कोरोना की दूसरी लहर ने इतना पीछे धकेल दिया ऑटो सेक्टर को, जानिए डिटेल्स Corona’s second wave pushed the auto sector so much back, know details
देश में एक बार फिर कोरोना की दूसरी लहर (Second wave of covid 19)का असर अब हर सेक्टर पर नजर आ रहा है. खासतौर से ऑटो सेक्टर (Auto sector) इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले सेक्टर्स में से एक है. फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) का कहना है कि अप्रैल 2019 में दो साल पहले की तुलना में अप्रैल 2021 में ऑटोमोबाइल के रजिस्ट्रेशन (Automobile Registration) में लगभग 32 प्रतिशत की गिरावट आई है. लॉकडाउन (Lockdown)की वजह से अलग अलग राज्यों के डीलर्स फिलहाल अपना बिजनेस नहीं चला पा रहे हैं. बिक्री की मात्रा अप्रैल 2020 से तुलनीय नहीं है क्योंकि उस दौरान भी पूरे देश में लॉकडाउन था और किसी भी गाड़ी को रजिस्टर्ड नहीं किया गया था.
उद्योग के हर वर्ग ने बिक्री में भारी गिरावट दर्ज की. हालांकि इसमें ट्रैक्टर्स को नहीं जोड़ा जा रहा है क्योंकि उनकी वृद्धि काफी अच्छी है. यात्री वाहनों का पंजीकरण 14 प्रतिशत, दोपहिया वाहनों का 31 प्रतिशत से अधिक, तीन-पहिया वाहनों का 64 प्रतिशत और वाणिज्यिक वाहनों का अप्रैल 2020 में 49 प्रतिशत कम रहा. ट्रैक्टरों ने 16 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की.
ग्रामीण भारत को भी अपनी मुट्ठी में ले लिया
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के अध्यक्ष, विंकेश गुलाटी का कहना है कि भारत इस समय अपने सबसे कठिन समय में से एक का सामना कर रहा है, जिसमें कोविड -19 की दूसरी लहर हर किसी के जीवन में कहर ढा रही है. इस बार, प्रसार केवल शहरी बाजारों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसने ग्रामीण भारत को भी अपनी मुट्ठी में ले लिया है. उन्होंने आगे कहा कि, पिछले साल के विपरीत, इस बार केंद्र सरकार ने नहीं बल्कि राज्य सरकारों ने लॉकडाउन का ऐलान किया है. आरबीआई और ऑटो ओईएम द्वारा कोई राहत की घोषणा नहीं हुई है. बता दें कि अगर मार्च अप्रैल से भी तुलना की जा रही है तो भी लॉकडाउन का असर साफ दिख रहा है.
किसमें कितनी गिरावट
बता दें कि रजिस्ट्रेशन में 28 प्रतिशत की कमी है क्योंकि अधिकांश भारतीय राज्यों ने महीने की शुरुआत में (5 अप्रैल को आंशिक रूप से पूर्ण रूप से) लॉकडाउन का ऐलान करना शुरू कर दिया था. प्रसार की शुरुआत महाराष्ट्र से हुई, इसके बाद छत्तीसगढ़, दिल्ली और राजस्थान में हुई. इसके तुरंत बाद अन्य राज्यों ने भी इसका अनुसरण किया. सभी श्रेणियों में दोपहिया वाहनों में 28 प्रतिशत, तिपहिया वाहनों में 43 प्रतिशत, यात्री वाहनों में 25 प्रतिशत, ट्रैक्टरों में 45 प्रतिशत और वाणिज्यिक वाहनों में 24 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई.
FADA ने सरकार की वित्तीय पैकेज मांग
FADA ने सरकार से एक वित्तीय पैकेज मांगा है और साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक से प्रत्येक राज्य में लॉकडाउन के दिनों की संख्या के बराबर ऋण पुनः भुगतान की छूट के बारे में दिशा-निर्देश या अधिसूचना के लिए अनुरोध किया है. FADA को मई से भी बहुत उम्मीद नहीं है. अधिकांश राज्यों में लॉकडाउन के साथ, डीलरशिप और यहां तक कि कारखाने भी बंद हो गए हैं.
मानसून पर भी टिकी है आस
गुलाटी ने आगे कहा कि, कोविड की दूसरी लहर ने इस बार न केवल शहरी बल्कि ग्रामीण बाजारों को भी अस्थिर कर दिया है. ऐसे में पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर में रिकवरी के लिए ज्यादा समय लग सकता है. ऐसे में आशा की एकमात्र किरण मानसून के समय पर आना होगा, जो 1 जून के आसपास दक्षिणी तट से भारत में प्रवेश करने की संभावना है. क्योंकि उस दौरान खेतों का आउटपुट ज्यादा होगा. ऐसे में ग्रामीण मार्केट शहरी मार्केट से ज्यादा तेजी से ऊपर उठेगा.
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