छत्तीसगढ़

Holi अब तक 90 किलो हर्बल गुलाल की हुई बिक्री कलेक्टोरेट परिसर के सामने लगाया गया है हर्बल गुलाल का स्टाल,

महिला समूहों द्वारा निर्मित हर्बल गुलाल को मिल रहा अच्छा प्रतिसाद, साइड इफेक्ट नहीं होने के कारण बढ़ी मांग
अब तक 90 किलो हर्बल गुलाल की हुई बिक्री
कलेक्टोरेट परिसर के सामने लगाया गया है हर्बल गुलाल का स्टाल,
नारायणपुर 27, मार्च,2021 – कलेक्टोरेट परिसर के सामने  कलेक्टर श्री धर्मेश कुमार साहू के निर्देशानुसार एवं कृषि विज्ञान केंद्र, नारायणपुर के मार्गदर्शन में ग्राम पालकी की राधाकृष्ण महिला  स्व सहायता समूह  द्वारा स्टाल में लगाए गए हर्बल गुलाल की लोगों द्वारा सराहना की जा रही है। त्वचा पर किसी भी प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं होने के कारण हर्बल गुलाल की अच्छी मांग है। इससे समूह की महिलाओं में अच्छा उत्साह है। जिला कार्यालय आने वाले लोगों एवं राहगीरों द्वारा हर्बल गुलाल खरीदकर समूह की महिलाओं को प्रोत्साहित किया गया। कलेक्टोरेट परिसर के सामने लगाए गए स्टाल के अलावा कृषि विज्ञान केंद्र नारायणपुर एवं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के विक्रय केंद्र में भी हर्बल गुलाल खरीदा जा सकता है। कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. दिब्येंदु दास ने बताया कि रसायनयुक्त गुलाल, रंग से होली खेलने से बहुत से नुकसान है, ऐसे में समूह द्वारा बनाई गई हर्बल गुलाल फायदेमंद है। कलेक्टोरेट परिसर के समीप लोगों की आवा जाही के चलते सभी सामग्रियों की अच्छी बिक्री हो रही है। उन्होंने बताया कि अब तक 90 किलो हर्बल गुलाल की बिक्री की जा चुकी है। हर्बल गुलाल किस तरह से बनाई जाती है, इसके बारे में भी लोगों द्वारा जानकारी ली जा रही है। उन्हें बताया कि हर्बल गुलाल बनाने में गुलाब, गेंदा, चांदनी, रात रानी के फूल, टेशू के फूलों सहित पत्ती, एवं पालक भाजी, लाल भाजी का उपयोग किया गया है, इससे त्वचा को किसी भी तरह से नुकसान नहीं होता है।

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