छत्तीसगढ़

Chh.दीनदयाल उपाध्याय जी भी थे. जिन्होंने हमारे देश को एक मजबूत राजनीतिक पार्टी देने का कार्य किया ।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि समर्पण दिवस पर आज भाजपा कार्यलय कमल सदन में

कांकेर : एकात्म मानववाद के प्रणेता , महान विचारक , लेखक, जनसंघ के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि समर्पण दिवस पर आज भाजपा कार्यलय कमल सदन में कांकेर शहर मण्डल द्वारा पँ दिन दयाल उपाध्याय के छायाचित्र पर पुष्प अर्पित व दीप प्रज्ज्वलित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई व राजनीति में उनके योगदान को याद किया गया।
भाजपा जिला महामंत्री दिलीप जायसवाल ने श्री उपाध्याय के बारे में बताते हुए कहा की पँ दिन दयाल उपाध्याय एक महान विचारक और एक राजनेता थे और भारतीय जनसंघ पार्टी को बनाने में इनका अहम योगदान रहा है. इन्होंने अपनी कॉलेज के दिनों में ही राजनीति में आने का निर्णय ले लिया था और बेहद ही कम समय में इन्होंने कई उपलब्धियां हासिल कर ली थी.साल 1951 में भारतीय जनसंघ की नींव रखी गई थी और इस पार्टी को बनाने का पूरा कार्य इन्होंने श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ मिलकर किया था. इस पार्टी के गठन के बाद उपाध्याय जी को इस पार्टी का महासचिव भी चुना गया था और ये पार्टी आरएसएस से जुड़ी हुई थी जो हिंदू राष्ट्रवाद की विचारधारा रखती थी. वहीं सन् 1977 में ये पार्टी, जनता पार्टी के नाम से प्रसिद्ध हो गई थी और साल 1980 में इस पार्टी का नाम भारतीय जनता पार्टी हो गया था.
पूर्व विधायक सुमित्रा मारकोले ने कहा कि जिस वक्त पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी अपने स्नातक स्तर की शिक्षा हासिल कर रहे थे. उसी वक्त ही ये राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संपर्क में आए थे और ये आरएसएस के प्रचारक बन गए थे. सन् 1955 में इन्हें लखीमपुर जिले में आरएसएस का प्रचारक नियुक्त किया गया था और आरएसएस का प्रचार करने की जिम्मेदारी इन्हें दी गई थी. पँ दिन दयाल उपाध्याय के कारण ही भाजपा अस्तित्व में आई ।
भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य भरत मटियारा ने श्री उपाध्याय की जीवनी के बारे में बोलते हुए कहा कि श्री पँ उपाध्याय बतौर पत्रकार के रूप में भी कार्य किये है और ये काफी प्रसिद्ध पत्रकार रह चुके हैं. इन्होंने राष्ट्रधर्म नामक अखबार के लिए काफी लेख लिखे थे. इन्होंने साप्ताहिक पांचजन्य और दैनिक स्वदेश नामक दो अखबार भी शुरू किए थे. इसके अलावा इन्होंने चंद्रगुप्त मौर्य पर एक नाटक भी लिखा था और शंकरचार्य के जीवन पर एक किताब भी लिखी थी.
भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष शालिनी राजपूत ने भी पँ दिन दयाल उपाध्याय के योगदान को याद करते हुए कहा कि दीनदयाल उपाध्याय ने जो अपनी सेवाएं भारतीय जनसंघ पार्टी और आरएसएस को दी थी, उसको अभी भी बीजेपी पार्टी के द्वारा याद रखा गया है और इस पार्टी द्वारा इनकी याद में कई तरह के कार्य भी किए गए हैं. बीजेपी पार्टी की और से कई योजनाओं का नाम इनके नाम पर रखा गया है. जैसे दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना और दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना. इतना ही नहीं प्रधान मंत्री मोदी जी ने कई सार्वजनिक संस्थानों का नाम इनके नाम पर परिवर्तित कर दिया है. इसके अलावा इनके नाम पर एक कॉलेज और अस्पताल भी है.
