

जांजगीर-चांपा – कलेक्टर जितेन्द्र कुमार शुक्ला के मार्गनिर्देशन में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जिले में 05 वर्ष तक के बच्चों में पोषण स्तर के आंकलन के लिए 07 जुलाई से 16 जुलाई तक सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में वजन त्यौहार का आयोजन किया जा रहा है। आंगनबाड़ी केन्द्रों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा मशीन से बच्चों का वजन लिया जा रहा है। वजन त्यौहार में किशोरी बालिकाओं का हीमोग्लोबिन टेस्ट कराने के साथ ही उनका बीएमआई भी ज्ञात किया जा रहा है। इसके लिए आंगनवाड़ी केन्द्र में आने वाली 11 से 18 वर्ष की सभी किशोरी बालिकाओं को इस अभियान में शामिल कर स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय से हिमोग्लोबिन टेस्ट किया जा रहा है।
इससे किशोरियों में एनीमिया का स्तर पता कर उसके नियंत्रण में मदद मिलेगी। वजन त्यौहार में जनप्रतिनिधि भी सक्रिय रूप से भाग ले रहे है।
उल्लेखनीय है कि वजन त्यौहार से के दौरान बच्चों का वजन लेकर ऑनलाईन सॉफ्टवेयर में डाटा एंट्री कर पोषण स्तर ज्ञात किया जाता है। प्रत्येक बच्चे की जानकारी सॉफ्टवेयर में दर्ज कर राज्य व जिले में कुपोषित बच्चों की स्थिति का डाटाबेस तैयार किया जा रहा है। डाटाबेस के आधार पर कुपोषण कम करने की कार्ययोजना तैयार की जाती है। विशेष स्थानों या वर्गों में कुपोषण ज्यादा है, यह भी स्पष्ट होने से उनके लिए विशेष योजना बनायी जा सकती है।
कुपोषण के निर्धारण के लिए उसके तीन मापदण्डों अल्प वजन, बौनापन और दुर्बलता का आंकलन किया जाना आवश्यक है। पहले अल्प वजन के आधार पर कुपोषण का आंकलन किया जाता था। वर्तमान में प्रदेश के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में वजन मशीन उपलब्ध है तथा ऊंचाई मापन हेतु हाईट चार्ट भी प्रदाय कर दिया गया है। बौनापन एवं दुर्बलता के मापन हेतु सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में अब साधन उपलब्ध है। जिससे वजन त्यौहार में आयु, वजन के साथ-साथ बच्चों की ऊंचाई की जानकारी लेकर पोषण स्तर का आकलन किया जा रहा है।
कोविड-19 के सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए वजन त्यौहार का आयोजन किया जा रहा है। वजन त्यौहार में कोई बच्चा वजन लेने से छूट जायेगा तो उक्त अवधि में पल्स पोलियो की तर्ज पर घर-घर जाकर बच्चों का वजन लिया जायेगा और पर्यवेक्षक द्वारा इसका पर्यवेक्षण किया जायेगा।
वजन त्यौहार के अवसर पर किसी घर के बच्चे किसी अन्यत्र रिश्तेदार के यहां गए हो तो ये बच्चे जिस भी गांव में गए हो उस गांव में इन बच्चों का वजन लेने के निर्देश दिया गया है। प्रचार-प्रसार के लिए सभी गांवों के विभिन्न स्थानों पर बैनर-पोस्टर सहित नारा लेखन कर लोगों को वजन त्यौहार की जानकारी दी जा रही है। आंगनबाड़ी में बच्चों को लाकर वजन कराने प्रेरित किया जा रहा है।