*शिक्षा विभाग के ज़िला कार्यालय का हाल-बेहाल, स्वच्छता-सुविधाओं व व्यवस्था में हुआ खस्ताहाल*
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*(ज़िला निर्माण के बाद से शिक्षा के आदर्श दफ्तर की आजतक जर्जर व असुविधाजन, जिलेवासी हलाकान)*
*बेमेतरा:-* दुर्ग सम्भाग अंतर्गत कई दशकों से शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी व आदर्श बनकर शैक्षणिक ज़िला का तमगा प्राप्त बेमेतरा ज़िला का शिक्षा कार्यालय वर्तमान में जर्जर व असुविधाजनक होने से हाल बेहाल है। ज़िला निर्माण को दशक बीत जाने के बाद भी ज़िला शिक्षा स्तर के प्रतीक दफ्तर सुविधा, स्वच्छता व व्यवस्था के मामले में फिसड्डी है। लिहाजा शिक्षा विभाग में पदस्थ कर्मचारियों से लेकर जरूरी कार्य हेतु दफ्तर पहुंचने वाले जिलेवासी भी अपने ज़िला कार्यालय की खस्ताहाल स्थिति से परेशान व हलाकान है।फलस्वरूप ज़िले के अन्य विभागीय दफ्तरों के अनुरूप शिक्षा विभाग के कार्यालय को सवांरने व पुनर्निर्माण कराने की गुहार जिलेवासियों द्वारा लगाई जाने लगी है। जिसपर जिम्मेदार शासन-प्रशासन के नुमाइंदों को ध्यान देने की जरूरत है। क्योंकि दशकभर के अन्तराल में ज़िले में अनेकों ज़िलाधीश, ज़िला शिक्षा अधिकारी के साथ कई विधायक व सांसद रह चुके है।जो ज़िले के चारों विकासखण्ड शिक्षा के केंद्र की बदहाल स्थिति को बदलने में नाकामयाब व फ्लॉप साबित हुए है। जिससे पूरे दुर्ग सम्भाग में शैक्षणिक ज़िला के कार्यालय की जर्जर व असुविधाजनक स्थिति से विभाग की किरकिरी होती है। जिसपर जिम्मेदार शासन-प्रशासन को गम्भीरतापूर्वक संज्ञान में लेने की दरकार है।
*रोजाना हज़ारों ग्रामीणों की जरूरी कार्य को लेकर आवाजाही के बावजूद जिम्मेदार को परवाह नही*
दरअसल जानकारी के मुताबिक इस विभागीय कार्यालय में रोजाना सैकड़ो से लेकर हज़ारो के बीच ज़िले के लोगों की शिक्षा व स्कूल सम्बंधित जरूरी हेतु आवाजाही बनी रहती है। जो अव्यवस्था, असुविधा व अस्वच्छता के बीच अपने ज़िला कार्यालय का खस्ताहाल देखकर निराश अन्यथा सिस्टम पर नाराज होते है।जिससे पूरे ज़िले में यह समस्या चर्चे का विषय बन गया है।ताज़ा जानकारी के मुताबिक कार्यालय में समस्त कर्मचारियों को कार्य करने के लिये पर्याप्त जगह नही है।पीने के शुद्व, साफ व स्वच्छ पानी के लिए समस्या है। वही दफ्तर में अनेकों जगह से दीवार में दरारे है, जो कभी भी हादसा को आमंत्रणा दे सकती है।वही कच्ची भवनों की तरह छावनी भी बारिश में पानी टपकने से कर्मचारी वर्ग परेशान रहते है। इसके अलावा धूल धक्कड़, उचित वृक्षारोपण के अभाव में वाहन पार्किंग में समस्या होती है।इसके अलावा समय के साथ कार्यालय की जर्जरता के चलते कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो जाती है।
*ज़िला के अन्य विभागों की तुलना में शिक्षा विभाग के साथ लगातार भेदभाव व उपेक्षा*
बरहहाल ज़िला के अन्य विभागीय कार्यालयों की स्थिति से शिक्षा विभाग की तुलना की जाए तो इस सम्बंध में अनेक अंतर व तुलना दिखाई पड़ेगा।ज़िले के संयुक्त ज़िला कलेक्टोरेट, अधीक्षक कार्यालय सहित स्वास्थ्य, आबकारी, पीडब्ल्यूडी, जलसंसाधन, विद्युत व अन्य विभाग को चमचमाती सर्वसुविधायुक्त ज़िला कार्यालय की सौगात मिली है। वही जीवन का मूल आधार शिक्षा के क्षेत्र में आज भी ज़िला की स्थिति नही सुधर पाई है।आमलोगों की माने तो जिम्मेदार शासन-प्रशासन द्वारा लगातार शिक्षा विभाग से भेदभाव कर उपेक्षा की जा रही है। इसी का नतीजा है, कि जीवन मे महत्वपूर्ण शिक्षा का दफ्तर अपने अस्तित्व की सन्कट से जूझकर लगातार एक नए अदद सर्वसुविधायुक्त दफ्तर की गुहार लगा रहा है।
*मरम्मत के नाम पर लाखों रुपये की बेहिसाब खर्चे के बाद नही सुधरी स्थिति*
चूंकि खुफिया सूत्रों की जानकारी के अनुसार विभाग की ओर से दशको में लाखों रुपये का बेहिसाब खर्च अनाप-सनाप कार्य एवं मरम्मत के नाम पर खर्च किया गया है। जिसमें अंदेशागत रूप से कार्यालय में स्वच्छता, मरम्मत, दीवाल पुताई, वृक्षारोपण, जागरुकता, जनरल उपयोगी उपकरण व इलेक्ट्रॉनिक सामानों की खरीदी इत्यादि के नाम पर लाखों रुपये हरसाल निकालकर बड़ी मात्रा में पैसों की हेराफेरी व करप्शन की आशंका जताई जा रही है। जिसकी उचित जांच की जरूरत है। बताया जाता है कि हरसाल विभाग अंतर्गत अनेकों सामानों व उपकरणों की खरीदी में बड़ा गोलमाल किया जाता रहा है।जिसके कारण शासन-प्रशासन से आम नागरिकों की विश्वास उठने लगा है।जबकि इन लाखो रुपये से आज की समय में एक सर्वसुविधायुक्त ज़िला का एक कार्यालय का निर्माण किया सकता था। जो पारदर्शिता के अभाव में जिम्मेदार वर्ग की भूमिका पर संदेह व प्रश्नचिन्ह लगा रहा है।