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आधुनिकता के रंग म रंगे समाज , जिहां अधिकांश परिवार के बीच म आपसी सामंजस्य के कमी देखे बर मिलत हे, आज के दौर म जिहां एक तरफ टीवी धारावाहिक अउ सिनेमा ह घलोक पारिवारिक दूरी ल बढ़ाए के कारण माने जात हे, ये समय के बदलते दौर म जीवन शैली के बदलाव के संगे संग अधिकांश परिवार म सास बहू एक संग नई रहे के सेतिर पारिवारिक विघटन के संग अपनापन घलोक घटक जात हे, जेखर ले लोगन मन आजकल एकल परिवार म ही रहना पसंद करथे, एकर एक प्रत्यक्ष उदाहरण शहरी क्षेत्र के वृद्ध आश्रम म देखे जा सकथे ।
किंतु ठीक ऐखर विपरीत, रतनपुर म एक अइसे परिवार हे, जिहां पुराना रीति रिवाज के संग संग पुराना संस्कार ले जुड़े हुए हे, तौ एक अइसे हकीकत ले आप मन ल रूबरू करावत हन जेन ह सास बहू के पवित्र रिश्ता के आपसी प्रेम ल उजागर करत हे ।
वी.ओ- रतनपुर म स्थित करैहापारा मोहल्ला जिहां निवासरत हे, एक संगठित तंबोली परिवार , जिहां 77 साल के सेवानिवृत्त शिक्षक शिवप्रसाद तंबोली के घर म 39 सदस्य वाला एक संयुक्त परिवार हे , अउ ये परिवार म ग्यारह बहू हे , तथा ये बहू मन अपन माता स्वरूपी सास स्वर्गीय गीता देवी तंबोली, जिंखर सन 2010 में स्वर्गवास हो गए रहिस हे, जेकर ले बिछड़े के गम ह ये परिवार के संग संग जम्मो बहू मन ल झकझोर के रख दिहे रईस , काहे कि उंखर द्वारा जम्मो बहू मन ल बेटी बरोबर प्यार अउ अपनापन मिलत रहीस हे, तथा उंखर ले मिले संस्कार अउ प्रेरणा ह आज तक ये घर परिवार ल जोड़ के रखे हुए हे, तौ ये बहू मन के द्वारा अपन माता स्वरूपी सास के प्रति अगाध प्रेम अउ निष्ठा ले समर्पित उंखर याद ल संजोए रखे के खातिर अपन घर म ही सासू मां के एक छोटे से मंदिर बनवा डारे हे, अउ ये मंदिर म उंखर सासू मां गीता देवी के प्रतिमा स्थापित हे, तथा ये बहू मन सास के मूर्ति ल सोना चांदी के गहने ले सिंगार करे हुए हे , जेन ह आज भी वो घर परिवार के बीच म अपन मौजूदगी के अहसास करावत रहिथे ।
सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि ये जम्मो ग्यारह बहु मन के द्वारा प्रतिदिन संझा बिहानिहा ये मंदिर म अपन सास के प्रतिमा म अपन श्रद्धा के पुष्प अर्पित करत हुए दीप प्रज्वलित करके , पूजा के थाली सजाके , पूजा अर्चना घलोक करे जाथे, ऐकर अलावा महीना म एक दिन ये मंदिर के आघु म जम्मो बहू मन के द्वारा बइठ के भजन कीर्तन भी करे जाथे, जेमा इंखर मन के मानना हे कि उंखर आशीर्वाद ह आज तक ये घर परिवार ल जोड़ के रखे हुए हे , तथा ये परिवार म सुख समृद्धि अउ एकजुटता बने हुए हे , जेकर आशीर्वाद के चलते ये परिवार म न तो कभू लड़ाई झगड़ा होवय अउ न ही मनमुटाव , अउ हर काम एक दूसर के सलाह मशवरा ले करे के संग संग ये बहु मन म कभु देवरानी जेठानी के भेदभाव देखे बर नई मिले हे बल्कि एक दूसर ल सगे बहिनी बरोबर दुलार दिहे जाथे , रतनपुर के ये तंबोली परिवार जेन ह आज के आधुनिकता के चकाचौंध म नगर अउ समाज के लिए एक प्रेरणा बन के उभरे हे। जेन ह नगर अउ समाज के लिए गौरव के बात हे ।