छत्तीसगढ़

सनातन दशनाम सन्यासी गोस्वामी समाज राजिम परिक्षेत्र का वार्षिक सम्मेलन संपन्न

रिपोर्टर:-भूपेंद्र गोस्वामी

 

स्थान:-सिरकट्टी आश्रम कुटेना पाण्डुका छुरा

-सनातन दशनाम सन्यासी गोस्वामी समाज राजिम परिक्षेत्र का वार्षिक सम्मेलन संपन्न

 

-वर्तमान एवं आधुनिक युग में भी हमारे समाज के अधिकतर लोग, आज भी पुराने रूढ़िवादी विचारधारा को लेकर चल रहे हैं। जिसके कारण आज भी हमारा गोस्वामी समाज बहुत पीछे है। मेरे विचार से अपने बेटों का रिश्ता लड़की के गोत्र के आधार पर नहीं बल्कि लड़की के परिवार, लड़की की शिक्षा दीक्षा, संस्कार एवं उनकी रहन-सहन के स्तर के आधार पर करना चाहिए।
जहां तक गोत्र का सवाल है तो मैं कहना चाहूंगा, कि किसी भी सामाजिक नियमावली में या किसी भी धर्म शास्त्र में, यह नहीं लिखा गया है कि आप इस इस गोत्र के हैं, तो आप फला फला गोत्र से रिश्ता नहीं कर सकते हैं , बल्कि हिंदू धर्म के अनुसार अगर हमें अपने पुत्र या पुत्री का विवाह करना है तो हमें कुल 2 गोत्र को छोड़कर शेष सभी गोत्र से रिश्ता कर सकते हैं । जिस किसी भी लड़की या लड़का का विवाह करना है । उसका स्वयं का गोत्र एवं उसके मामा का गोत्र, कुल दो गोत्र को छोड़कर शेष सभी गोत्र में रिश्ता किया जा सकता है।
अतः यह जो समाज के हर परिवार में 4-5-6 गोत्र को हमारे परिवार में नहीं चलता है। पुराने बुजुर्गों के समय से यह गोत्र हमारे परिवार में नहीं मांगना है बोले हैं कहकर उस अप्रमाणित परंपरा को आज भी लोग चला रहे हैं ।यह बहुत ही गलत परंपरा है । मैं समाज के लोगों से यह पूछना चाहूंगा , कि जब समाज का कोई लड़का , अन्य समाज के किसी लड़की से प्रेम विवाह कर लेता है और समाज के मुखिया लोग उसे दंड लेकर , समाज में मिला लेते हैं तथा उस लड़के के परिवार वाले भी, गैर समाज की लड़की को अपने घर की बहू स्वीकार कर लेते हैं , तब गोत्र का ध्यान नहीं आता है, तब गोत्र की बात नहीं होती है,गोत्र की छानबीन नहीं होती है और जब समाज की लड़की देखने जाते हैं, तो जाने से पहले ही उस लड़की का क्या गोत्र है, इसका पहले पता करेंगे, तब लड़की के घर उसे देखने जाएंगे। यह कहां का न्याय है । फिर वह तो हमारे समाज की बेटी है, उसे आप लोग क्यों स्वीकार नहीं करते हैं, केवल यह गोत्र हमारे परिवार में नहीं चलता है। इसलिए वह लड़की पसंद होने के बाद भी, आप उससे रिश्ता नहीं कर रहे हैं।
एक तरफ तो लोग समाज की बेटियों से गोत्र के आधार पर भेदभाव कर रहे हैं और दूसरी तरफ समाज के मुखिया लोग दंड के रूप में मोटी रकम लेकर तथा लड़के के परिवार के लोग दंड देकर, अन्य समाज की लड़की को बहु बनाकर रखने को तैयार है । यह कहां का न्याय है , यह समाज की बेटियों के साथ घोर अन्याय हो रहा है और समाज के मुखिया लोग इस विषय पर सामाजिक रूप से ना तो कोई चर्चा करते हैं और ना ही किसी सामाजिक मंच पर