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24 मई से कोरोना संक्रमित-ब्लैक फंगस के मरीजों को हो सकती है परेशानी, स्वास्थ्यकर्मियों ने सरकार को दी ये चेतावनीी24 मई से कोरोना संक्रमित-ब्लैक फंगस के मरीजों को हो सकती है परेशानी, स्वास्थ्यकर्मियों ने सरकार को दी ये चेतावनीCorona infected-black fungus patients may suffer from May 24, health workers gave this warning to the government

भोपाल. मध्य प्रदेश में 24 मई से कोरोना संक्रमित और ब्लैक फंगस के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. प्रदेश के संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने 24 तारीख से हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है. संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने सोमवार को कलेक्टर और सीएमएचओ को ज्ञापन दिया. उनक मांग है कि उन्हें 90 फीसदी वेतन दिया जाए.

संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुनील यादव का कहना है कि 19 हज़ार से ज्यादा कर्मचारी कोविड वार्ड, अस्पताल और कोविड केयर सेंटर्स में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. कोरोना संक्रमित होने के बावजूद भी कर्मचारी आधे वेतन में काम कर रहे हैं. जबकि, सामान्य प्रशासन विभाग ने संविदा कर्मचारियों को 90% वेतनमान देने के निर्देश दिए हैं. सभी विभागों को 90% वेतनमान दिया जा रहा है. यादव ने कहा कि NHM के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अभी भी आधे वेतन में काम कर रहे हैं.

कल से काली पट्टी पहनकर होगा काम 

यादव ने कहा कि हमने पहले सरकार को दस दिन का समय दिया था. लेकिन, 90% वेतनमान देने की मांग 10 दिन बाद भी पूरी नहीं हुई है. हमने आज कलेक्टर और सीएमएचओ को ज्ञापन दे दिया है. 18-19 मई को हम काली पट्टी बांधकर काम करेंगे. 21 मई को कोरोना से मृत संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को श्रद्धांजलि दी जाएगी और 24 मई से 19हज़ार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी काम बंद कर अस्पतालों के बाहर धरना देंगे. कोरोना संकट काल के दौरान कोरोना संक्रमित और ब्लैक फंगस मरीजों को होने वाली असुविधा के लिए शासन-प्रशासन खुद जिम्मेदार होंगे.

सीएम सहित मंत्रियों को लिखे पत्र 

यादव ने कहा कि सामान्य प्रशासन विभाग ने संविदा कर्मचारियों को 90% वेतनमान देने के निर्देश दिए हैं, लेकिन उतना वेतन मिल नहीं रहा. जबकि, बाकी सभी विभागों को 90% वेतनमान दिया जा रहा है. संघ ने अब सीएम शिवराज सिंह चौहान, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी को पत्र लिखकर 90% वेतनमान देने की मांग की है. मांगे पूरी करने के लिए 15 मई तक का समय तय किया गया है.

नीति कैबिनेट में पारित, वित्त विभाग में अटकी 

 

संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुनील यादव ने कहा कि अगर 10 दिन के अंदर मांग पूरी नहीं की जाती है तो काम बंद कर दिया जाएगा . काम बंद होने से मरीजों को होने वाली असुविधा के लिए शासन-प्रशासन जिम्मेदार होगा. उन्होंने कहा 2018 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए एक नीति बनाई थी जो कैबिनेट में पारित भी हो गई थी. सामान्य प्रशासन विभाग की मंजूरी के बाद भी एनएचएम के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का मामला वित्त विभाग में पेंडिंग है. वित्त विभाग से अब तक हरी झंडी मिलने का इंतजार है.

 

 

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