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स्कूल के विद्यार्थियों को साइबर अपराध के संबंध में जानकारी देने की आवश्यकता इसलिए है कि वह अपने माता-पिता, जान-पहचान, अड़ोस-पड़ोस में रहने वाले व्यक्तियों को साइबर अपराध के जाल में फंसने से बचा सके

दुर्ग / राजेश श्रीवास्तव जिला एवं सत्र न्यायाधीश अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में आज धमधा, दुर्ग व पाटन ब्लॉक के शासकीय स्कूल के विद्यार्थियों के लिए विधिक जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। ऑनलाइन आयोजित किए गए विधिक जागरूकता शिविर में श्रीमती मधु तिवारी अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश दुर्ग, राजेश कुमार वर्मा अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय दुर्ग ने वीसी के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध साइबर अपराध की घटनाएं ज्यादा होती हैं, क्योंकि उनमें जानकारी का अभाव रहता है। स्कूल के विद्यार्थियों को साइबर अपराध के संबंध में जानकारी देने की आवश्यकता है इसलिए है कि वह अपने माता-पिता, जान-पहचान और आस-पड़ोस में रहने वाले व्यक्तियों को साइबर अपराध के जाल में फंसने से बचा सके।  साइबर अपराध, जिसे ‘‘इलेक्ट्रॉनिक अपराध’’ के रूप में भी जाना जाता है, यह ऐसा अपराध है जिसमें किसी भी अपराध को करने के लिए कंप्यूटर नेटवर्क, या डिवाइस का उपयोग या एक वस्तु या उपकरण के रूप में किया जाता है। डिजिटल लेनदेन के बढ़ते दौर में अकाउंट से धोखाधड़ी की घटनाएं तेजी से बढ़ी है जहां गैरकानूनी ढंग से बैंक अकाउंट से अनाधिकृत लेन देन होते हैं। इसे ऑनलाइन फ्रॉड, डिजिटल फ्रॉड या साइबर फ्रॉड की परिभाषा दी गई है। हैकर आपके अकाउंट की डिटेल हासिल करके उसे पैसे निकाल लेते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने बताया है कि अगर कोई भी अनाधिकृत लेन-देन होता है तो उसके बाद भी आपका पूरा पैसा वापस मिल सकता है, इसके लिए सतर्कता जरूरी है। रिजर्व बैंक भारतीय रिजर्व बैंक कहता है कि ऐसे किसी भी ट्रांजैक्शन की जानकारी तुरंत देखकर आप नुकसान से बच सकते हैं।

 

साइबर धोखाधड़ी से बचाव के निर्देश-आवांछित काॅलर्स/ईमेल को सदा संदेह से देखें । बैंक अधिकारी या ग्राहक सेवा के कार्यकारी होने का दावा करने वाले किसी भी व्यक्ति के साथ किसी भी क्रेडिट/डेबिट कार्ड का विवरण का साझा न करें। काॅलर द्वारा भेजे गए ऑनलाइन फॅार्म में कभी भी कार्ड विवरण दर्ज न करें। आपकी जानकारी चोरी हो जाएगी। भुगतान प्राप्त करने के लिए भेजे गए क्यूआर  कोड को स्कैन करते समय सतर्क रहें । आप अपने खाते से पैसे खो सकते हैं। वेब सर्च में दिखने वाले फर्जी ग्राहक सेवा नंबर से सावधान रहें । सभी ऑनलाइन खातों के लिए दो-कारक प्रमाणीकरण (पासवर्ड और ओटीपी) का उपयोग करें। अपने एटीएम कार्ड का पिन एटीएम कार्ड का नंबर संख्या अज्ञात को न दिखाएं ना ही बताएं। फोन काॅल जिसमे आपकी बैंक संबंधी जानकारी मांगी जा रही हो उसे जानकारी साझा करने से बचंे। कभी भी अपने बैंक संबंधी जानकारी फोन पर शेयर करने से बचें अपने फोन पर आए किसी भी ओटीपी को किसी से साझा न करें। ऐसी कोई भी ईनाम या लाटरी का मैसेज जिसका आपने आवेदन नहीं किया उसको ओपन न करें। किसी ईनामी योजना के फोन काल पर कोई जानकारी शेयर न करें।

 

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