एक जुलाई से नवीनीकृत आवासीय पट्टों का किया जायेगा वितरण
प्रथम चरण में पट्टेधारी अथवा पत्नी को लाभ
अगले चरण में पुत्र-पुत्री व खरीदी बिक्री प्रकरण
भिलाई। वर्ष 1984 में शासन द्वारा नजूल भूमि पर काबिज लोगों को बांटे गए आवासीय पट्टों का नवीनीकरण उपरांत 1 जुलाई से वितरण होने जा रहा है। नगर निगम व पालिका की ओर से इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। प्रथम चरण में वास्तविक पट्टेधारी अथवा उसके जीवित नहीं रहने की स्थिति में पत्नी के नाम पर नवीनीकृत पट्टा जारी किया जाएगा। इसके लिए निगम व पालिका क्षेत्र में वार्डवार शिविर लगाया जाना तय हुआ है।
पट्टा नवीनीकरण की कार्यवाही चरणबद्ध तरीके से पूरी करने की तैयारी है। पहले चरण में वास्तविक पट्टाधारी अथवा उसके जीवित नहीं होने की स्थिति में पत्नी के नाम पर नया पट्टा मिलेगा। अगले चरण में पुत्र-पुत्री तथा खरीदी बिक्री वाले प्रकरण से संबंधित पट्टों का नवीनीकरण किया जाएगा। वर्ष 1984 में वितरित पट्टे के वास्तविक हितग्राही अथवा उसकी पत्नी के जीवित नहीं रहने से मृत्यु प्रमाण पत्र लगाकर पुत्र-पुत्रियों ने अपने नाम पर नवीनीकरण का लाभ देने का आग्रह किया है। वहीं अनेक पट्टेधारियों ने अपनी काबिज भूमि को पट्टे की नियम व शर्तों के खिलाफ जाकर बेच दिया है। ऐसे मकानों पर वर्तमान खरीददार काबिज है। संकेत है कि शासन स्तर पर खरीददारों को पट्टे के मकान की बिक्री नामा तथा पंचनामा के आधार पर नवीनीकरण का लाभ अगले चरण में दिया जाएघा। इसके अलावा जिनके पास कोई भी पट्टा नहीं है और वे भूमिहीन की श्रेणी में शामिल रहते हुए वर्तमान में विवाद रहित तथा योजना विशेष के लिए चिन्हित जमीन को छोड़ अन्य स्थान पर आवास बनाकर काबिज है उन्हें भी नया पट्टा दिए जाने का संकेत है।
बहुप्रतीक्षित आवासीय पट्टा नवीनीकरण का अब पूरा होने जा रहा है। आगामी एक जुलाई से नवीनीकृत पट्टों का वितरण शुरू हो जाएगा। प्रथम चरण में वास्तविक पट्टेधारी अथवा उसके जीवित नहीं रहने की स्थिति में पूर्व में शपथ पत्र के साथ जमा किए गए आवेदन के अनुसार पत्नी के नाम पर नया पट्टा दिया जाना तय किया गया है। इसके लिए निकायों में वार्डवार शिविर लगाए जाएंगे। शिविर में सक्षम अधिकारी के साथ राजस्व विभाग का अमला मौजूद रहेगा। हितग्राहियों से पुराना पट्टा तथा जिसके नाम से नवीनीकरण हो रहा है उसका आधार कार्ड लेकर तत्काल नया पट्टा प्रदान कर दिया जाएगा।
ज्ञातव्य हो कि शासन द्वारा वर्ष 1984 में नजूल भूमि पर काबिज लोगों को आवासीय पट्टा प्रदान किया गया था। दुर्ग जिले में उस दौरान कुल 32 हजार 161 स्थायी पट्टों का वितरण किया गया था। जिसमें से सर्वाधिक पट्टाधारियों की संख्या वर्तमान भिलाई नगर निगम सहित भिलाई-चरोदा निगम तथा जामुल व कुम्हारी नगर पालिका क्षेत्र में है। इन पट्टों की वैधता 30 वर्ष के लिए थी जिसकी अवधि वर्ष 2014 में खत्म हो चुकी है। पट्टा नवीनीकरण नहीं होने से वर्तमान मे कच्चे तथा अर्धपक्के मकान में रहने वालों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान बनाने से वंचित होना पड़ रहा था।
यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि शासन द्वारा वर्ष 1984 के बाद 1998 तथा 2003 में भी पट्टा वितरण किया गया था। इन सभी पट्टों की वैधता 30 वर्ष के लिए निर्धारित होने से वर्ष 1998 तथा 2003 के पट्टाधारियों को बिना किसी अड़चन के प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जा रहा है। वर्ष 1998 में दुर्ग जिले में 26 हजार 705 स्थायी तथा 1259 अस्थायी पट्टे बांटे गए थे। इसी प्रकार वर्ष 2003 में 4445 स्थायी व 785 अस्थायी पट्टों का वितरण शासन ने किया है। फिलहाल वर्ष 1984 में बांटे गए पट्टों की वैधता पांच साल पहले ही खत्म हो जाने से कब्जाधारियों को मालिकाना हक प्रदान करने के इरादे से नवीनीकरण का लाभ दिया जा रहा है। नगरीय प्रशासन विकास विभाग के अवर सचिव एचआर दुबे ने बीते 17 मई को सभी निकायों से पट्टा नवीनीकरण के संबंध में निर्देश जारी कर जानकारी मांगी थी। इसी के साथ ही पूर्व में वितरित पट्टों के संबंध में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग (कलेक्टर कार्यालय) से सत्यापन की कार्यवाही कर संचालक नगरीय प्रशासन विकास विभाग को एक सप्ताह के भीतर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था।