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अहिवारा पालिका परिषद् अध्यक्ष नटवर ताम्रकार और गोवेर्धन ताम्रकार के मामले ने लिया नया मोड़

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक को शिकायत सौपने पर गोवर्धन ताम्रकार को होना पड़ा जलील

अहिवारा : अहिवारा पालिका परिषद् के अध्यक्ष नटवर ताम्रकार और उनके मामा गोवेर्धन ताम्रकार के बीच चल रहा विवाद रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है ! पूरा मामला कुछ इस प्रकार है कि गोवर्धन ताम्रकार की एक दूकान है, जिसका उसने किसी व्यक्ति से सौदा 15 लाख रूपये में कर दिया, जिसके बाद सौदा तय व्यक्ति ने लगभग तीन साल के दौरान 10 लाख रूपये गोवेर्धन ताम्रकार को दिए, बाकि की बची रकम दिया जाने के बाद पालिका परिषद् से उस व्यक्ति का नामांतरण किया जाना था लेकिन उस व्यक्ति ने 5 लाख रूपये गोवेर्धन ताम्रकार को नहीं दिए, जिसके चलते उसके नाम नामांतरण नहीं सका, इसी बीच नटवर ताम्रकार पालिका परिषद् के अध्यक्ष बन गए और उनकी अनुशंसा पर अहिवारा पालिका परिषद् के मुख्यकार्यपालन अधिकारी राजेश तिवारी ने उस व्यक्ति के नाम गोवेर्धन ताम्रकार की दुकान कर दी जिसके बाद उस व्यक्ति ने गोवेर्धन की दूकान पर अपना कब्ज़ा जमा लिया, अब इस बात को लेकर नटवर ताम्रकार और उनके मामा गोवेर्धन ताम्रकार में विवाद हो गया, जिसके बाद गोवर्धन ताम्रकार ने नटवर ताम्रकार से कहा की उसे अभी पैसे पुरे नहीं मिले है उसकी दूकान उसे वापस उसके नाम से नामान्तरण करना होगा नहीं तो वो अपनी जान दे देगा, और उसकी मौत के जिम्मेदार नटवर ताम्रकार होगा ! जिससे नटवर ताम्रकार डर गया और उसने रात 11 अपने लगभग सात आठ साथियों के साथ गोवेर्धन ताम्रकार के घर गया और गोवर्धन ताम्रकार को घर से उठाकर नंदिनी थाना लाया जहा उसके साथ हाथापाई की गई और डराया धमकाया गया, जिसके बाद वो लोग दुबार गोवेर्धन ताम्रकार के घर पहुचे और उसकी पत्नी और बेटी को भी घर से उठाकर थाने पहुचे और गोवर्धन ताम्रकार को मारने की धमकी देते हुए उससे और उसकी पत्नी से कोरे कागज़ पर हस्ताक्षर करा लिए ! और ये सब नंदिनी थाना में होता रहा लेकिन थाना पुलिस मूकदर्शक बने तमासा देखते रहे ! जिसके बाद गोवर्धन ताम्रकार ने पुलिस से गुहार लगाई लेकिन पुलिस ने उसकी कोई मदद नहीं की, हर तरफ से परेशान गोवर्धन ताम्रकार को जब कही से न्याय मिलने उम्मीद नहीं दिखाई दी तो वो मुख्यकार्यपालन अधिकारी राजेश तिवारी के पास गया, राजेश तिवारी ने नमनकर दुबारा उसके नाम से किये जाने को लेकर 1 लाख रूपये की रिश्वत की पेशकस की, जिसको लेकर गोवर्धन ताम्रकार परेशान हो गया और उसने मुख्यकार्यपालन  अधिकारी राजेश तिवारी और नटवर ताम्रकार के खिलाफ मौर्चा खोल दिया और पालिका परिषद् के सामने परिवार के साथ अनसन पर बैठ गया, कुछ दिन अनसन पर बैठने के बाद राजेश तिवारी एक पार्षद के साथ अनसन स्थल पहुचे और तीन दिन में नामांकन दुबारा से उसके नाम से करने का आश्वासन देकर अनसन को ख़तम कराया, जिसके बाद लगातार गोवर्धन ताम्रकार पालिका के चक्कर लगाता रहा और राजेश तिवारी उसको घुमाता रहा, जिसको लेकर गोवर्धन ताम्रकार को दिल का दौरा पद गया और उनको गंभीर अवस्था में अस्पताल में रहना पड़ा, जब वो अस्पताल से वापस आये तो वो मुख्यकार्यपालन अधिकारी राजेश तिवारी के पास पहुचे लेकिन मुख्यकार्यपालन अधिकारी राजेश तिवारी ने गोवर्धन ताम्रकार को जेल भेजने की धमकी दे दी, जिसके बाद आज नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का अहिवारा आगमन हुआ जहा कार्यक्रम के बीच गोवर्धन ताम्रकार उनको शिकायत पत्र देने पहुचे जहा उनको धकेलते हुए बाहर निकाला गया, अभी वो दरवाजे तक पहुचे ही थे कि अन्दर से एक भाजपा कार्यकर्ता बाहर आया और कहने लगा ये हमारी पार्टी का कार्यक्रम है तू यहाँ कैसे आ गया और उसने गर्दन से गोवर्धन ताम्रकार को पकड़ते हुए जमींन में पटक दिया !  जिस तरह से ये सब हुआ वो किसी गुंडागर्दी से कम नहीं था वहा सभा में जिले भर के बड़े बड़े भाजपा कार्यकर्ता मौजूद थे !

वहा से निकलने के बाद गोवर्धन ताम्रकार ने नंदिनी थाना में पुरे मामले को लेकर शिकायत की है ! अब देखना होगा, पैसों और ऊची पहुच के दम पर समाज से बहिस्कृत गोवर्धन ताम्रकार को न्याय मिलेगा या वो इसी तरह अहिवारा पालिका परिषद् के चक्कर लगाते लगाते एक दिन अपने आपको मौत के हवाले कर देगा, क्योकि एक दिन पहले ही उसने मुख्यकार्यपालन अधिकारी राजेश तिवारी से कहा था अगर मेरी दूकान मुझे वापस नहीं मिली तो मै अपने आप को पालिका में ही आग लगा लूँगा, गोवर्धन ताम्रकार परेशान है हताश है ! इससे पहले की देर हो जाए शासन प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए और मामले को संज्ञान में लेते हुए पुरे मामले की गंभीरता से जांच करते हुए उसकी दुकान उसे वापस दिलाये !

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