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अंतरराष्ट्रीय काव्य प्रेमी मंच ने बनाया तीसरा विश्व कीर्तिमान” चंचल विजय शुक्ला ने किया रायपुर, छत्तीसगढ़ का नाम रोशन

“अंतरराष्ट्रीय काव्य प्रेमी मंच ने बनाया तीसरा विश्व कीर्तिमान” चंचल विजय शुक्ला ने किया रायपुर, छत्तीसगढ़ का नाम रोशन

तंजानिया से “अंतरराष्ट्रीय काव्य प्रेमी मंच” द्वारा ‘विश्व काव्य दिवस ‘ के उपलक्ष्य में ‘कवियों पर कविता’ विषय पर
विभिन्न महान हिंदी काव्य साहित्यकारों के सम्मान में आयोजित ऑनलाइन काव्य समारोह “अखण्ड काव्यायन” कार्यक्रम को “वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स – लंदन” द्वारा विश्व कीर्तिमान में स्थापित किया गया है। ज्ञातव्य है कि इसके पूर्व भी अंतरराष्ट्रीय काव्य प्रेमी मंच द्वारा आयोजित दो कार्यक्रमों “पहली महिला” और “भारती के लाल” को भी “गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स” में विश्व कीर्तिमान का स्थान प्राप्त हुआ है। इन दोनों सहित अखंड कव्यायान के साथ चंचल विजय शुक्ला ने तीनों में काव्यपाठ में भाग लेकर तीन वर्ल्ड रिकार्ड अपने नाम कर भारत के साथ रायपुर छत्तीसगढ़ तथा ब्राह्मण समाज को भी गौरवान्वित किया है

काव्य समारोह “अखण्ड काव्यायन” में भारत के विभिन्न प्रसिद्ध कवियों और कवयित्रियों के जीवन और उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए विश्व के १६ से अधिक देशों के लगभग १५७ प्रतिभागी कवियों और कवयित्रियों द्वारा अपनी स्वरचित कविताओं का उत्कृष्ट काव्य पाठ किया गया था।

यह “अखण्ड काव्यायन” कार्यक्रम १८ अप्रैल २०२१ की सुबह से शुरू होकर १९ अप्रैल २०२१ की सुबह तक (२४ घंटे २६ सेकंड) निरन्तर चला। भारत सहित विश्व के विभिन्न भागों से लगभग १५७ कवियों और कवयित्रियों ने आदिकाल से लेकर आधुनिक काल तक के भारत के विभिन्न प्रसिद्ध कवियों और कवयित्रियों के जीवन और उपलब्धियों पर काव्य-रचनाएँ कीं और उन कविताओं का ज़ूम के माध्यम से ऑनलाइन पाठ किया गया। प्रत्येक कवि/ कवयित्री द्वारा किसी विशेष और भिन्न रचनाकार के सम्मान में अपनी लिखी हुई कविता का पाठ किया गया था।

यह अपने आप मे एक अनूठा और रोचक आयोजन रहा, जिसमें भारत सहित तंज़ानिया, केन्या, कतर, अमेरिका, बहरीन, इंडोनेशिया, इंग्लैंड, सिंगापुर, कनाडा, यूएई, नाईजीरिया, रूस, मॉरिशस, कुवैत आदि देशों की १५७ रचनाकारों ने प्रतिभागिता की।

२४ घंटों से अधिक चलने वाले इस काव्य अनुष्ठान में कवि सोम ठाकुर, हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा, हास्य कवि अशोक चक्रधर, कवयित्री डॉ कीर्ति काले, कवि पंडित सुरेश नीरव, कवयित्री नमिता राकेश, कवयित्री डॉ रमा सिंह, कवि मंगल नसीम, कवयित्री डॉ सीता सागर, कवि डॉ रामसनेही लाल शर्मा यायावर , कवि आचार्य भागवत दुबे जैसे हिंदी काव्य जगत के पुरोधाओं की विशेष उपस्थिति रही। इस काव्य कार्यक्रम का कुशल एवं प्रभावी संचालन कवयित्री डॉ ममता सैनी (तंजानिया) सहित कवयित्री सारिका फ़लोर (केन्या), कवयित्री ललिता माथुर चौहान (तंजानिया), कवि जीतू जलेसरी (तंजानिया), कवि सीए. अजय गोयल (तंजानिया), कवयित्री मनीषा कंठालिया (केन्या), कवयित्री डॉ मीनू पाराशर (क़तर), कवयित्री डॉ श्वेता सिंह ‘उमा’ (रूस), कवयित्री विनीता श्रीवास्तव (भारत), कवयित्री प्राची चतुर्वेदी (यूएसए) और कवयित्री मनीषा शर्मा (यूएसए) ने किया। 

