छत्तीसगढ़
आपदा प्रबंधन के तहत् बाढ़ से बचाव के लिए हुआ मॉक ड्रिल Mock drill for flood prevention under disaster management

आपदा प्रबंधन के तहत् बाढ़ से बचाव के लिए हुआ मॉक ड्रिल
बाढ़ से बचाव के लिए नगर सेना मुस्तैद
बाढ़ से बचाव के लिए सामग्री की पर्याप्त व्यवस्था
नारायणपुर 26 जुलाई 2021 – कलेक्टर श्री धर्मेश कुमार साहू के निर्देश पर राजस्व, पुलिस, वन, नगर सेना, नगर पालिका, जनपद पंचायत सहित अन्य संबंधित अधिकारियों की उपस्थिति में नारायणपुर के बाकुलवाही तालाब में आपदा प्रबंधन के तहत बाढ़ से बचाव के लिए नगर सेना के जवानों द्वारा मॉक ड्रिल किया गया। इस दौरान बाढ़ की स्थिति मे लोगों को सुरक्षित बचाने और उनके प्रथम चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मॉक ड्रिल किया गया। इस अवसर पर अनुविभागिय अधिकारी राजस्व श्री दिनेश कुमार नाग, संयुक्त कलेक्टर श्री गौरी षंकर नाग, डिप्टी कलेक्टर श्री वैभव क्षेत्रज्ञ, श्री फागेश सिन्हा, जिला नगर सेनानी श्री मनोहर चौहान, तहसीलदार श्री सुनील कुमार सोनपीपरे, श्री केतन भोयर, नायब तहसीलदार ख्याति नेताम सहित वन विभाग के कर्मचारी, राजस्व एवं नगर सेना के जवान विशेश रूप से उपस्थित थे।
जिला नगर सेनानी श्री चौहान ने बताया कि मानसून के दौरान बाढ़ की स्थिति में नगर सेना बचाव के लिए पूरी तरह से मुस्तैद है। आपदा प्रबंधन के तहत इसके लिए व्यवस्था की गई है। उन्होने बताया कि बाढ़ की स्थिति मे आवश्यकता पड़ने पर कैम्प की व्यवस्था की जाएगी। बाढ़ बचाव के लिए एक एल्युमिनियम बोट है जिसमें एक साथ 10 से 12 लोगों को रेस्क्यू किया जा सकता है। एक और रबर बोट की भी मांग की गई है। इसके अलावा 40 एच.पी के दो मोटर इंजन, 23 नग लाइफ जैकेट, 38 नग लाइफबॉय, 3 बंडल लायॅनोन की रस्सी, 3 नग वाटर प्रूफ टेन्ट उपलब्ध है। इन सभी सामाग्रीयों का परीक्षण कर लिया गया है। इसके अलावा बाढ़ बचाव की अन्य सामग्रियों में 18 नग सर्च लाइट, 12 नग ट्रक ट्यूब, 5 नग ड्रम, 2 नग तारपोलिन सीट, 1 नग एक्सटेंशन लेडर, 2 नग चप्पू, 34 नग गम बूट, 22 नग बाल्टी, 5 नग जरकीन, 2 नग फावड़ा, 6 नग गैंती, 24 नग बैलचा, 8 नग तगाड़ी, 2 नग वायरलेस, 3 नग चैनसा, 2 नग कुल्हाड़ी, 1 नग फर्स्ट एड बाक्स, 2 नग ऑस्कर लाइट एवं 1 नग ओ.बी.एम स्टैण्ड उपलब्ध है। उन्होने बताया कि जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का चिन्हांकन कर लिया गया है। संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों माड़िन नदी, आमदई नदी, कुकुर नदी, कोचवाही नदी, कसावाही नदी क्षेत्र षामिल है। बाढ़ आने की स्थिति में तत्काल बचाव की व्यवस्था कर ली जाएगी।