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*बिना मापदंड एवं अनुमति ज़िलाक्षेत्र में संचालित हो रहे कोचिंग व ट्यूशन सेंटर*

*बेमेतरा:-* ज़िलाक्षेत्र में शासन-प्रशासन के बीच लगातार अवैध रूप से ट्यूशन एवं कोचिंग सेंटर संचालन का मामला प्रकाश में आ रहा है। जिसमें ज़िले के चारो विकासखण्ड क्षेत्र के नगरीय इलाको में बगैर अनुभव-डिग्री, नियम व मापदण्ड एवं बिना अनुमति के शिक्षा कार्य अवैधानिक रूप से लगातार कर रहे है। जिस पर विभागीय अफसर मेहरबान नज़र आ रहा है। लिहाजा शिक्षा के स्वरूप एवं स्तर पर व्यापक असर पड़ रहा है।

विदित हो कि ज़िलाक्षेत्र में काफी अरसे से अवैध रूप से कोचिंग व ट्यूशन का कारोबार फल फूल रहा है। वही वर्तमान में कोरोनाक़ाल महामारी के इफेक्ट से उबरे ज़िलाक्षेत्र में पुनः ट्यूशन एवं कोचिंग का कारोबार रफ्तार पकड़ने लगा है। जिसमे न तो किसी तरह महामारी कोरोना से बचने कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है, और न ही ट्यूशन क्लासेस एवं कोचिंग सेंटर के लिए निर्धारित मापदण्ड का परवाह किया जा रहा है। बिना योग्यता एवं अनुभवी डिग्री के साथ बगैर रजिस्ट्रेशन व प्रशासन की जानकारी में बच्चो को पढ़ाने का कार्य इन दिनों जोरो में है।जिस पर विभागीय अफसरों को जिम्मेदारी दिखाने की जरूरत है।

*क्लासेस हेतु नियम-कायदे व क़ानून सिर्फ कागजों पर पूरी*
दरअसल देखा जाए तो एक आदर्श ट्यूशन व कोचिंग संस्थान में पर्याप्त हवादार, रौशनदार कमरे में बैठने की उत्तम व्यवस्था के साथ शुद्ध पेयजल की व्यवस्था में साथ गर्ल्स एवं बॉयज के लिए अलग अलग टॉयलेट एवं बाहर वाहन खड़ा करने हेतु पार्किंग का इंतज़ाम होना जरूरी है। वही इसका पंजीयन होने के साथ योग्यता अनुसार डिग्रीधारी एवं अनुभवी कोचिंग-ट्यूशन शिक्षकों की जानकारी सम्बन्धित थाना-चौकी क्षेत्र के रिकार्ड में होना जरूरी है।इसके अलावा बच्चों के बारे में पूरे दैनिक जानकारी रजिस्टर में दर्ज होना चाहिए। ताकि नियम व मापदंडों में किसी प्रकार की कोताही न हो एवं एजुकेशन सिस्टम को नुकसान न हो।

*अव्यवस्था एवं लापरवाही पर लायसेंस रदद् कर दण्डात्मक कार्यवाही का प्रावधान*
लेकिन वर्तमान में समूचे ज़िलाक्षेत्र में इस दर्जनों नियमावली एवं मापदंडों का ज़रा भी पालन नही किया जा रहा है।वही प्रशासनिक आदेश व गाइडलाइंस को दरकिनार कर शिक्षा व्यवस्था से छेड़छाड़ किया जा रहा है।जबकि दौरान किसी भी प्रकार के लापरवाही एवं अव्यवस्था व बदइन्तजामी पर ट्यूशन क्लासेजों एवं कोचिंग सेंटरों की लायसेंस व अनुमति रदद् कर दण्डात्मक कार्यवाही का प्रावधान है। इसके बावजूद जिम्मेदार अफसरों की उदासीनता एवं लाचारी के चलते पचासों की तादाद में समूचे जिलाभर में अवैध रूप से शिक्षा को कारोबार बना लिया गया ह। जिसपर विभागीय अफसरों की भूमिका भी संदिग्ध है।

*शहर-नगर से होकर ग्रामीण अंचल में जोर पकड़ने लगा कारोबार, बुनियादी शिक्षा पर पहुंच रहा आघात*
चूंकि ज़िला के शहरी-नगरी इलाकों यह कारोबार खूब चलन में है, वही धीरे-धीरे अब ग्रामीण क्षेत्र का इलाका भी इसके दायरे व प्रभाव क्षेत्र में आ रहा है।जिसमे ज़िला मुख्यालय स्थित नगर पालिका बेमेतरा क्षेत्र, नगर पंचायत क्षेत्रो में नवागढ़, थानखम्हरिया, बेरला, परपोड़ी, मारो, देवकर, साजा सहित अंचल में नांदघाट, दाढ़ी, भिम्भौरी, देवरबीजा, सम्बलपुर, कुसमी, कोदवा-परपोड़ा, सहसपुर, मोहगांव, सरदा, आँनन्दगाव, इत्यादि क्षेत्रों में यह शिक्षा का कारोबार फैला हुआ है।जिससे बुनियादी शिक्षा पर व्यापक असर पड़ रहा है। शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण युवा व बच्चे वर्तमान में इसी व्यवस्था के चलते स्वावलंबी-आत्मनिर्भर व अपने स्कूली शिक्षा पर आश्रित होने के बजाए ट्यूशन एवं कोचिंग के बलबूते अपनी पढ़ाई पूरा कर रहे है। जिससे पढाई की व्यवस्था एवं स्तर पर बड़ा प्रभाव पड़ रहा है।जिस पर ध्यान देने की दरकार है।

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