इस अप्रतिम आयोजन की संयोजिका और अंतरराष्ट्रीय काव्य प्रेमी मंच की संस्थापिका डॉ ममता सैनी ने ईश्वर को धन्यवाद किया और उनके पति सीए. राकेश सैनी जी (तंजानिया) के सहयोग एवम् उत्साह वर्धन का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि शीघ्र ही इन सभी रचनाओं का संग्रह प्रकाशित किया जाएगा। साथ ही बताया कि इस आयोजन की सभी रचनाओं को वीडियो के रूप में सी डी एवं यू ट्यूब चैनल पर भी प्रसारित किया जाएगा। उन्होंने विशेष अतिथियों, संचालकों एवम् कार्यक्रम से सम्बद्ध सभी सहयोगियों का उत्साहवर्धन किया और सभी प्रतिभागियों और दर्शकों का आभार व्यक्त किया। अंतरराष्ट्रीय काव्य प्रेमी मंच के मार्गदर्शक एवं मुख्य सलाहकार कवि सीए. अजय गोयल ने सभी अतिथियों, संचालकों एवं प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया और कार्यक्रम की संयोजिका डॉ ममता सैनी की मुक्त कंठ से कार्यक्रम के आयोजन के लिए सराहना की। चर्चा के दौरान श्रीमती चंचल शुक्ला ने कहा कि यह मेरे लिए गर्व की बात है कि मुझे ” प्रथम भारतीय महिला”, ” भारती के लाल ” तथा ” कवियों में कवि” तीनों कार्यक्रम में प्रतिभागिता करने का सुअवसर प्राप्त हुआ तथा वर्ल्ड रिकार्ड बनाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ जो कि एक विलक्षण क्षण है इसके लिए मैं ह्रदय से सभी स्रोता गनो की आभारी हूं जिनका प्यार एवम् सम्मान के बिना ये असंभव था।

ज़ूम पर ऑनलाइन आयोजित और अंतरराष्ट्रीय काव्य प्रेमी मंच के फेसबुक पटल पर लाइव प्रसारित यह कार्यक्रम स्वयं में प्रथम सफल कार्यक्रम रहा, जिसे देश विदेश से लगभग हज़ारों की संख्या में लाइक एवं कमैंट्स मिले। यह एक अनूठा अनुष्ठान था क्योंकि इस तरह का पूर्व में कोई ऑनलाइन कार्यक्रम नहीं देखा गया, जिसमें निरन्तर २४ घंटे से अधिक कवियों और कवयित्रियों द्वारा अन्य कवियों और कवयित्रियों के सम्मान में काव्यांजलि अर्पित की गई हो।

१५७ विशिष्ट रचनाकारों के व्यक्तित्व और कृतित्व को अपनी कविताओं में व्याख्यायित करते, भारत सहित विश्व के १६ से भी अधिक देशों से सम्मिलित प्रतिभागी रचनाकारों जैसे चंचल विजय शुक्ला ( रायपुर, छत्तीसगढ़) रेखा भदौरिया (भारत), विद्या शंकर अवस्थी पथिक कानपुर ( भारत ) अनुपम मिठास (कनाडा), राजेश नवोदयी (भारत), राजपाल यादव (भारत), जितेंद्र पाराशर (भारत), ……आदि की अद्भुत कविताओं से सुसज्जित इस साहित्यिक आयोजन को विश्व कीर्तिमान में उल्लिखित किया जाना सराहनीय है। इस उपलब्धि के लिए अखण्ड ब्राह्मण समाज के पदाधिकारियों ,श्रीमती भारती किरण शर्मा, श्री योगेश तिवारी, श्रीप्रकाश दीवान इत्यादि ने चंचल विजय शुक्ला के उज्जवल भविष्य की शुभकामनाए देते हुए गौरवान्वित होने की बात कही।

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