योगी सरकार ने दी बड़ी राहत, अब इन मकानों की रजिस्ट्री होगी एकदम मुफ्त Yogi government gave big relief, now the registry of these houses will be absolutely free
![](https://sabkasandesh.com/wp-content/uploads/2021/11/houses-16365132993x2-1.jpg)
लखनऊ. कमज़ोर आय वर्ग के मकानों की खरीद फरोख्त से जुड़ी बड़ी खबर यह है कि अब बिल्डरों को ऐसे मकानों के लिए रजिस्ट्री की फीस नहीं देना होगी. निश्चित तौर पर इस फैसले से एक बड़े वर्ग को सीधा लाभ मिलने जा रहा है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्राइवेट बिल्डरों के पक्ष में बड़ा फैसला किया, जिसके बारे में स्टांप एवं पंजीयन विभाग की तरफ से अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. हाल में योगी के मंत्रिमंडल ने इस बारे में महत्वपूर्ण फैसला करते हुए प्राइवेट बिल्डरों की मांग को पूरा करने की कवायद की थी, जिस पर अब विभागीय स्तर पर अमल किया गया है.विभाग की प्रमुख सचिव वीना कुमारी की ओर से इस आशय की अधिसूचना जारी की गई है, जिसके मुताबिक इस छूट का लाभ प्राइवेट बिल्डरों को दो प्रमुख शर्तों पर मिलेगा. हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक पहले तो प्राइवेट बिल्डरों को रजिस्ट्री शुल्क से छूट केवल उन मकानों पर मिलेगी, जो कमज़ोर आय वर्ग के लिए बनाए जाएंगे यानी ईडब्ल्यूएस मकानों के लिए अब रजिस्ट्री फ्री हो सकेगी. उल्लेखनीय है कि अब तक प्रदेश सरकार के मातहत विकास प्राधिकरणों या आवास परिषदों को ही यह छूट मिलती थी, प्राइवेट सेक्टर को नहीं
इस संबंध में जारी किए गए आदेश में यह भी कहा गया है कि प्राइवेट बिल्डरों को यह छूट तभी मिलेगी, जबकि दस्तावेज़ों पर राज्य के हाउसिंग कमिश्नर, आवास विकास परिषद, डेवलपमेंट अथॉरिटी के संबंधित अधिकारी या नामांकित अफसरों के दस्तखत साक्षी के तौर पर होंगे. इसके अलावा योगी सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को भी राहत देना शुरू किया है.बिजली बिलों में ब्याज राहत का भी फैसला
योगी सरकार के मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बिजली बिलों के संबंध में आ रही रिपोर्ट्स पर बातचीत करते हुए कहा कि राज्य की योजना के मुताबिक एक निश्चित वर्ग के उपभोक्तओं के लिए एरियर पर ब्याज के भुगतान से राहत दी जाएगी. खबरों की मानें तो उन्होंने यह भी कहा कि विभाग 90,000 करोड़ के नुकसान को झेल रहा है. शर्मा के मुताबिक कर्ज राहत योजना तब लाई गई है जबकि करीब 70 फीसदी ग्रामीण आबादी अपने बिजली बिल समय से जमा नहीं कर पा रही और 25 फीसदी शहरी उपभोक्ता डिफॉल्टर साबित हो रहे हैं.