इस विषय पर बात करते हैं और अगर इन्हीं गोत्र की जिस गोत्र को लोग पसंद नहीं करते हैं । इस गोत्र की कोई बेटी जिसकी बहुत अधिक उम्र हो गई हो और उससे समाज का कोई भी लड़के वाले रिश्ता नहीं कर रहे हैं, तो वह बेटी, अपना घर परिवार बसाने हेतु अपनी मनपसंद के किसी अन्य समाज के लड़के के साथ, प्रेम विवाह कर लेती है । तो यही समाज के मुखिया लोग, उस बेटी के परिवार को समाज से बहिष्कृत कर देंगे। बेटी को भी समाज से बहिष्कृत कर देंगे तथा एक मोटी रकम से दंडित कर , उसे समाज में मिलाएंगे । तो क्या समाज के मुखिया लोग केवल दंड लेने के लिए है? समाज के गलत परंपरा को खत्म करना समाज प्रमुखों की तथा हम सब की जवाबदारी नहीं है ?
मैं समाज के हर उस छोटे से छोटा पदाधिकारी एवं बड़े से बड़े पदाधिकारियों से यह पूछना चाहूंगा कि क्या आपने ऐसे परिवार की बेटी जिस गोत्र की बेटी से लोग रिश्ता करने से कतराते हैं । ऐसी बेटी के लिए तथा समाज की अधिक उम्र की बेटियों के लिए, आपने कभी रिश्ता भेजा है या रिश्ता जोड़ने का प्रयास किया है? नहीं ना, तो क्या आप केवल बेटा और बेटियों के बिगड़ने पर मोटी रकम दंड के रूप में वसूलने के लिए ही समाज के मुख्य बने हैं? बुरा लगे तो क्षमा चाहूंगा।
समाज के प्रमुख लोग भी तथा समाज के शुभचिंतक एवं पदाधिकारीगण भी विचार करें कि अगर आपके गोत्र को भी समाज के अधिकतर लोग पसंद नहीं करते और आपके घर भी बेटी की उम्र २७ से ३७ वर्ष हो जाती है, तब आपके ऊपर एवं आपके परिवार के ऊपर क्या बीतेगी। आप सभी अपने ऊपर ले कर इस बात का चिंतन मनन करें।
अतः इस रूढ़ीवादी अपप्रमानित परंपरा को खत्म करने के लिए मैं समाज के सभी लोगों से विनम्र प्रार्थना करता हूं कि आप लोग केवल 2 गोत्र को छोड़कर, बाकी सभी गोत्र में लड़की पसंद आने पर रिश्ता करें । विशेषकर युवाओं से मेरा अनुरोध है कि आप लोग इस दकियानुसी रूढ़िवादी विचारधारा का विरोध करें और अपने स्वयं का और मामा का गोत्र, कुल 2 गोत्र को छोड़कर, जिस गोत्र में भी आपको लड़की पसंद है। उससे रिश्ता करने के लिए परिवार वालों को कहें क्योंकि इस गलत एवं आप्रमाणित परंपरा का विरोध जब तक युवा लोग एवं मातृशक्ति लोग नहीं करेंगे, तब तक यह गलत परंपरा का निर्वहन होता रहेगा और समाज की बेटियों का रिश्ता नहीं हो पाएगा। जो समाज की बेटियों के साथ घोर अन्याय है। जो समाज के लिए बहुत ही चिंताजनक, कष्टप्रद एवं समाज के लिए बहुत बड़ी गंभीर समस्या है। अतः इसका आप सभी जागरुक लोग विरोध करें। तभी यह अप्रमाणित गलत परंपरा समाप्त होगी।
मैं इस परंपरा को समाप्त करने के लिए तथा बेटियों के साथ हो रहे अन्याय को खत्म करने के लिए ,विगत क्षय5-6 वर्षों से प्रयासरत हूं, उसी क्रम में यह एक छोटा सा मेरा प्रयास है।🙏🏻 दंड लेकर समाज में मिलाने वाले समाज प्रमुखों से क्षमा प्रार्थी हू

Related Articles

Back to top button