भाजपा जिला उपाध्यक्ष राजीव लोचन सिंह ने कहा कि भारत की राजनीति आज जिस स्तर पर है उसे बनाने के पीछे कई महान लोगों का योगदान रहा है और इन्ही महान लोगों में से एक दीनदयाल उपाध्याय जी भी थे. जिन्होंने हमारे देश को एक मजबूत राजनीतिक पार्टी देने का कार्य किया ।
भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश महामंत्री टेकेश्वर जैन ने महामानव पँ दिन दयाल उपाध्याय को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि एक प्रखर विचारक, उत्कृष्ट संगठनकर्ता तथा जीवनपर्यंन्त अपनी व्यक्तिगत ईमानदारी व सत्यनिष्ठा को अत्यधिक महत्त्व देते हुए उस पर सदा आरूढ़ रहने वाले भारतीय जनसंघ के नेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय भारतीय जनता पार्टी के लिए न केवल वैचारिक मार्गदर्शन और नैतिक प्रेरणा के स्रोत रहे हैं, बल्कि देश के अन्यतम राष्ट्रवादी राजनीतिज्ञ और भारतीय राष्ट्रवादी राजनीति के पुरोधा भी थे। पंडित दीनदयाल मज़हब और संप्रदाय के आधार पर भारतीय संस्कृति का विभाजन करने वालों को देश के विभाजन का ज़िम्मेदार मानते थे। राष्ट्र के सजग प्रहरी व सच्चे राष्ट्र भक्त के रूप में भारतवासियों के प्रेरणास्त्रोत रहे पण्डित दीनदयाल के जीवन का उद्देश्य- अपने राष्ट्र भारत को सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, शैक्षिक आदि समस्त क्षेत्रों में उतुंग उचाईयों पर अर्थात बुलंदियों तक पहुंचा हुआ देख सकने की थी ।पंडित दीनदयाल उपाध्याय एक ऐसी राजनीतिक विचारधारा के सूत्रधार एवं समर्थक थे, जिसमें राष्ट्रभक्ति की भावना कूट-कूटकर भरी थी ।
मण्डल अध्यक्ष दीपक खटवानी ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि राजनीति में कथनी और करनी में अन्तर न रखने वाले इस महापुरुष ने भारतीय संस्कृति के प्रति अपनी गहरी आस्था बनाये रखी । हिन्दुत्ववादी चेतना को वे भारतीयता का प्राण समझते थे । राष्ट्रनिर्माण के कुशल शिल्पियों में से एक पंडित दीनदयाल उपाध्याय न केवल भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष रहे, बल्कि उन्होंने भारत की सनातन विचारधारा को युगानुकूल रूप में प्रस्तुत करते हुए देश को एकात्म मानववाद नामक विचारधारा दी।
कार्यक्रम का संचालन मण्डल महामंत्री अरुण कौशिक व गिरधर यादव ने किया ।
इस अवसर पर निर्मला नेताम, सुषमा गंजीर, राजा देवनानी, डॉ देवेंद्र साहू, वीरेंद्र श्रीवास्तव, रामचरण कोर्राम, आशा राम नेताम, भूपेंद्र नाग, संजय सिन्हा, विजय लक्ष्मी कौशिक, रमशीला साहू, मीरा सलाम, चन्द्र प्रकाश ठाकुर, राजेन्द्र गौर, शैलेंद्र शोरी, मनोज ध्रुव, अंशु शुक्ला, राकेश शर्मा, जागेश्वरी साहू, उषा ठाकुर, अन्नपूर्णा ठाकुर, शकुंतला जैन, जयंत अठभेया, नंदा गोसाई, विजय खटवानी, गोकुल नाग, दोलेश जैन, आकाश सोनी, घनेन्द्र सिंह ठाकुर, श्रद्धेश चौहान, हर्ष चंदेल, पुष्पेन्द्र सिंह, पीयूष वलेचा सहित बड़ी संख्या में भाजपाई उपस्थित रहे ।

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