बस्तर में झूठे लांछन का व्यापार चला रहे हैं पीत पत्रकार।Yellow journalists are running the business of false slander in Bastar.
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*बस्तर में झूठे लांछन का व्यापार चला रहे हैं पीत पत्रकार।*
जगदलपुर:- कथित वरिष्ठ पत्रकार का चोला ओढ़े हुए एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री के नाम से डॉ. सरिता थॉमस एवं कुछ कर्मचारियों के विरुद्ध शिकायत किया गया है, इसके बाद तथाकथित न्यूज़ पोर्टल में नेत्र विशेषज्ञ डॉ सरिता थॉमस के ऊपर लगाए गए मनगढ़ंत आरोप के बाद ऐसा प्रतीत हो रहा है कि बस्तर को दीमक की तरह पीत पत्रकारिता धीरे-धीरे खोखला कर रही है। खबर को पढ़ने के बाद हमने इस संबंध में पड़ताल की तो डॉ. सरिता थॉमस के ऊपर लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद एवं निराधार पाए गए है।
न्यूज़ पोर्टल द्वारा लगाए गए आरोप पर हमने पड़ताल किया और जाना की पिछले 3 वर्षों से डॉक्टर सरिता थॉमस महारानी हॉस्पिटल में पदस्थ है। छत्तीसगढ़ में सत्र 2019-20 दो वर्षों मे सर्वाधिक मोतियाबिंद ऑपरेशन करने पूरे छत्तीसगढ़ में बस्तर द्वितीय स्थान प्राप्त करने का गौरवशाली इतिहास बनाया है। और इस सत्र कोरोना काल के दौरान 2021 में पूरे छत्तीसगढ़ में सब सर्वाधिक मोतियाबिंद ऑपरेशन करने में बस्तर ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है। बस्तर में पीत पत्रकारिता के वजह से डॉक्टर सरिता थॉमस जैसे महिलाओं को बदनाम करने का कोई कसर नहीं छोड़ा जा रहा है।
तथाकथित पोर्टल द्वारा यह भी आरोप लगाया गया कि तारकेश्वर राव द्वारा डॉक्टर सरिता थॉमस के निजी क्लिनिक में कार्य किया जा रहा है?
हमने इस आरोप पर भी पड़ताल की तो पता चला कि तारकेश्वर राव नियमित रूप से ओपीडी में उपस्थित होकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जो कि विभाग के रजिस्टर में दर्ज है। और जब हमने उनसे इस खबर के संबंध में बात की तो उन्होंने कहा कि इससे पूर्व भी उनके ऊपर निराधार एवं झूठा शिकायत किए जाने पर उन्होंने थाना कोतवाली में एवं स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को इस संबंध में शिकायत किया था जिसके बाद कथित शिकायतकर्ता माफी मांगते हुए शिकायत को वापस लेने को निवेदन किया। जिसके बाद कोतवाली थाने में तारकेश्वर राव ने क्षमा दान करते हुए कथित शिकायतकर्ता को क्षमादान दिया है।
डॉक्टर सरिता थॉमस के ऊपर पित-पत्रकारों द्वारा यह भी आरोप लगाया गया कि जगदलपुर के मध्य स्थित महारानी अस्पताल की आवश्यक दवाइयां एवं अन्य चिकित्सा सामग्री निजी क्लिनिक को सप्लाई होती है?
इस संबंध में हमने महारानी हॉस्पिटल के सिविल सर्जन डॉक्टर संजय प्रसाद से चर्चा के दौरान उन्होंने डॉक्टर सरिता थॉमस के ऊपर लगाए गए आरोप के संबंध में कहा कि आवश्यक दवाइयां एवं चिकित्सा सामग्री के संबंध में डॉक्टर सरिता थॉमस का कार्यालय में एक भी शिकायत प्राप्त ना होने की बात कही है। डॉक्टर सरिता थॉमस का कार्य बस्तर जिले के लिए उत्कृष्ट रहा है, उनके मनोबल को गिराने के लिए इस प्रकार की झूठी साजिश रची जा रही है।
दोनों पीत पत्रकार द्वारा यह भी आरोप लगाया गया कि हनुमंत राव एवं नीरज मामड़ीकर को शासन के आदेश के विरुद्ध सेटिंग बाजी से महारानी अस्पताल में संलग्न किया गया?
जबकि इस आरोप के संबंध में पड़ताल करने पर पता चला कि संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं रायपुर के आदेश क्रमांक 702/रायपुर दिनांक 04.01.13 के तहत हर जिले में एक निर्धारित समूह नेत्र सर्जन के साथ बनाया गया जो जिले में एवं जिले से बाहर मोतियाबिंद ऑपरेशन करने में सहयोग प्रदान करेगा इस आदेश के तहत हनुमंतराव एवं नीरज मामडीकर नेत्र सहायक को समूह में शामिल किया गया था, सत्र 2013 से आज दिनांक तक दोनों कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे है, सत्र 2013 से कुल 8 नेत्रदान हुए है जिसमे इन दोनों कर्मचारियों के द्वारा नेत्रदान के पश्चात निकाले गए नेत्र को ऑय बैंक रायपुर में जमा किया गया है। उक्त दोनों कर्मचारियों को समय-समय पर उच्च संस्थानों में अतिरिक्त प्रशिक्षण हेतु भेजा जाता रहा है।
जिससे यह सिद्ध हो जाता है की शिकायतकर्ता जो की वरिष्ठ पत्रकार का चोला ओड़ कर पत्रकार भवन के पास शासकीय बंगले में अपना कब्जा जमा कर बैठे हैं, जिनके द्वारा आज पर्यंत तक उनके द्वारा जनहित में लिखे गए कोई भी लेख पढ़ने को नहीं मिला है। तथाकथित न्यूज़ वेब पोर्टल के पत्रकार द्वारा 6 महीना पुराना राशन दुकान का वीडियो-फोटो अपने कथित न्यूज़ पोर्टल में छापने का आशय भी समझ में आ रहा है। दोनों जोड़ीदार द्वारा बस्तर में पीत पत्रकारिता को बढ़ावा देने का पुरजोर प्रयास किया जा रहा है।