स्वास्थ्य/ शिक्षा

सूर्य नमस्कार

सूर्य ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत है । इसीलिए प्राचीनकाल में ऋषि-मुनि सूर्य की पूजा-अर्चना करते थे । ‘सूर्य नमस्कार’ का मतलब है सूर्य को नमन करना । अगर आप योग करने की सोच रहे है तो सूर्यनमस्कार से शुरूआत करना आपके लिए सबसे सही रहेगा क्योंकि सूर्य नमस्कार योग से आपको 12 योगासनों का फायदा मिलता है । इसीलिए सूर्य नमस्कार को सर्वश्रेष्ठ योगासान माना जाता है ।

सूर्य नमस्कार के लाभ

  • वजन कम करने में मदद करता है।
  • पाचन और भूख में सुधार करता है।
  • शरीर को लचीला बनाता है।
  • कब्ज की समस्या को ठीक करने में कारगर है।
  • शारीरिक और मानसिक मजबूती बढ़ाता है।
  • बॉडी पोस्चर को बेहतर करता है और बैलेंस बनाने में मदद करता है।
  • मसल्स को टोन करता है3 और हड्डियों को मजबूत करता है।
  • बाजू, कंधों, कमर, पैर, क्वैड्स, काफ़्स और हिप्स की मांसपेशियों को टोन करता है।

सूर्य नमस्कार करने का तरीका

सूर्य नमस्कार 12 योगासनों से मिलकर बना होता है । हम आपको एक-एक आसन्न के बारे में बताएंगे ।

1. प्रणामासन (Pranamasana)

प्रणामासन करने के लिए सूरज की तरफ अपना चेहरा करके सीधे खड़े हों जाएं और दोनों को पैरों को मिलाएं । कमर सीधी रखते हुए अपने दोनों हाथों को सीने के पास ले जाकर हथेलियों को मिलाकर प्रणाम की अवस्था बनाएं ।

2. हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana)

प्रणामास की अवस्था में ही खड़े होकर अपने हाथों को सिर के ऊपर उठाकर सीधा रखें । अब हाथों को प्रणाम की अवस्था में ही पीछे की ओर ले जाएं और कमर को पीछे की तरफ झुकाएं ।

3. पादहस्तासन (Padahastasana)

हस्तउत्तनासन की स्थिति से धीरे-धीरे सांस छोड़ें और आगे की ओर झुकते हुए हाथों से पैरों की उंगलियों को छुएं । इस समय आपका सिर घुटनों से मिला होना चाहिए ।

4. अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana

पादहस्तासन की अवस्था से सांस छोड़ते हुए दोनों हाथों और पैरों को सीधी लाइन में रखें और पुश-अप की पोजीशन में आ जाएं ।

5. अष्टांग नमस्कार (Ashtanga Namaskara)

अश्व संचालनासन की स्थिति से सांस लेते हुए अपनी हथेलियों, सीने, घुटनों और पैरों को जमीन से मिलाएं । इस अवस्था में रहें और सांस को रोकें ।

6. दंडासन (Dandasana)

अब सांस छोड़ते हुए दोनों हाथों और पैरों को सीधी लाइन में रखें और पुश-अप की पोजीशन में आ जाएं ।

7. भुजंगासन

अगर आप अपने घर पर ही योग का अभ्यास करती हैं और आप योगा क्लासेस जॉइन नहीं करना चाहती हैं तो ऐसे कई योगासन हैं जिन्हें आप खुद से ही प्रैक्टिस कर सकती हैं। भुजंगासन इन्हीं में से एक है जो बहुत कारगर और फायदेमंद आसन है। जब आप योग अभ्यास करने की शुरुआत करती हैं तो यह योगासन आपको शारीरिक संतुलन और क्षमता बनाने में मदद करता है।

भुजंगासन संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है- भुजंग और आसन। भुजंग का मतलब है सांप (कोबरा) और आसन का मतलब है मुद्रा। इसलिए इस योगासन का अभ्यास करते हुए उस कोबरा के पोस्चर में होना है जिसने अपना हुड (hood) उठाया हो। भुजंगासन आपके मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बेहतर करने में मदद करता है।

कोबरा पोज़ एक बेहतरीन वर्कआउट माना जाता है जो बेली फैट कम करने में मदद कर सकता है और एब्डोमेन को टोन करता है। अगर आप अपने फिटनेस प्लान में योग को शामिल करती हैं और हेल्दी डाइट लेती हैं तो यह आपको फिट और हेल्दी रखने और वजन कम करने में भी मदद कर सकता है। आइए जानते हैं कि आपको भुजंगासन का अभ्यास किस तरह करना चाहिए और इसके क्या फायदे हैं ।

8. अधोमुख शवासन (Adho Mukha Svanasana)

इसे पर्वतासन भी कहा जाता है। इसके अभ्यास के लिए अपने पैरों को जमीन पर सीधा रखें और कूल्हे को ऊपर की ओर उठाएं। सांस छोड़ते हुए कंधों को सीधा रखें और सिर को अंदर की तरफ रखें ।

अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana)

धीरे-धीरे सांस लें और सीधा पैर पीछे की ओर फैलाएं। सीधे पैर का घुटना जमीन से मिलना चाहिए। अब दूसरे पैर को घुटने से मोड़े और हथेलियों को जमीन पर सीधा रखें। सिर को आसमान की ओर रखें।

10. पादहस्तासन (Padahastasana)

अब धीरे-धीरे सांस छोड़ें और आगे की ओर झुकते हुए हाथों से पैरों की उंगलियों को छुएं। इस समय आपका सिर घुटनों से मिला होना चाहिए।

11. हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana)

पहली अवस्था में ही खड़े होकर अपने हाथों को सिर के ऊपर उठाकर सीधा रखें। अब हाथों को प्रणाम की अवस्था में ही पीछे की ओर ले जाएं और कमर को पीछे की तरफ झुकाएं। इस दौरान आप आधे चांद का आकार बनाएंगी। इस आसन को अर्धचंद्रासन भी कहा जाता है।

12. प्रणामासन (Pranamasana)

सूरज की तरफ चेहरा करके सीधे खड़े हों और दोनों को पैरों को मिलाएं, कमर सीधी रखें। अब हाथों को सीने के पास लाएं और दोनों हथेलियों को मिलाकर प्रणाम की अवस्था बनाएं।

सूर्य नमस्कार करते समय बरतने वाली सावधानियां

  1. सूर्य नमस्कार को सुबह ताज़ी हवा में खाली पेट करें।
  2. शुरुआत में इसे धीरे-धीरे करें।

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