से महापौर चुना जाएगा। लिहाजा यहां के पूरे 70 वार्ड में हो रहा चुनाव कांग्रेस और भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ है। कुछ वार्डों में कांग्रेस और भाजपा को उनकी पार्टी के बागियों से अच्छी- खासी चुनौती मिल रही है। इन चुनौतियों से निपटने दोनों पार्टी के रणनीतिकार अब अपने प्रत्याशियों को तय रणनीति को चुनावी मैदान में लागू करने पर जोर दे रहे हैं। कांग्रेस की ओर से फिलहाल विधायक देवेन्द्र यादव चुनाव मैदान में उतर चुके हैं। आने वाले समय में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित उनके मंत्रिमंडल के दिग्गजों का उतरना भी तय माना जा रहा है। जबकि भाजपा के लिए चुनाव प्रभारी राजनांदगांव के सांसद संतोष पाण्डेय के साथ स्थानीय सांसद विजय बघेल, सरोज पाण्डेय, प्रेम प्रकाश पाण्डेय व विद्या रतन भसीन के साथ साथ पार्टी के अन्य बड़े नेता सक्रिय योगदान देने की तैयारी में हैं।

रिसाली में पहला महापौर बनाने भाजपा और कांग्रेस दोनों मे चल रही है जोर आजमाइश
रिसाली नगर निगम बनने के बाद यह पहला चुनाव हो रहा है। कांग्रेस और भाजपा में पहला महापौर अपना बनाने जोर आजमाइश जारी है। रिसाली नगर निगम को भिलाई नगर निगम का विभाजन कर अस्तित्व में लाया गया है। 40 वार्ड वाले रिसाली नगर निगम के गठन का श्रेय निश्चित तौर से गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को जाता है। इसका फायदा कांग्रेस उठाने से चूकेगी नहीं। कांग्रेस के चुनाव प्रचार की कमान वरिष्ठ नेता बृजमोहन सिंह और सुदेश देशमुख को सौंपा गया है। स्वयं गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू और उनके पुत्र प्रदेश कांग्रेस महामंत्री जितेन्द्र साहू जनसंपर्क में जुटे हुए हैं। आने वाले दिनों में पार्टी के बड़े नेताओं को भी कांग्रेस पार्टी चुनाव मैदान में उतारेगी। दूसरी तरफ भाजपा की बड़ी नेत्री राज्यसभा सांसद सरोज पाण्डेय का गृह निवास होने से उनकी प्रतिष्ठा स्वाभाविक रूप से इस निकाय के भावी परिणाम से जुड़ी हुई है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक को यहां चुनाव प्रभारी बनाकर संकेत दे दिया है कि रिसाली में जीत के लिए भाजपा भी गंभीर है।

चरोदा निगम में भाजपा और कांग्रेस दोनो ने बनाया प्रतिष्ठा का प्रश्र
भिलाई। चरोदा नगर निगम के लिए हो रहे इस दूसरे चुनाव में जहां पिछली बार भाजपा अपना महापौर बनाने में सफल हो गई थी। इससे सबक लेते हुए कांग्रेस इस बार यहां बहुमत लाने और अपना महापौर बनाने कोई कोर कसर नही छोड़ रही है इसके लिए इस बार कांग्रेस अपना महापौर बनाने गंभीरता के साथ चुनाव मैदान में खड़ी है। यहां के पूरे 40 वार्ड में कांग्रेस-भाजपा और निर्दलीय प्रत्याशी प्रचार का पहला दौर पूरा कर चुके हैं। कांग्रेस के प्रत्याशियों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का स्थानीय निवास इस निगम क्षेत्र में होना एक अलग तरह का ऊर्जा प्रदान कर रहा है। वहीं मंत्री गुरु रूद्र कुमार सहित पार्टी के सत्ता और संगठन के लिए यहां पर बहुमत जीत हासिल करना प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ है। लिहाजा कांग्रेस का सत्ता और संगठन एकजुटता के साथ अपने प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। भाजपा में भी इस निगम में अपना कब्जा बरकरार रखने के प्रति जज्बा देखते बन रहा है। संगठन ने यहां चुनाव प्रभारी के रूप में एक बार फिर पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को जिम्मेदारी दी है। जिनके साथ सांसद विजय बघेल, विधायक शिवरतन शर्मा और पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय सहित संगठन के नेता एकजुटता दिखा रहे हैं।

कश्मकश की स्थिति में है भाजपा और कांग्रेस
जामुल नगर पालिका में 20 वार्ड है और जिस पार्टी के 11 पार्षद जीतेंगे उसे अपना अध्यक्ष बनाने में सहूलियत होगी। यहां के वार्ड काफी छोटे और कम मतदाता वाले है। इसके चलते कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशियों को कश्मकश की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। प्रत्याशी अभी तक एक-एक मतदाता से कईं बार संपर्क कर चुके हैं। लेकिन छोटे वार्ड होने से चुनावी समीकरण पल पल बदल रहा है। कांग्रेस ने यहां पर चुनाव प्रभारी के रूप में कौशल चंद्राकर और आलोक पाण्डेय को जिम्मेदारी दी है। स्थानीय विधायक के नाते मंत्री गुरु रुद्र कुमार भी कांग्रेस की निर्णायक जीत के लिए लगे हुए हैं। भाजपा ने पूर्व संसदीय सचिव लाभचंद बाफना को चुनाव प्रभारी बनाया है। पूर्व विधायक सांवला राम डाहरे के साथ संगठन अपना काम कर रहा है। भाजपा ने प्रत्यक्ष मतदान के माध्यम से दो बार इस पालिका में अध्यक्ष रह चुके रेखराम बंछोर को पार्षद का टिकट दिया है। इससे भाजपा में उत्साह है। फिर भी कम मतदाताओं वाले छोटे वार्डों से कश्मकश बना हुआ है।

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