छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा ने मनाई भिलाई गोलीकांड की 27वीं बरसी

शहीदों के परिजन और छमुमो के लोगों ने किया श्रद्धासुमन अर्पित किया

भिलाई। एक जुलाई 1992 का काला दिन, जिसकी याद में लगभग 27 वर्षों से भिलाई पॉवर हाउस स्टेशन में छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा द्वारा प्रतिवर्ष इस दिन को शहीदी दिवस के रूप में मनाता चला आ रहा है, जहा पर इस गोली काण्ड में छ्मुमो के 17 श्रमिक की गोली लगने से मृत्यु हो गई थी और एक पुलिस इंस्पेक्टर इस आन्दोलन का शिकार हो गए थे, जिसको लेकर प्रतिवर्ष छ्मुमो के 17 शहीदों को श्रधांजलि दी जाती है, इसी तारतम्य में आज प्रात: 10:30 बजे एसीसी चौक अर्थात शहीद शंकर गुहा नियोगी चौक पर प्रात: 9 बजे से छ्मुमो के श्रमिक एकत्र होने लगे और लगभग 11:30 बजे के बाद स्व. नियोगी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर रैली की शक्ल में पॉवर हाउस चौक होते हुए पॉवर हाउस रेलवे स्टेशन पर उन 17 शहीद श्रमिकों को उनके परिजनों द्वारा उनके तैल चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर अपना श्रद्धासुमन अर्पित किये !  इसके पश्चात् सेक्टर 1 बचत स्तंभ चौक पर सभा के रूप में सभा स्थल पर पहुचे !

गौरतलब विषय यह है की भिलाई गोली कांड की 27वी बरसी पर छ्मुमो के श्रमिक व नेता एसीसी चौक पर स्थित स्व. नियोगी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर रैली की शक्ल में आगे बढ़ते हुए, जिसका नेतृत्व छ्मुमो के अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक जनकलाल ठाकुर तथा समन्वय समिति के भीमराव बागडे, बंशीलाल साहू, सुखलाल साहू, कलादास डहरिया, लखनलाल साहू, तुलसी देवदास, पुनाराम साहू, ने श्रमिक एकता जिंदाबाद के नारे लगाते हुए और मजदुर हितों के लिए एकजुट होने की अपील करते हुए रैली की शक्ल में पॉवर हाउस चौक होते हुए पॉवर हाउस रेलवे स्टेशन पर अपने 17 शहीद साथियों व उनके परिजनों के साथ शहीदों के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर अपनी श्रधांजलि दी !  इसके पश्चात् छ्मुमो के पूर्व विधायक व अध्यक्ष ने अपने उत्बोधन में कहा की एक जुलाई 1992 की घटना ने पुरे श्रमिकों को आहात किया था, हमारी मांगे निजी उद्योगपतियों से श्रम कानूनों का पालन करने के लिए तथा वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए आन्दोलन था, मगर उस समय की भाजपा सरकार एवं जिला प्रशासन उद्योगपतियों के ऊपर दबाव डालने की बजाय निहथ्थे और निर्दोष लोगो का स्वागत गोलीयों के द्वारा दिया गया, जिसकी हम शुरू से निंदा करते चले आ रहे है और आज भी हमारी मांगे है इस गोली कांड की न्यायिक जांच किस उच्च न्यायलय के पूर्व न्यायधीश से कराई जावे, इसके अलावा वर्तमान समय में केंद्र में बैठी भाजपा सरकार श्रमिकों के न्याय के लिए जो भी लोग आवाज़ उठा रहे है उन्हें किसी न किसी रूप में प्रताडि़त किया जा रहा है, जिसका प्रमाण है की महाराष्ट्र में श्रीमती सुधा भारद्वाज जो जिस प्रकार से प्रत्तादित करने के लिए जेल की हवा खिलाई जा रही है, उसकी हम कड़े शब्दों में निंदा करते है और अविलम्ब मांग करते है की उन्हें तत्काल रिहा किया जावे !

छ्मुमो के समन्वय समिति के भीमराव बागडे ने एक चर्चा में बताया की छत्तीसगढ़ में उरला, सिलतरा एवं टेड़ेसरा के साथ ही भिलाई में भी श्रमिकों को केंद्र एवं राज्य सरकार के द्वारा घोषित वेतनमान नहीं दिया जा रहा है, जिसकी लम्बे समय से हमारी माग रही है की श्रमिकों को उनका वाजिब हक़ प्रशासन द्वारा दिलाया जाए, साथ ही जेके लक्ष्मी सीमेंट द्वारा 800 किसानों के जमीन का अधिग्रहण कर उनके परिवारों को नौकरी देने की बात कही था मगर लगभग 350 किशानो के परिवार उनके नौकरी देने के वादे से वंचित है, जिसके लिए उन 350 श्रमिकों को न्याय दिलाने के लिए हमारी चर्चा जिला प्रशासन से चल रही है, यदि हमारी मांगे जिला प्रशासन हल करवा देता है तो हम इसका स्वागत करेंगे वर्ना आन्दोलन के लिए हमें बाध्य होना पड़ेगा जिसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी !

पुलिस प्रशासन की रही पैनी नजर:-

छ्मुमो के इस शहीदी कार्यक्रम को देखते हुए जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन पूरी तरह से चाक-चौबंद रहा, जिला कलेक्टर व जिला पुलिस अधीक्षक अपने मातहत अधिकारीयों से पल पल की खबरें लेते रहे, एसीसी चौक से लेकर सेक्टर 1 बचत स्तंभ चौक तक एएसपी से लेकर सीएसपी एवं थाना प्रभारियों ने पूरी आन्दोलन की मोनिटरिंग करते रहे, किसी भी अनहोनी को देखते हुए और उससे निपटने के लिए जीआरपी, आरपीएफ, छत्तीसगढ़ पुलिस पूरी मुस्तैदी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया !

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