छत्तीसगढ़

वैक्सीनेशन को लेकर प्रदेश सरकार शुरू से अपने राजनीतिक दुराग्रह का परिचय देती आ रही- सतीश लाटिया वैक्सीनेशन को लेकर प्रदेश सरकार शुरू से अपने राजनीतिक दुराग्रह का परिचय देती आ रही- सतीश लाटिया*

*वैक्सीनेशन को लेकर प्रदेश सरकार शुरू से अपने राजनीतिक दुराग्रह का परिचय देती आ रही- सतीश लाटिया*

कांकेर । भारतीय जनता पार्टी जिलाध्यक्ष सतीश लाटिया में राज्य के कांग्रेस नेताओं को राजनीतिक बयानबाजी छोड़ कोरोना संक्रमण रोकने और राज्य के सभी नागरिकों के टीकाकरण की मांग की है । लाटिया ने 18+ के टीकाकरण में प्राथमिकता निर्धारित करने को राज्य सरकार की विफ़ल नीति बताते हुए कहा की अपने फैसले का बचाव करने के लिये राज्य के कांग्रेस नेता तरह-तरह के बहाने बना कर भाजपा पर निशाना साध रहे है ताकि जनता के गुस्से से बचा जा सके । लाटिया ने वैक्सिनेशन में भेदभाव को लेकर भाजपा द्वारा सवाल उठाने पर विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मण्डावी द्वारा भाजपा को गरीब विरोधी चरित्र बताने पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेसियो को अपनी नाकामी का ठीकरा दुसरो पर फोड़ना बहुत अच्छे से आता है । पूरे देश में पूर्ववर्ती डॉ रमन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा ही पहली सरकार थी जिसने गरीबो के लिये खाद्यान सुरक्षा बिल लाकर गरीबो की चिंता की और उन्हें 1 रु किलो में चावल देने की शुरुआत की । चावल के साथ ही गरीबो को चना, मुफ्त नमक और गुड़ भी भाजपा सरकार ने ही देना चालू किया । आज पूरे छग में कोरोना संक्रमण विकराल रूप में पैर पसार चुका है उसके बाद भी राज्य की भुपेश बघेल सरकार लोगो को संक्रमण से बचाने के उपाय करने के बजाय वैक्सिनेशन में आरक्षण लागू कर रही है । लाटिया ने आगे कहा कि राज्य के प्रत्येक नागरिकों को वैक्सीन की सुरक्षा देने में राज्य सरकार इतनी अक्षम हो गई है कि हाइकोर्ट को सभी के वैक्सिनेशन के लिये सरकार को फटकार लगानी पड़ी । वैक्सीनेशन में आरक्षण के फैसले को लेकर प्रदेश सरकार को हाई कोर्ट ने बहानेबाजी करके वैक्सीनेशन रोकने के लिए नाराजगी जाहिर कर सभी वर्ग के लोगों का समान रूप से टीकाकरण करने का निर्देश दिए जाने का स्वागत किया है। लाटिया ने कहा कि वैक्सीनेशन को लेकर प्रदेश सरकार शुरू से अपने राजनीतिक दुराग्रह का परिचय देती आ रही है। पहले वैक्सीन की प्रामाणिकता पर सवाल उठाकर प्रदेश को भ्रमित करके प्रदेश सरकार ने वैक्सीनेशन का काम रोका, जिससे लगभग ढाई लाख वैक्सीन के डोज़ बर्बाद हो गए। इसके बाद 18 वर्ष से अधिक आयुसीमा के युवकों के वैक्सीनेशन के लिए प्रदेश सरकार ने आरक्षण के नाम पर नई राजनीतिक नौटंकी की और मामला जब हाई कोर्ट पहुँचा तो प्रदेश सरकार ने वैक्सीनेशन का काम ही स्थगित कर दिया था इसके चलते प्रदेश में लगभग एक लाख वैक्सीन की डोज़ जाम पड़ी थी जिसे हाइकोर्ट के फटकार के बाद पुनः प्रारंभ करना पड़ा ।
लाटिया ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार नित-नए सियासी पैंतरे आजमाकर वैक्सीनेशन के काम को विफल करने पर आमादा नज़र आ रही है। प्रदेश में वैक्सीनेशन के लिए लोगों को जागरूक और प्रेरित करने के लिए भूपेश सरकार की ओर से अपेक्षानुरूप सार्थक प्रयास नहीं किए जाने का ही यह दुष्परिणाम है कि प्रदेश के गाँवों में वैक्सीनेशन के लिए पहुँच रहे प्रशासनिक अमले को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है, ग्रामीण किसी भी सूरत में टीकाकरण के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं और टीकाकरण दल को गाँव से भगाया जा रहा है। श्री लाटिया ने कहा कि हाई कोर्ट के निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश सरकार अब वैक्सीनेशन और कोरोना संक्रमण की रोकथाम के प्रति संजीदा होकर काम करे।

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