छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

अपने पार्टी के प्रत्याशियों को जिताने दोनो पार्टी के प्रमुख नेताओं की नजर सामाजिक वोट बैंक पर

भिलाई। भिलाई समेत रिसाली और भिलाई-चरोदा नगर निगम व जामुल नगर पालिका चुनाव में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियां अपने अपने पार्टी के प्रत्याशियों को जिताने और जिले के चारो निकायों में अपनी शहर सरकार बनाने नई नई रणनीति बना रहे हैं। अब इन दोनों ही पार्टियों की नजर सामाजिक वोट बैँक पर है। इन पार्टियों के नेता चारों निकाय में किस वार्ड में कहां किस समाज के कितने वोट है, उसको भी निकलवा लिये है और उन समाज के प्रमुखों के माध्यम से लोगोंं के वोट को साधने की जुगत लगाने लगे है।

जानकारी तो यह भी मिली है कि दोनो ही पार्टी के नेता स्थानीय मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए उनके मूल प्रदेश के लोकप्रिय नेताओं को चुनाव प्रचार के लिए बुलाने की तैयारी दोनों ही राष्ट्रीय पार्टी की ओर से की जा रही है। मसलन यूपी, बिहार, महाराष्ट्र, ओडिशा और आन्ध्रप्रदेश के नामचीन नेताओं को उन प्रदेशों से ताल्लुक रखने वाले मतदाताओं की बहुलता वाले वार्ड में चुनाव प्रचार उनके द्वारा कराया जाएगा। इसकी तैयारी के पहले चरण में  इसके अलावा चारों निकाय से वार्डवार सामाजिक वोट बैंक का आंकड़ा जुटाने का कार्य कर चुके हैं। इस आंकड़े के साथ अपने समाज में लोकप्रिय नेताओं को अलग-अलग वार्ड में उतारा जाएगा

भिलाई शहर की पहचान मिनी इंडिया के रूप में रही है। यहां पर अलग- अलग प्रांत और समाज के लोगों की बहुलता के चलते यह पहचान बनी है। मिनी इंडिया की इस पहचान से रिसाली, भिलाई-चरोदा और जामुल निकाय क्षेत्र भी अछूता नहीं है। लिहाजा चार निकाय में हो रहे चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के रणनीतिकार सामाजिक वोट बैंक को साधने की कोशिश शुरू कर चुके हैं। इसके लिए दोनों पार्टी अपने नामचीन और मतदाताओं में लोकप्रिय नेताओं को चुनाव मैदान में उतारने जा रहे हैं।

गौरतलब रहे कि 70 वार्ड वाले भिलाई नगर निगम में अन्य प्रदेश के मूल निवासियों की निर्णायक आबादी है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ मूल के अलग-अलग समाज से ताल्लुक रखने वाले मतदाताओं की संख्या भी कोई कम नहीं है। रिसाली व भिलाई-चरोदा नगर निगम और जामुल नगर पालिका के ज्यादातर वार्ड में भी अलग-अलग समाज के मतदाता चुनावी नतीजों को प्रभावित करने की ताकत रखते हैं। कांग्रेस और भाजपा को इस बात का पूरा अहसास है। इसलिए सामाजिक वोट बैंक को अपने पक्ष में साधने की कोशिश दोनों पार्टी की रणनीति में शामिल कर लिया गया है।

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