पंजाब कांग्रेस कलह का निपटारा जल्द! सिद्धू पर बड़ी चर्चा के लिए अगले हफ्ते दिल्ली पहुंचेंगे अमरिंदर सिंह Settlement of Punjab Congress discord soon! Amarinder Singh to reach Delhi next week for big discussion on Sidhu
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चंडीगढ़. पंजाब कांग्रेस में जारी विवाद को खत्म करने की कवायद तेज हो रही है. खबर है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) जल्द ही दिल्ली पहुंचकर कांग्रेस हाईकमान से मुलाकात करेंगे. इस दौरान नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) को लेकर बड़ी चर्चा की उम्मीद की जा रही है. हाल ही में सिद्धू ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) और अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मुलाकात की थी.
सीएम सिंह के करीबी ने बताया कि इस मीटिंग की तारीख अभी तय नहीं हुई है. बैठक में पार्टी के अंदर चल रही कलह को खत्म करने के लिए सिद्धू को बड़ी जिम्मेदारी देने के फॉर्मूले पर बात होगी. सिद्धू की गांधी भाई-बहन के साथ मुलाकात के बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि उन्हें राज्य में प्रचार कमेटी का प्रभारी बनाया जा सकता है या चयन समिति में शामिल किया जा सकता है.रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख सुनील जाखड़ को बदला जा सकता है. वहीं, कैप्टन ने हाल ही में ‘लंच डिप्लोमेसी’ के जरिए पार्टी हाईकमान तक संदेश पहुंचा दिया है. भोजन कार्यक्रम के बाद उन्होंने कहा था कि राज्य में पार्टी का नेतृत्व करने के लिए हिंदू नेता को मौका दिया जाना चाहिए. कहा जा रहा है कि कैप्टन ने यह कदम सिद्धू का सामना करने के लिए उठाया है.एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि पंजाब सरकार में मंत्री और बड़े हिंदू नेता, पूर्व केंद्रीय मंत्री और एक सांसद प्रदेश पार्टी में शार्ष पद की दौड़ में आगे बने हुए हैं. सूत्रों ने बताया, ‘सिद्धू को बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी. कैप्टन और शीर्ष नेतृत्व की मुलाकात के बाद चीजें और साफ हो जाएंगी. कैप्टन अमरिंदर सिंह, सिद्धू के लिए डिप्टी सीएम और प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाने को लेकर बातचीत के लिए तैयार हैं.’ उन्होंने कहा, ‘शीर्ष नेतृत्व कैप्टन को भरोसे में लेने के बाद ही कोई फैसला लेगा.’
सिद्धू से पहले राहुल गांधी के साथ पंजाब कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने चार दिनों तक मैराथन मीटिंग की थीं. पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में पार्टी इस मुश्किल से उबरने की कोशिश में है. जानकारों का कहना है कि प्रदेश स्तर पर पार्टी में जारी कलह का असर चुनावों पर हो सकता है. कांग्रेस से इसे सुलझाने के लिए तीन सदस्यीय समिति भी तैयार की थी.