
छत्तीसगढ़, कवर्धा: 27 मार्च 2021 को ग्राम पंचायत -बैरख में विश्व रंगमंच दिवस मनाया गया। सर्वप्रथम माँ सरस्वती की छाया चित्र पर पूजा अर्चना एवं माल्यार्पण पश्चात् मुख्य अतिथि श्याम मसराम ग्राम पंचायत बैरख सरपंच,अध्यक्षता श्री सोहन कुमार यादव,विशिष्ट आतिथ्य श्री तीजराम विश्वकर्मा कर रहे थे। कार्यक्रम में प्रकाश डालते हुए सर्वप्रथम संस्था प्राचार्य सोहन कुमार यादव ने बताया कि 1961 से 27 मार्च को पूरे विश्व मे रंगमंच दिवस मनाया जाता है । भारत में रंगमंच का इतिहास बहुत पुराना है । ऐसा माना जाता है कि नाट्यकला का विकास सबसे पहले भारत में ही हुआ । ऋग्वेद वेद कतिपय सूत्रों में यम और यमी,पुरूरवा और उर्वशी है। नाट्य कला की उत्पत्ति दैवीय है,अर्थात दु:ख रहित सत्य युग बीत जाने पर, तेत्रा युग के आरंभ में देवताओं ने ब्रह्मा से मनोरंजन का कोई ऐसा साधन उत्पन्न करने की प्रार्थना की जिससे देवता लोग अपने दु:ख भूल कर आनंद प्राप्त कर सके। तत्पश्चात सरपंच श्याम मसराम ने कहा कि नुक्कड़ नाटक के माध्यम से हम रंगमंच के द्वारा महत्वपूर्ण संदेश दे सकते है। इसके पश्चात तीजराम विश्वकर्मा ने कहा कि रंगमंच के द्वारा सामाज में फैले बुराई को प्रदर्शन करके समझाया जा सकता है। इसके बाद श्री लक्ष्मण लाल वर्मा ने कहा कि जीवन मे रंगमंच का बहुत महत्व है। इसलिए रंगमंच को नहीं छोड़ना चाहिए ।तत्पश्चात परमेश्वर सोयाम ने कहा कि सामाजिक मुद्दों को सामने लाने व जागरूकता फैलाने के लिए रंगमंच का होना जरूरी है।कार्यक्रम में सरपंच एवं संस्था प्राचार्य एवं शिक्षकों की उपस्थितिमें कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए मास्क एवं सामाजिक दूरी पालन करते हुए 5 लोगों में ही सम्पन्न किया गया।