*गौ* *संवर्धन संरक्षण का* *महापर्व अन्नकूट महोत्सव गोवर्धन पूजा का महत्व* *आचार्य* *झम्मन शास्त्री*
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अन्नकूट महोत्सव गोवर्धन पूजा गो पूजन का कार्यक्रम पूरे देश के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लास पूर्वक मनाया गया इसी क्रम में आचार्य पंडित झम्मन शास्त्री जी पीठ परिषद राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रदेश अध्यक्ष छत्तीसगढ़ इस पुनीत अवसर पर अपने मार्मिक संबोधन में सनातन धर्म के प्रत्येक पर्व उत्सव त्योहार के दार्शनिक वैज्ञानिक एवं व्यावहारिक महत्व को विस्तार पूर्वक प्रतिपादन करते हुए बताया की सनातन संस्कृति के संरक्षण के लिए हमारे पूर्वजों ने जो परंपरा चलाई वह आज भी प्रासंगिक हैं ,दार्शनिक वैज्ञानिक एवं व्यवहारिक दृष्टिकोण से उसका निरूपण करना परम आवश्यक है ।
इस महान पर्व के माध्यम से समाज को नई दिशा एवं प्रेरणा प्राप्त होती है कि हम सब मिलकर अपने प्राकृतिक संपदाओं को संरक्षित करें जिससे समाज में विकृति ना आए, वन, पर्वत नदियां सागर, सेतु यह सब हमारी संस्कृत के अमूल्य धरोहर हैं इसके लिए समाज में जागरूकता लाने की आवश्यकता है। भारतीय संस्कृति विश्व की महान संस्कृति है, हमारे धर्म शास्त्रों में नदी वन पर्वत सागर सेतु सब के पूजन का विधान बनाकर जो कि राष्ट्रीय उत्कर्ष एवं विश्व उत्कर्ष के लिए महान कल्याणकारी हैं जिसे धर्म से ऋषि यों ने जोड़ दिया ताकि लोग इसकी उपासना करें आज भी उस परंपरा के निर्वाह में हम सब लोग तत्पर हैं लेकिन दुर्भाग्य का विषय है भौतिक विकास के नाम पर आज संस्कृति का लोप हो रहा है, आस्था के केंद्रों का लोप हो रहा है गंगा ,नर्मदा ,ताप्ती ,सिंधु, गोदावरी ,क्षीपरा ,यमुना आदि नदियां प्रदूषित है वन संपदा का दोहन हो रहा है पर्वत मालाओं को तोड़ा जा रहा है जिससे लगातार भूस्खलन हो रहा है प्राकृतिक आपदाएं निरंतर बढ़ रही है ,पर्वतों को तोड़कर भौतिक समृद्धि के लिए ही दुरुपयोग किया जा रहा है जिससे चारों तरफ जलवायु परिवर्तन दिख रहा है आप सबको पर्यावरण प्रदूषण का चारों तरफ से प्रभाव पड़ रहा है इसे रोकने के लिए इसी श्रृंखला में आचार्य श्री ने बताया कि गोवर्धन पूजा की परंपरा भगवान कृष्ण चंद्र के द्वारा चलाई गई जो गौ संस्कृति के संरक्षण के लिए महान प्रेरणादाई है गोबर में लक्ष्मी का वास होता है इसीलिए गोवर्धन पूजा गोबर से हम मनाते है,क्योकि गौ माता धन धान्य समृद्धि के स्रोत है जिससे कोई गरीबी ना रहे, महंगाई न बढ़े,बेरोजगारी ना बढ़े सभी परस्पर प्रेम सौहार्द, सद्भाव पूर्वक संवाद करें समाज में नैतिक मूल्यों की स्थापना हो दुर्व्यसन एवं मादक द्रव्यों का सेवन न बढ़े इसके लिए भारतीय महापर्व आते हैं। आज पाश्चात्य संस्कृति का अंधानुकरण कर समाज में निरंतर जो विकृति आ रही है उसे रोकने के लिए यह महान पर्व आते हैं ताकि लोगों की आस्था बढ़े ,विश्वास बढ़े और प्रेम बढ़े अपने परंपरा के अनुरूप हम उत्सव त्योहारों को मनाये आज की आवश्यकता है। गौमाता विश्व की माँ है *गावो* *विश्वस्य मातरः* इस यांत्रिक युग में लगातार गोहत्या बढ़ रही है यह बहुत दुर्भाग्य का विषय है।इसीलिए पूज्य पाद पुरी पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य महाभाग ने देश भर के सनातन धर्मावलंबियों को आह्वान किया है कि भारत हिंदू राष्ट्र के रूप में स्थापित हो ताकि हमारे अस्तित्व और आदर्श की रक्षा हो मठ मंदिरों की सुरक्षा हो सनातन परंपरा प्राप्त व्यासपीठ के मार्गदर्शन में धर्म नियंत्रित शासन तंत्र की स्थापना हो ताकि समाज में अपने संस्कृति के प्रति ,प्रकृति और परमात्मा के प्रति आस्था बढ़े ,प्रेम बढ़े, इसके लिए समाज में जन जागरण धर्म, जागरण का कार्यक्रम कर अपने जीवन को धन्य बनाएं ।