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जी पी सिंह के अभिनव प्रयास को मिला राष्ट्रीय स्तर पर एक और पेटेंट GP Singh’s innovative effort got another patent at the national level

भिलाई/ भिलाई इस्पात संयंत्र ने अपने मानव संसाधन के अभिनव प्रयासों से निरन्तर राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अनेक पुरस्कार व उपलब्धियां प्राप्त करता आ रहा है। भिलाई के कर्मवीरों ने अपने इनोवेटिव कार्यों से पूरे देश में एक अलग पहचान बनाने में सफलता हासिल की है। संयंत्र के एक ऐसे ही कर्मवीर है सेफ्टी इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष तथा कार्यकारी मुख्य महाप्रबंधक जी पी सिंह। इनको ए सिस्टम फॉर कंट्रोलिंग एंड मैनेजिंग बर्नर ऑपरेशन इन सिंटर प्लांट के डिजाइन व क्रियान्वयन के अभिनव प्रयास के लिए पेटेंट अधिनियम 1970 के तहत इस आविष्कार को भारत सरकार के इटेलैक्चुअल प्रॉपर्टी इंडिया के पेटेंट ऑफिस द्वारा पेंटेंट प्रदान किया गया। जिसकी पेटेंट संख्या 370951 है। यह पेटेंट 20 वर्षों के लिए प्रदान किया जाता है। इस प्रकार जी पी सिंह ने अपने क्रिएटिव कार्यों के लिए पेटेंट प्राप्त कर सेल एवं भिलाई इस्पात संयंत्र का नाम रोशन किया है।

इस इनोवेटिव कार्य से संयंत्र को अनेक लाभ प्राप्त हुए हैं। इस नवोन्मेषी विधि  की मदद से जहाँ सयंत्र की दक्षता और सुरक्षा में सुधार हुआ है। वहीं मशीन डाउन टाइम को कम करने में तथा लागत बचाने में मदद मिली है। इससे माप और नियंत्रण की विश्वसनीयता बढ़ी और मनुष्य और उपकरण की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकी है।

विदित हो कि जी पी सिंह ने आईआईटी चेन्नई से इलेक्ट्रानिक्स में बी.टेक करने के साथ ही एमबीए (फायनेंस) में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त कर चुके है। इसके अतिरिक्त वर्तमान में  सिंह के नाम 2 कॉपीराइट तथा 3 पेटेंट दर्ज है। अब तक उन्होंने जापान, चीन तथा भारत में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय क्वालिटी सर्कल प्रतिस्पर्धा में भाग लेकर संयंत्र का नाम रोशन किया है। साथ ही सिंह ने राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय सेमिनारों में 15 से अधिक तकनीकी पेपरों की प्रस्तुति की है।
इनके इनोवेटिव कार्य के लिए प्राप्त इस पेटेंट के लिए  सिंह को भिलाई इस्पात संयंत्र के डायरेक्टर इंचार्ज अनिर्बान दासगुप्ता, ईडी (वक्र्स), अंजनी कुमार सहित भिलाई की इस्पात बिरादरी ने बधाई दी।

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