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संदिग्ध मरीजों को होम आइसोलेशन की दवा मिलने से रुक सकती है अस्पतालों में भीड़, Suspicious patients may stop hospitalization from getting home isolation medicine

दुर्ग / दुर्ग जिला भाजपा उपाध्यक्ष संतोष सोनी ने मुख्यमंत्री व स्वास्थ मंत्री को ट्वीट कर यू पी मॉडल की तर्ज पर प्रदेश में भी कोविड के सन्दिग्ध मरीजों को होम आइसोलेशन की दवा तुरंत उपलब्ध कराने व प्रायवेट तथा सरकारी चिकित्सकों के द्वारा होम आइसोलेशन का प्रिस्क्रिप्शन लिखे जाने हेतु स्टैंडर्ड गाईडलाइंस जारी करने की मांग की है।
ज्ञात रहे कि उत्तर प्रदेश में बढ़ते हुए मरीजों की संख्या व आरटीपीसीआर जांच की रिपोर्ट आने में अधिक विलम्ब को देखते हुए वहां के हेल्थ डायरेक्टर ने खाँसी, बुखार व बदन दर्द सर दर्द आदि लक्षण दिखने पर ऐसे मरीजों को संदिग्ध कोविड मरीज मान कर उनके लिए आईसीएमआर व डीसीजीआई निर्देशों व नियमावली के तहत कोविड की प्रारंभिक दवाओं को ऐसे मरीजों को तत्काल देना सुनिश्चित करने हेतु एक स्टैंडर्ड नियमावली तैयार कर प्रदेश के समस्त अस्पतालों व चिकित्सकों को निर्देश पत्र जारी किया है।  संतोष सोनी ने पहले भी बयान जारी कर छत्तीसगढ़ में मरीजों की बढ़ती हुई संख्या व टेस्ट रिपोर्ट में विलंब पर चिंता जताते हुए ऐसे संदिग्ध कोविड मरीजों को तत्काल होम आइसोलेशन वाली दवा शुरू करने हेतु नियम बनाने का आग्रह समाचार पत्रों के माध्यम से व मंत्रियों को मेल भेज कर किया था। श्री सोनी का कहना है कि यदि उनकी सलाह प्रारंभ  में ही मान ली जाती तो आज प्रदेश के अस्पतालों में इतनी बड़ी संख्या में मरीज भर्ती नहीं होते और इतनी मौतें भी नहीं होतीं। अभी भी यदि सरकार इस सुझाव को गंभीरता से ले कर अमल करे तो अस्पतालों में लगातार बढ़ती हुई भीड़ को नियंत्रित किया जा सकता है जिससे मरीजों को मौत व ईलाज के बड़े खर्च से बचाया जा सकेगा। उनके द्वारा जारी किया गया वीडियो भी वायरल हो चुका है जिसे काफी लोगों ने सराहा है। राज्य के स्वास्थ विभाग के द्वारा कोविड के कन्फर्म मरीजों के लिए ही उपचार की नियमावली जारी की गई है जो कि वर्तमान परिस्थितियों में आरटीपीसीआर रिपोर्ट में देरी की वजह से अनेक संदिग्ध मरीजों की चिकित्सा करने में कोई प्रभावी मदद नहीं कर पा रही है और ऐसे हजारों मरीज प्रभावी दवा के अभाव में कई कई दिन बिना ईलाज के रह जा रहे हैं जो कि आगे जा कर उनके लिए घातक सिद्ध हो रहा है। हजारों मामले ऐसे भी पाए गए जिसमें आरटीपीसीआर की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी कोविड के मरीज की तरह उनके फेफड़े में निमोनिया हो जा रहा है और अन्य लक्षण भी कोविड की तरह पाए जा रहे तो ऐसे मामले में भी इस सलाह को मान लेने से मरीज को ईलाज मिलने में सुविधा होगी जबकि वर्तमान में निगेटिव रिपोर्ट वाले या रिपोर्ट में विलंब वाले गंभीर मरीज को ईलाज पाने हेतु भारी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।
संतोष सोनी ने राज्य सरकार से अपील किया है कि जल्द से जल्द विशेषग्यों से सलाह ले कर इस दिशा में कार्यवाही कर मरीजों को राहत प्रदान करें।

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